डॉगी ने दिया 5 बच्चों को जन्म तो जमकर हुआ DJ-डांस, दावत पर आए 12 गांव के 2000 लोग
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डॉगी ने दिया 5 बच्चों को जन्म तो जमकर हुआ DJ-डांस, दावत पर आए 12 गांव के 2000 लोग

पालतू कुतिया ने जब पांच बच्चों को जन्म दिया तो पूरा गांव खुशी से झूम उठा.

जूली (पालतू कुतिया)

सतना: जब किसी घर में किलकारी गूंजती है तो जश्न का माहौल रहता है. लोग खुशी में झूमते हैं और बधाई गीत गाते हैं, लेकिन इन सब से इतर सतना में कुत्ते और इंसानों के बीच प्रेम का अनूठा और अनोखा मामला सामने आया है. जहां जूली नाम की एक पालतू कुतिया ने जब पांच बच्चों को जन्म दिया तो पूरा गांव खुशी से झूम उठा. इसके बाद जो हुआ वो तो देखते ही बनता है.

आमंत्रण कार्ड में लिखी ये बात

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खोही गांव में जूली (कुतिया) ने पांच बच्चों को जन्म दिया तो गांव वालों ने 'बरहौ संस्कार व प्रतिभोज एवं नृत्य, संगीत कार्यक्रम' आयोजित किया. इसके लिए बाकायदा आमंत्रण कार्ड छपवाया गया, जिसमें लिखा कि 'श्री कामतानाथ महाराज जी की असीम अनुकंपा से हमारी प्यारी जूली को पांच पुत्ररत्नों की प्राप्ति आप सभी दावत के लिए आमंत्रित हैं.'

2000 लोगों ने सामूहिक भोज किया

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26 जनवरी के दिन गणतंत्र दिवस के मौके पर गांव में सामूहिक भोज का आयोजन किया गया. कार्यक्रम के दौरान पड़ोसी गांव संग्रामपुर से देवरी पीड़ा लेकर लोग खोही गांव आए. साथ में बैंड बाजा और घोड़ों को भी लाए. खोही गांव के लोगों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम, स्वल्पाहार और भोजन की व्यवस्था की. इसके बाद सभी ने मिलकर कार्यक्रम का लुफ्त उठाया. इस दौरान गांव वाले झूमकर नाचे और नवजात पिल्लों के लिए शुभआशीष का लंबा दौर चला. इस आयोजन में आसपास के 12 गांव के करीब 2000 लोगों ने सामूहिक भोज किया.

गांव से जुड़ी है ये किवदंती

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यह आयोजन यूं ही नहीं किया गया इसके पीछे भी एक किवदंती है. गांव वाले बताते हैं कि इस इलाके में एक वक्त अन्न का अकाल हो गया था, इसके बाद गांव के कुत्तों ने भगवान गैबीनाथ से प्रार्थना की, तब कहीं जाकर अन्न का अकाल दूर हुआ, तभी से यहां कुत्तों को बेहद प्यार दिया जाता है. जूली नाम की पालतू कुत्तिया खोही निवासी मुस्तफा खान के घर पर रह रही है और इस पूरे कार्यक्रम का आयोजन मुस्तफा खान उमेश पटेल और आरके कुरीले ने किया है.

कोरोना काल में दिखा था अलग नजारा

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गांव में जानवरों को लेकर कितना प्रेम है. इसका अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि कोरोना काल के दौरान जब सरकार ने लॉकडाउन लगाया तो यहां श्री कामता नाथ परिक्रमा क्षेत्र में बेजुबानों के लिए आसपास के लोगों ने खाने का इंतजाम किया था. गांव वालों के अलावा सामाजिक संस्थाओं ने भी इस काम में  भाग लिया था. इस दौरान कुत्तों, बंदरों, गायों की भूख मिटाने की व्यवस्था की गई थी.

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