बुधवार को दोनों कलेक्टर कार्यालय में मदद की गुहार लगाने पहुंचे थे. पढ़िए पूरी खबर.
Trending Photos
खरगोन: मध्य प्रदेश के खरगोन से दोस्ती की अनोखी तस्वीर सामने आयी है, जहां दो दोस्त एक दूजे का हाथ पकड़कर कलेक्ट्रेट पहुंचे. इन दोनों को देखकर बचपन में सुनायी जाने वाली वो कहानी याद आ गई, जिसमें अंधे लड़के की 'आंखें' उसका पैर से दिव्यांग दोस्त बनता है, जबकि पैर से दिव्यांग दोस्त का पैर उसका 'अंधा दोस्त' बनता है.
कसरावद विकासखंड के पीपलगोन के रहने वाले दोनों युवक अच्छे दोस्त हैं. सुनील नेत्रहीन है, जबकि उसका दोस्त सुनील गांगले पैर से दिव्यांग है. नेत्रहीन होने के कारण सुनील कलेक्टर कार्यालय नहीं पहुंच सकता था, इसलिए पैर से दिव्यांग उसका दोस्त उसकी आंखें बनकर उसे कलेक्ट्रेट तक लेकर आया.
यह है पूरा मामला
दरअसल, नेत्रहीन सुनील की मां अर्धविक्षिप्त हैं. उसका भाई बहरा है. तीनों एक छोटे से झोपड़े में रहते हैं. कसरावद तहसीलदार ने झोपड़ा तोड़ने का नोटिस सुनील को दिया है. जिसकी शिकायत करने दिव्यांग सुनील अपने दोस्त की मदद से खरगोन कलेक्टर के मदद मांगने पहुंचा था.
ये भी पढ़ें: राम मंदिर निर्माण के लिए किन्नर समाज ने दिया दान, सौंपा इतने लाख रुपए का चेक
झोपड़ी टूटी तो करेंगे सामूहिक आत्महत्या
सुनील ने बताया कि वे गांव में वर्ष 1997 से झोपड़ी बनाकर रह रहे हैं. जिसका पट्टा पिता नानूराम के नाम से पंचायत द्वारा दिया गया है. अब प्रशासन ने नोटिस दिया है. जिसमें झोपड़ी तोड़ने की बात कही गई है. सुनील कहना है कि प्रशासन या तो अन्य जगह जमीन दे या रहने का साधन दें. अगर हमारा झोपड़ा टूटा तो हम तीनों सामूहिक आत्म हत्या कर लेंगे. सुनील ने बताया कि मैं, मां और भाई दिव्यांग हैं. हमारी आजीविका भिक्षा मांगकर चलती है.
दोनों दोस्तों का नाम सुनील
संयोग से दोनों दोस्तों का नाम सुनील ही है. पैरों से अपाहिज सुनील का कहना है कि उसका दोस्त सुनील और वो हमेशा साथ में रहते हैं. जब भी जरूरत होती है तो सुनील मेरा साथ देता है और जब सुनील को जरूरत होती है तो मैं उसका साथ देता हूं.
ये भी पढ़ें: रेहड़ी-पटरी वालों को बिना गारंटी लोन दे रही सरकार, जानिए कितना और कैसे मिलेगा?
ये भी पढ़ें: झाड़ियों में पड़ा मिला लड़की का शव, पुलिस ने जताई हत्या की आशंका
WATCH LIVE TV