भारतीय रेलवे ICF कोच को LHB कोच में क्यों बदल रहा है? जानिए क्या है इसकी खासियत
Advertisement
trendingNow1/india/madhya-pradesh-chhattisgarh/madhyapradesh820013

भारतीय रेलवे ICF कोच को LHB कोच में क्यों बदल रहा है? जानिए क्या है इसकी खासियत

साल 2018 में  भारतीय रेलवे ने रेल यात्रा सुरक्षा मानकों को बेहतर बनाने के लिए ICF Coaches बनाना बंद कर दिया था. जिसके बाद से भारतीय रेलवे अब सिर्फ LHB Coaches ही बनाती है. 

भारतीय रेलवे ICF कोच को LHB कोच में क्यों बदल रहा है? जानिए क्या है इसकी खासियत

नई दिल्ली. केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार इस समय सभी ट्रेनों के डिब्बों को LHB coach (Linke Hofmann Busch) में बदल रही है. जिसकी वजह से सरकार ने ICF Coach को बनाना बंद कर दिया है. क्या आप जानते हैं  कि भारतीय रेलवे ने नीले रंग वाले ICF Coach को बनाना  क्यों बंद कर दिया है और अब सिर्फ लाल रंग वाले  LHB coach क्यों बना रही है? तो आइए हम आपको यहां बता रहे हैं....

चोर को कोरोना वायरस का डर लेकिन चोरी का नहीं, देखें VIDEO

जानें ICF और LHB कोच में क्या अंतर ?
साल 2018 में  भारतीय रेलवे ने रेल यात्रा सुरक्षा मानकों को बेहतर बनाने के लिए ICF Coaches बनाना बंद कर दिया था. जिसके बाद से भारतीय रेलवे अब सिर्फ LHB Coaches ही बनाती है. इस रेलवे मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों के पारंपरिक आईसीएफ (ICF) डिजाइन के कोच को चरणबद्ध तरीके से एलएचबी में बदल रहा है. 

1- इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) कोच की तुलना में लिंके हॉफमैन बुश (LHB) कोच का वज़न कम होता है. 
2- दुर्घटना के बाद  ICF कोच के डिब्बे एक के ऊपर एक चढ़ जाते हैं, क्योंकि इसमें Dual Buffer सिस्टम होता है. जबकि दुर्घटना के बाद LHB कोच के डिब्बे एक के ऊपर एक नहीं चढ़ते हैं. इससे दुर्घटना में कम लोगों की जानें जाएंगी.
3- ICF कोच में एयर ब्रेक का प्रयोग किया जाता है, जबकि LHB कोच में डिस्क ब्रेक का प्रयोग होता है. 
4- ICF कोच में बैठने की क्षमता कम होती है (SL-72, 3AC-64) जबकि LHB में  बैठने की क्षमता ज़्यादा होती है (SL-80, 3AC-72).

सैर पर निकला बाघ परिवार, दर्शकों ने किया दीदार, देखें VIDEO

5- ICF कोच का राइड इंडेक्स  3.25 होता है, जबकि LHB कोच का राइड इंडेक्स 2.5–2.75 के बीच होता है.
6- ICF कोच को 18 महीनों में एक बार जबकि LHB कोच को 24 महीनों में एक बार मरम्मत की जरूरत होती है. जिसकी वजह से एसके रखरखाव में भी कम खर्च आता है.  
7- ICF कोच की अधिकतम की गति 110 किमी प्रति घंटा है, जबकि LHB कोच की अधिकतम गति  200 किमी प्रति घंटा है. साथ ही इसकी परिचालन गति 160 किमी प्रति घंटा है. 

आरामदायक यात्रा
यात्रा के दौरान झटकों से बचने के लिए ICF कोच में डूअल स्प्रिंग सस्पेंशन का प्रयोग किया जाता है. जिसकी वजह से इसमें यात्रा के दौरान यात्री ज्यादा आराम नहीं मिलता है. जबकि LHB कोच दो तरह के सस्पेंशन सिस्टम का उपयोग किया जाता है. जिसे एक्सल स्प्रिंग और चार शॉक अब्जोर्बर को प्राइमरी सस्पेंशन कहते हैं और आउटर क्वाइल स्प्रिंग, इनर  क्वाइल स्प्रिंग और शॉक अब्ज़ोर्बर को सेकेंड्री सस्पेंशन कहते हैं. इस वजह से LHB कोच में  ICF कोच के मुकाबले कम झटके लगते हैं. 

एम्बुलेंस में जन्मी लक्ष्मीः मेडिकल स्टाफ ने बीच रास्ते करवाई सफल डिलीवरी, मां-बेटी दोनों स्वस्थ

कोरोना वैक्सीनेशन के लिए MP तैयार, राजधानी में इन जगहों पर Dry Run शुरू

कोरोना के डर से पीपीई किट पहनकर कोविड वार्ड में घुसा चोर, एलईडी टीवी उठा ले गया

पनीर खाने से रह सकते हैं इन रोगों से दूर, डॉक्टर भी देते हैं सलाह

WATCH LIVE TV-

Trending news