युवतियां कभी भी घर से भागकर शादी मत करना. विधर्मी से शादी करने पर आपको वह सब करना पड़ सकता है, जिसकी आपने अपने जीवन में कभी कल्पना भी नहीं की होगी.
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दमोहः प्रसिद्ध जैन मुनि तरुण सागर का 54वां जन्मदिन है. मध्य प्रदेश के दमोह जिले से संबंध रखने वाले जैन मुनि का निधन 2018 में हो गया था. 51 साल के अपने जीवन में कई लोगों पर उनका गहरा प्रभाव रहा. अपने कड़वे वचनों के लिए प्रसिद्ध जैन मुनि के जन्मदिन पर हम बताने जा रहे हैं उनके 10 वचन जिन्हें हमेशा याद किया जाता है. इन वचनों से हर कोई अपने जीवन में सीख ले सकता है.
यहां पढ़िए उनके 10 कड़वे वचनः-
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14 की उम्र में छोड़ दिया था घर
बहुत कम लोगों को पता होगा कि जैन मुनि तरुण सागर का असली नाम पवन कुमार जैन है. मध्य प्रदेश के दमोह जिले के गहुजी गांव में 26 जून 1967 को उनका जन्म हुआ. शांतिबाई जैन और प्रताप चंद्र जैन के यहां जन्मे बच्चे का नाम उन्होंने पवन रखा. बताया जता है कि 8 मार्च 1981 को उन्होंने अपना घर छोड़ दिया था.
'कड़वे प्रवचन' बुक सीरीज है प्रसिद्ध
छत्तीसगढ़ में उन्होंने शिक्षा और दीक्षा प्राप्त की. अपने प्रवचन के कारण इन्हें 'क्रातिंकारी संत' भी कहा जाता है. 2002 में मध्य प्रदेश और 2003 में गुजरात सरकार ने उन्हें 'राजकीय अतिथि' के रूप में सम्मानित किया. उन्होंने 'कड़वे प्रवचन' के नाम से एक बुक सीरीज भी शुरू की, जो काफी प्रसिद्ध है. इस किताब के लिए वह काफी चर्चा में भी रहते हैं.
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