उज्जैन के बाबा महाकाल मंदिर में सुबह से ही दर्शन के लिए भक्तों का पहुंचना शुरू हो गया है. लेकिन इस बार केवल सीमित संख्या में ही भक्तों को दर्शन मिल रहे हैं.
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उज्जैनः बाबा महाकाल के मंदिर में महाशिवरात्रि को लेकर सभी तैयारियां पूरी हो गई है. खास बात यह है कि इस बार महाकाल मंदिर में मात्र 25 हजार श्रद्धालु ही दर्शन कर पाएंगे. यह फैसला कोरोना के चलते लिया गया है.मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं को सिर्फ प्री बुकिंग के माध्यम से ही दर्शन मिल पाएंगे. जबकि भक्तों को महाकाल के दर्शन के लिए डेढ़ किलोमीटर तक पैदल चलना होगा. यानि बाबा के दर्शनों के लिए डेढ़ घंटे से भी ज्यादा का समय लगेगा.
कोरोना गाइडलाइन के तहत ही मिलेंगे दर्शन
दरअसल, कोविड के मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते केवल 25 हजार लोगों को ही मंदिर में दर्शन करने की इजाजत दी जाएगी. ताकि भीड़ न बढ़े. हालांकि मंदिर प्रशासन ने महाशिवरात्रि को लेकर मंदिर में सभी व्यवस्थाएं कर ली है. वहीं बाबा महाकाल के दर्शन के लिए पहुंचने वाले भक्तों को कोरोना गाइडलाइन के तहत ही मंदिर में प्रवेश मिलेगा. सभी को मास्क लगाना अनिवार्य होगा.
दर्शन के रास्ते में भक्तों को मिलेगी सभी सुविधाएं
बाबा महाकाल के दर्शन के लिए भक्तों को करीब डेढ़ घंटे का समय लगेगा. ऐसे में पूरे रास्ते में कारपेट बिछाया गया है. जबकि जगह-जगह पानी की व्यवस्था की भी गई है. धूप से बचाने के लिए पूरे रास्ते में टेंट भी लगाया गया है. इसके अलावा दर्शन के बाद सभी भक्तों चैनल गेट से बाहर निकाला जाएगा. ताकि सामने वाले रास्ते में भीड़ न बढ़े.
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रात 2:30 बजे से खुल गए पट
महाशिवरात्रि पर रात 2:30 बजे से ही बाबा के मंदिर के पट खुल गए हैं. सुबह से ही भक्तों के दर्शनों का सिलसिला जारी है. शिव तांडव के रूप के साथ हर रोज की तरह शिव पार्वती को कटरा, मेखला, दुपट्टा, मुकुट, मुंड माल छत्र आदि भी अर्पित किए गए, आज बाबा का सुबह 10 से 11 के बीच दौबारा विशेष अभिषेक होगा. जिसके बाद देर रात 12 बजे भक्त बाबा के दर्शन निरंतर कर सकेंगे.
रात 12 बजे बाद फिर बाबा का विशेष पूजन होगा. जिसमे बाबा को 1000 बिल्व पत्र चढ़ाए जायंगे और सप्त धान का मुकुट अर्पित किया जाएगा. दूसरे दिन सेहरा दर्शन के बाद दोपहर 12 बजे बाबा मध्यकालीन भस्मार्ती की जाना है जिसमें बाबा साकार से निराकार रूप धारण करेंगे और कन्या व ब्राह्मण भोज के बाद महाशिवरात्रि पर्व की समाप्ति की जाएगी.
आज होगा बाबा का विवाह
महाशिवरात्रि पर शहर के राजा महाकाल का विवाह होगा क्योंकि उज्जैन के राजा कालों के काल महाकाल हैं. इस बार की महाशिवरात्रि पर महाकाल के पट रात दो बजे से खुल जाएंगे, जहां सबसे पहले महाकाल की भस्म आरती होगी और विशेष श्रृंगार के साथ बाबा की पूजा अर्चना होगी. उज्जैन देश का इकलौता ऐसा शहर है, जहां महाशिवरात्रि का पर्व नौ दिन पहले से ही मानाया जाने लगता है.
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बाबा महाकाल के 9 अवतार भक्तों को दर्शन देते हैं. भोलेनाथ के ये 9 अवतार भक्तों का मन मोह लेते हैं और महाशिवरात्रि के दिन जब उज्जैन के राजा दूल्हा बनकर निकलेंगे तो ये नजारा देखने के लिए भक्तों का सैलाब उमड़ेंगा. महाकाल की नगरी में धरती के राजाओं की नहीं दुनिया के राजाओं की गूंज होती है. महाशिवरात्रि पर बाबा महाकाल की नगरी में शिव के जयकारे गूंजेंगे और शिव की प्रजा अपने राजा का स्वागत धूमधाम से करेगी. जहां शिव के भक्त अपने राजा का पलकें बिछाए इंतजार करेंगे.
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