BSP की 'हाथी' पर सवार होंगी अतीक अहमद की पत्नी, मेयर चुनाव लड़ने के दिए संकेत
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BSP की 'हाथी' पर सवार होंगी अतीक अहमद की पत्नी, मेयर चुनाव लड़ने के दिए संकेत

Shaista Parveen to join BSP: आज अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन को बसपा की सदस्यता दिलाई जाएगी. साथ ही संभावना ये भी है कि उन्हें बसपा की तरफ से मेयर पद का उम्मीदवार भी घोषित किया जाएगा. 

BSP की 'हाथी' पर सवार होंगी अतीक अहमद की पत्नी, मेयर चुनाव लड़ने के दिए संकेत

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में मिली करारी हार के बाद बहुजन समाज पार्टी मुस्लिमों में अपनी पैठ को और मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित कर दिया है. इसी कड़ी में जेल में बंद हत्या समेत 98 मामलों में आरोपी माफिया अतीक अहमद का जुड़ाव बसपा सुप्रिमो मायावती के साथ होने जा रहा है. अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन आज बहुजन समाज पार्टी का दामन थामने जा रही हैं.

बसपा की तरफ से गुरुवार यानी आज अलोपीबाग के सरदार पटेल संस्थान में कार्यकर्ता सम्मेलन बुलाया है. संभावना जताई जा रही है कि इसी सम्मेलन में अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन को पार्टी की सदस्यता दिलाई जाएगी. साथ ही संभावना ये भी है कि उन्हें बसपा की तरफ से मेयर पद का उम्मीदवार भी घोषित किया जाएगा. दरअसल, बसपा ऐसा कोई मौका हाथ से जाने नहीं देना चाहती जिससे वो ये दिखा सके कि वो ही मुस्लिमों की सबसे बड़ी हितैषी है.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक शाइस्ता परवीन ने अतीक अहमद की सलाह पर ही ये राजनीतिक कदम उठाया है. यूपी विधानसभा चुनावों में साल 2022 में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने शाइस्ता को अपना उम्मीदवार घोषित किया था लेकिन इसके बाद भी शाइस्ता ने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था. उसी दौरान ये चर्चा उठ चली थी कि वो बसपा का दामन थाम सकती हैं.

वहीं, निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर राजनीति की शुरुआत करने वाले अतीक अहमद समाजवादी पार्टी और अपना दल के साथ रह चुके हैं. अब बसपा से उनकी नई सियासी पारी की शुरुआत होने जा रही है. अतीक अहमद की तरफ मदद का हाथ बढ़ाने वाली ये वही बसपा है जिसके पूर्व विधायक राजू पाल की हत्या के आरोपी कोई और नहीं, बल्कि खुद अतीक है.

अतीक पर 98 केस दर्ज हैं और उनकी व उनके गुर्गों की करीब 1000 हजार करोड़ की संपत्ति कुर्क की जा चुकी है. अब अतीक का परिवार बाकी बची संपत्ति को बचाने में जुटा है. हाल ही में अतीक ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ में कसीदे पढ़े थे. अब बसपा से पत्नी के हाथ मिलाने के फैसले को भी इसी से जोड़कर देखा जा रहा है. हालांकि, इसके बाद भी अतीक के सिर से संकट के बादल छटेंगे, ये कहना मुश्किल है.

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