भारत में अब एक और वैक्सीन को मंजूरी मिल गई है. सोमवार को वैक्सीन मामले की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी (SEC) ने रूस की स्पुतनिक वी को मंजूरी दे दी है.
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नई दिल्ली: देश में तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस के बीच एक राहत वाली खबर है. भारत में अब एक और वैक्सीन को मंजूरी मिल गई है. सरकार ने रूसी कोरोना वैक्सीन SPUTNIK V को इमरजेंसी प्रयोग के लिए मंजूरी दे दी है. सोमवार को वैक्सीन मामले की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी (SEC) ने रूस की स्पुतनिक वी को अप्रूवल दे दिया. स्पूतनिक वी दुनिया में सबसे पहले सामने आई कोरोना की वैक्सीन (Corona Vaccine) थी. वहीं इस साल सितंबर के अंत तक भारत को पांच अन्य निर्माताओं से कोरोना वैक्सीन मिलने की भी उम्मीद है.
दवा कंपनी डॉ. रेड्डीज़ ने कोरोना वायरस रोधी टीके 'स्पूतनिक वी' के तीसरे चरण का क्लिनिकल परीक्षण पूरा किया था. इसके बाद रूस में तैयारी की गई कोविड-19 वैक्सीन Sputnik V को भारत में अप्रूवल दिया गया है. बीते शनिवार को ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने कोरोना की वैक्सीन से जुड़े सवालों का जवाब दिया था. उन्होंने एक निजी चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा था कि देश में स्पूतनिक वैक्सीन के इस्तेमाल को हफ्ते या 10 दिन में मंजूरी मिल जाएगी.
तैयार किए जाएंगे 8.5 करोड़ डोज़
वैक्सीन निर्माण के लिए रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष (आरडीआईएफ) और हैदराबाद स्थित विरचो बायोटेक ने 20 करोड़ खुराक का उत्पादन करने के लिए एक समझौता किया है. स्पुतनिक V भारत को वैक्सीन की 8.5 करोड़ डोज़ मुहैया कराएगा, जिससे कि भारत में कोविड-19 से लड़ाई को बड़े स्तर पर बढ़ावा मिलेगा.
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भारत में इन तीन वैक्सीन को मंजूरी
फिलहाल देश में सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को ही इस्तेमाल किया जा रहा है. ये वैक्सीन युद्धस्तर पर 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को लगाई जा रही है. इन दोनों वैक्सीन के अलावा अब जल्द ही Sputnik V वैक्सीन भी लोगों को लगाई जाएगी.
अन्य दो वैक्सीन से कैसे अलग है Sputnik V वैक्सीन
भारत बायोटेक की Covaxin ने फेज 3 क्लिनिकल ट्रायल में 81% की एफेकसी हासिल की थी.
सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया की Covishield की एफेकसी 62% दर्ज हुई थी. हालांकि डेढ़ डोज देने पर एफेकसी 90% तक पहुंच गई.
फेज 3 ट्रायल के अंतरिम नतीजों में Sputnik V वैक्सीन की एफेकसी 91.6% पाई गई है.
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कैसे दिए जाते हैं डोज
Sputnik V के डिवेलपर्स के अनुसार, इसे भी 2-8 डिग्री सेल्सियस तापमान के बीच स्टोर किया जा सकता है. यह वैक्सीन भी दो डोज में दी जाती है.
Covishield की दो डोज 4-8 हफ्तों के अंतराल पर दी जाती है. इसे स्टोर करने के लिए सब जीरो तापमान (शून्य से कम) की जरूरत नहीं है.
Covaxin की दो डोज 4-6 हफ्तों के अंतराल पर दी जाती है. इसे भी 2-8 डिग्री सेल्सियस के बीच तापमान पर स्टोर कर सकते हैं.
कितनी कारगर है स्पुतनिक-वी? किए गए हैं यह दावे
दुनिया की पहला मेडिकली एप्रूव्ड वैक्सीन
स्पुतनिक वी (SPUTNIK V) कोविड -19 वैक्सीन कोरोनवायरस (Coronavirus) के खिलाफ दुनिया का पहला मेडिकली एप्रूव्ड वैक्सीन (World's first medically approved vaccine) है. इसे रूसी स्वास्थ्य मंत्रालय के सहयोग से गेमालेया रिसर्च इंस्टीट्यूट (The Gamaleya Research Institute) ने तैयार किया है. गेमालेया सेंटर के विशेषज्ञों ने डबल-ब्लाइंड, रैंडम, प्लेसबो-कंट्रोल फेज 3 डायग्नोस्टिक ट्रायल के बाद स्पुतनिक वी वैक्सीन के ज्यादा असरदार होने की पुष्टि की है.
आइए जानते हैं कि कितनी खास है स्पुतनिक-V?
कोरोना की दस्तक के बाद मॉर्डना और फाइजर की mRNA वैक्सीन ही 90% अधिक इफेक्टिव साबित हुई हैं. इसके अलावा स्पुतनिक-V ही सबसे अधिक 91.6% इफेक्टिव रही है. इस वैक्सीन को रूस के गामालेया इंस्टीट्यूट ने रशियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड (RDIF) की फंडिंग से तैयार किया है. ये वैक्सीन दो एडेनोवायरस वेक्टर से बनी है यानी कोवीशील्ड जैसी ही है. जहां एक तरफ कोवीशील्ड में चिम्पांजी में मिलने वाले एडेनोवायरस का इस्तेमाल किया है. वहीं दूसरी तरफ रूसी वैक्सीन में दो अलग-अलग वेक्टरों को मिलाकर इस्तेमाल किया है.
59 देशों में अप्रूवल मिला
इस वैक्सीन की सबसे खास बात यह है कि स्पुतनिक-V को 1 अप्रैल की स्थिति में दुनिया के 59 देशों में अप्रूवल मिल चुका है. सबसे पहले अगस्त 2020 में रूस ने इसे मंजूरी दी थी. इसके बाद बेलारूस, सर्बिया, अर्जेंटीना, बोलिविया, अल्जीरिया, फिलिस्तीन, वेनेजुएला, पैराग्वे, यूएई, तुर्कमेनिस्तान में भी इसे अप्रूवल दिया था. इस अब यूरोपीय यूनियन के ड्रग रेगुलेटर से जल्द ही अप्रूवल मिल सकता है.
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