VALENTINE DAY: कौन थी मृगनयनी? जिसके प्यार में राजा ने बिछवाई 17 मील लंबी वाटर पाइप लाइन
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VALENTINE DAY: कौन थी मृगनयनी? जिसके प्यार में राजा ने बिछवाई 17 मील लंबी वाटर पाइप लाइन

देखने में बेहद खूबसूरत गुर्जर लड़की के इस बल कौशल को देखकर राजा मान सिंह तोमर (Raja Man Sngh Tomar) उसके कायल हो गए. उन्होंने गूजरी (Gujari Bai) के सामने शादी का प्रस्ताव रखा. लेकिन गूजरी ने राजा के प्रस्ताव को मानने से पहले, उनके सामने तीन शर्तें रखीं. 

सांकेतिक तस्वीर.

ग्वालियर: हिंदुस्तान का इतिहास अनेकों प्रेम कहानीयो से भरा पड़ा है. जब इतिहास के पन्नो को पलट कर देखते हैं तो 15वीं शताब्दी में बनवाए गए गूजरी महल (Gujari Mahal Gwalior) से भी प्रेम की एक ऐसी ही अनूठी दास्तां सामने आती है. जो अद्भुत है, अनोखी है और जिसे बार बार याद करने का मन करता है. ग्वालियर गूजरी महल को लेकर एक प्रचलित किवदंति जुड़ी है. कहा जाता है ग्वालियर के राजा मान सिंह तोमर एक बार शिकार के लिए निकले थे. शिकार के दौरान उन्होंने एक गुर्जर लड़की देखा. उस लड़की ने लड़ते हुए दो जंगली भैंसों को उनकी सींग पकड़कर अलग कर दिया.

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देखने में बेहद खूबसूरत गुर्जर लड़की के इस बल कौशल को देखकर राजा मान सिंह तोमर (Raja Man Sngh Tomar) उसके कायल हो गए. उन्होंने गूजरी के सामने शादी का प्रस्ताव रखा. लेकिन गूजरी ने राजा के प्रस्ताव को मानने से पहले, उनके सामने तीन शर्तें रखीं. पहली शर्त ये कि उसके रहने के लिए अलग से महल बनवाया जाए. दूसरी शर्त ये कि गूजरी के पीने के लिए उसके गांव राई से सांक नदी का पानी महल में लाया जाए और तीसरी शर्त ये कि वह पर्दा नहीं करेगी और राजा के साथ रहेगी.

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इतिहासकार लाल बहादुर सिंह ने बताया कि राजा मान सिंह तोमर की पहले से 8 रानियां थीं. इसके बावजूद उन्होंने गूजरी की तीनों शर्तें मान लीं. ग्वालियर किले में अलग से महल बनवाया गया जिसे "गूजरी महल" कहा गया. राई गांव से गूजरी महल तक 17 मील लंबी मिट्टी की पाइप लाइन बिछाकर सांक नदी (Sankh River) का पानी लाया गया. गूजरी हमेशा राजा मान सिंह तोमर के साथ कंधे से कंधा मिलाकर रहीं.

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वक्त के साथ ग्वालियर का खूबसूरत गूजरी महल संग्रहालय में तब्दील हो गया है. इतिहासकारों के मुताबिक रानी गूजरी की आंखें इतनी खूबसूरत थीं कि उनका नाम मृगनयनी (Mrignayani) पड़ गया. हालांकि गूजरी बाई की कोई तस्वीर या कोई पहचान मौजूद नहीं है, लेकिन किले का हर पत्थर, हर कोना, हर आशियाना उनके होने का एहसास कराता है. उस रानी को किसी ने निन्नी कहा, किसी ने गूजरी तो किसी ने मृगनयनी, इस अमर प्रेम की निशानी को देखकर हर पर्यटक हतप्रभ रह जाता है. राई गांव अपना अस्तित्व खो बैठा है, लेकिन गूजरी महल गर्व के साथ हर दिन मृगनयनी और मान सिंह तोमर की प्रेम गाथा सुना रहा है.

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