उज्जैन जिले की रहस्यमयी बावड़ी, छिपा है करोड़ों का खजाना, क्या है इस भूलभुलैया का राज
Advertisement
trendingNow1/india/madhya-pradesh-chhattisgarh/madhyapradesh2409863

उज्जैन जिले की रहस्यमयी बावड़ी, छिपा है करोड़ों का खजाना, क्या है इस भूलभुलैया का राज

Ujjain News: मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले में 250 साल पुरानी एक रहस्यमयी बावड़ी है, जहां करोड़ों का खजाना छिपा हुआ है. लेकिन यहां का रहस्य आज तक कोई सुलझा नहीं पाया है. 

उज्जैन जिले की रहस्यमयी बावड़ी

Tala-Koonchi Baori: मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले के महिदपुर में एक ऐसी रहस्यमयी बावड़ी है, जिसके पीछे का पूरा सच आज तक सामने नहीं आया है. 250 साल पुरानी इस बावड़ी को ताला-कुंची बावड़ी के नाम से जाना जाता है. जमीन के अंदर तीन मंजिलां इस बावड़ी में कई ऐसे रास्ते जाते हैं जिनके बारे में आज तक किसी को कुछ पता नहीं चला है. बताया जाता है कि इस बावड़ी में करोड़ों रुपए का खजाना भी छिपा है. किसी समय इस बावड़ी का इस्तेमाल गर्मी के दिनों में कोर्ट लगाने के लिए भी किया जाता था. 

बावड़ी में छिपा है खजाना 

खास बात यह है कि यह बावड़ी गर्मी में भी ठंडी रहती है. इसके बाद जब देश आजादी की लड़ाई में जुटा था, इस बावड़ी का उपयोग छावनी के रूप में किया गया. यहां सैनिक ठहरते थे और हथियारों को सुरक्षित रखा जाता था. कहा जाता है कि इसमें करोड़ों रुपए का खजाना छुपा हुआ है. लेकिन छिपे हुए खजाने तक पहुंचने के लिए कई बार लोगों ने कोशिशें की है. लेकिन हर बार कोशिश नाकाम रही. बता दें जो भी खजाने को लेने नीचे तक गया वह कभी लौट कर बाहर वापस नहीं आया. इसके ताले और कुंजी बावड़ी के रहस्य का उल्लेख गजेटियर में भी किया गया है. जो इसके ऐतिहासिक महत्व का प्रमाण है.

भूल-भुलैया शैली में बनी है बावड़ी 

महिदपुर में बनी इस बावड़ी को वाघ राजा ने 18वीं सदी में बनवाया था. इस बावड़ी को भूल-भुलैया शैली में बनाया गया है. यह अंदर से इस तरीके से बनी है कि एक ही जगह पर इंसान घूमता रह जायेगा. लेकिन उसे बाहर आने का रास्ता नहीं मिलेगा. इसके अंदर जाने के बाद कोई भी व्यक्ति आसानी से खो सकता है. लेकिन सुरक्षा के कारणों से इसमें एक ही एंट्री गेट बनाया गया था. यानी अगर एंट्री गेट पर ताला लग जाए तो फिर तो ये बावड़ी कुंची के बिना नहीं खुल सकती है. बताया जाता है कि इसी वजह से इस बावड़ी का नाम ताला-कुंची की बावड़ी रखा गया था. 

ये भी पढ़ेंः जबलपुर-हैदराबाद फ्लाइट की नागपुर में इमरजेंसी लैंडिंग, बम और डॉग स्क्वायड मौजूद

अंग्रजों का था कब्जा 

पुराने समय में वाघ नाम का राजा इस बावड़ी में अपना खजाना और हथियार छुपाया करता था. वाघ राजा का यहां पर गर्मियों के समय में दरबार सजाया जाता था. यहीं पर राजा लोगों की शिकायतें भी सुना करता था. ताला-कूँची की बावड़ी के अंदर ऐसे रास्ते बनाए हुए थे जो सिधे राजा के किले और अन्य जगहों पर जाते थे. 19वीं शताब्दी में इसके आस-पास की सारी जगह पर अंग्रेजों ने कब्जा कर लिया था. जिसके बाद अंग्रेज इस बावड़ी का इस्तेमाल छावनी के रूप में करने लग गए. अंग्रेज भी इस बावड़ी के अंदर युद्ध में काम में लिए जाने वाले हथियार छुपाकर रखते थे. 

आज तक किसी को नहीं मिला खजाना 

कुछ सालों पहले ताला-कुंची की बावड़ी की सफाई और खुदाई की गई. जिसमें कई सारे हथियार, कारतूस, तलवारें और तोप के गोले पाए गए. ताला-कुंची की बावड़ी में छिपे भव्य खजाने को हड़पने के लिए अंग्रेजों ने इस बावड़ी पर हमला किया और इसे अपने कब्जे में ले लिया. अंग्रेजों को लगता था कि यहां पर बहुत सारा खाजाना है इसलिए उन्होंने बावड़ी में काफी समय तक खुदाई भी करवाई. लेकिन फिर भी उनके हाथ खजाना नहीं लग सका. लोग कहते हैं कि आज भी इस बावड़ी में वाघ राजाओं का अनगिनत खजाना पड़ा हुआ है. भारत के आजाद होने के बाद भी यहां पर खजाना ढूंढने की कोशिश लोगों ने की, लेकिन वे नहीं ढूंढ पाए.

ये भी पढ़ेंः MP को 4 सितंबर के दिन मिल सकता है एक नया जिला, CM मोहन कर सकते हैं घोषणा

मध्य प्रदेश नवीनतम अपडेट्स के लिए ज़ी न्यूज़ से जुड़े रहें! यहां पढ़ें MP Breaking News in Hindi हर पल की जानकारी । मध्य प्रदेश  की हर ख़बर सबसे पहले आपके पास, क्योंकि हम रखते हैं आपको हर पल के लिए तैयार। जुड़े रहें हमारे साथ और बने रहें अपडेटेड! 

Trending news