मद्रास हाईकोर्ट: मरीना बीच पर करुणानिधि का होगा अंतिम संस्‍कार, ढाई घंटे की बहस में जानें कब क्या हुआ
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मद्रास हाईकोर्ट: मरीना बीच पर करुणानिधि का होगा अंतिम संस्‍कार, ढाई घंटे की बहस में जानें कब क्या हुआ

अदालत ने राज्य सरकार से करुणानिधि के अंतिम संस्कार की व्यवस्था करने के लिए कहा है.

कोर्ट ने आदेश दिया कि गुरु अन्ना की समाधि के बराबर में ही उन्हें दफनाया जाएगा. (फोटो एएनआई)

नई दिल्ली: तमिलनाडु के पूर्व मुख्‍यमंत्री और डीएमके प्रमुख एम. करुणानिधि का अंतिम संस्‍कार चेन्नई के प्रसिद्ध मरीना बीच पर ही होगा. मद्रास हाईकोर्ट के कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश ने इसकी इजाजत दे दी है. गुरु अन्ना की समाधि के बराबर में ही उन्हें दफनाया जाएगा. आपको बता दें कि तमिलनाडु के पूर्व मुख्‍यमंत्री और डीएमके प्रमुख एम करुणानिधि के निधन के बाद उस वक्त विवाद खड़ा हो गया था, जब एआईएडीएमके सरकार ने एम करुणानिधि के अंतिम संस्कार लिए मरीना बीच पर जगह देने से इनकार कर दिया. द्रमुक नेता कन्नदासन कोर्ट के आदेश के बाद कहा कि अदालत ने राज्य सरकार से करुणानिधि के अंतिम संस्कार की व्यवस्था करने के लिए कहा है. करीब ढाई घंटे की सुनवाई के बाद मद्रास हाईकोर्ट ने द्रमुक के पक्ष में अपना फैसला सुनाया. 

सुनवाई में क्या हुआ
- कोर्ट में सुनवाई के दौरान तमिलनाडु सरकार ने डीएमके की मांग के खिलाफ हलफनामा दिया है. 
- इसमें राज्य सरकार ने दलील दी कि मरीना बीच पर अंतिम संस्कार को सिर्फ मौजूदा मुख्यमंत्रियों को ही मरीना बीच पर अंतिम संस्कार के लिए जगह दी गई है. 
- सरकार ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्रियों का अंतिम संस्कार गांधी मंडपम में किया गया है, क्योंकि करुणानिधि मौजूदा मुख्यमंत्री नहीं हैं, इसलिए उनका अंतिम संस्कार भी गांधी मंडपम में किया जाना चाहिए. 
- सरकार की तरफ से कहा गया है कि हमने दो एकड़ जमीन और राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार करने का वादा किया है.
- सरकार ने कहा कि मद्रास हाईकोर्ट में पिछले साल डाली गई सभी 6 याचिकाओं को खारिज किया गया है. इन याचिकाओं में मरीना बीच पर किसी भी तरह के समाधि स्थल बनाने का विरोध किया गया था. 
- तमिलनाडु सरकार ने अपने शपथ-पत्र में कहा कि जब करुणानिधि मुख्यमंत्री थे, तब प्रोटोकॉल बताने के बाद भी उन्होंने पूर्व सीएम जानकी रामचंद्रन की समाधि के लिए जमीन नहीं दी थी. 
- डीएमके के वकील ने दलील दी कि डीएमके संस्थापक अन्ना अकसर कहते थे कि 'करुणानिधि मेरी जिंदगी है'. 
- इसलिए मरीना बीच की जगह गांधी मंडपम के पास करुणानिधि को दफनाना उचित नहीं होगा. 
- कोर्ट में द्रमुक के वकील ने कहा, 'आप करुणानिधि के निधन पर राजकीय शोक घोषित कर सकते हैं, तो फिर समाधि के लिए जगह क्यों नहीं दे सकते'?
- द्रमुक के वकील कोर्ट से कहा कि राज्य की 7 करोड़ जनता में से 1 करोड़ लोग करुणानिधि के समर्थक हैं. अगर मरीना बीच पर समाधि के लिए जगह नहीं दी गई तो वे इससे नाराज हो जाएगें और हो सकता है कि वो विरोध भी करें.
- मद्रास हाईकोर्ट में तमिलनाडु सरकार ने कहा कि वो इस मामले को कोर्ट में लाकर द्रमुक अपना राजनीतिक एजेंडा चला रही है. 
- कोर्ट ने सवाल किया कि पेरियार द्रविड़ आंदोलन के सबसे बड़े नेता थे, क्या उन्हें मरीना बीच पर दफनाया गया ?
- इस बीच राज्य सरकार ने सवाल खड़े किए सुनवाई के दौरान करुणानिधि के परिवार से कोई नहीं है, ये फैसला इतना जल्दी कैसे सुनाया जा सकता है. 
- कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा कि तो क्या इस मामले को एक हफ्ते तक खींचना चाहिए. 
- करीब ढाई घंटे की बहस खत्म हुई और कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश ने आदेश पढ़ना शुरू किया.
- कोर्ट ने आदेश सुनाया कि मरीना बीच पर ही करुणानिधि का अंतिम संस्कार होगा. 

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