महाराष्ट्र में त्रिशंकु विधानसभा के बीच यह तय है कि सरकार बीजेपी ही बनाएगी। सिर्फ यह तय होना है कि क्या वह शिवसेना के साथ मिलकर सरकार बनाएगी या फिर एनसीपी से बाहर से समर्थन हासिल करेगी।
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ज़ी मीडिया ब्यूरो
मुंबई: महाराष्ट्र में त्रिशंकु विधानसभा के बीच यह तय है कि सरकार बीजेपी ही बनाएगी। सिर्फ यह तय होना है कि क्या वह शिवसेना के साथ मिलकर सरकार बनाएगी या फिर एनसीपी से बाहर से समर्थन हासिल करेगी।
इस बीच महाराष्ट्र में सरकार बनाने की कोशिशों में जुटी बीजेपी में नए मुख्यमंत्री की भी तलाश तेज हो गई है। यूं तो मुख्यमंत्री पद की रेस में कई नेता शामिल हैं जिसमें महाराष्ट्र बीजेपी के अध्यक्ष देवेंद्र फड़णवीस सबसे आगे चल रहे हैं।
महाराष्ट्र बीजेपी अध्यक्ष देवेंद्र फड़नवीस राज्य के सबसे युवा नेता रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी के साथ साथ संघ की भी पहली पसंद हैं। सूत्रों के मुताबिक, 14 अक्टूबर को अमित शाह की मौजूदगी में बीजेपी की एक अहम बैठक में देवेंद्र के नाम पर पार्टी के अंदर सहमति बन चुकी है। फडनवीस युवा हैं, साथ ही संघ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पसंद माने जाते हैं। लेकिन 44 साल के देवेंद्र की कमजोरी यह है कि राज्य की सियासत में उनका जनाधार नहीं हैं।
राज्य में बीजेपी को बहुमत नहीं मिला है, सरकार बनाने के लिए उसे गठबंधन की जरूरत पड़ेगी। बताया जा रहा है कि कहा जा रहा है कि ऐसे में किसी अनुभवी नेता को मुख्यमंत्री बनाने की बात आ सकती है। ऐसे में केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी भी सीएम पद के दावेदार हो सकते हैं। हालांकि गडकरी साफ कर चुके हैं कि अब मुंबई में उनका मन नहीं लगता। वह दिल्ली में ही रहकर काम करना पसंद करेंगे।
बीजेपी के ही एक और बड़े नेता एकनाथ खड़गे हैं । वह सरपंच से मंत्री तक का सफर तय कर चुके एकनाथ किसान नेता हैं। पूरे महाराष्ट्र पर इनकी अच्छी पकड़ है, लेकिन इनका उम्रदराज होना और खराब स्वास्थ्य इनके खिलाफ जा सकता है।
महाराष्ट्र के दिवंगत बीजेपी नेता गोपीनाथ मुंडे की बेटी पंकजा मुंडे भी प्रदेश की पहली महिला मुख्यमंत्री बनने का सपना देख रही हैं। वह ओबीसी चेहरा हैं और अपनी इस ख्वाहिश के बारे में बता भी चुकी हैं। दूसरी तरफ महाराष्ट्र में विनोद तावड़े बीजेपी के बड़े नेता हैं। तावड़े नेता विपक्ष की भूमिका निभा चुके हैं हालांकि हाल ही में एक चुनावी सभा में उन्होंने कहा था कि बीजेपी की सरकार बनी तो गृहमंत्री वो ही बनेंगे।
गौर हो कि महाराष्ट्र में मोदी लहर पर सवार बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनने में सफल रही लेकिन राज्य में ‘त्रिशंकु विधानसभा’ बनना तय है। महाराष्ट्र में ऐसी स्थिति उभरी है जहां भाजपा और शिवसेना के फिर से करीब आने की संभावना बने। राज्य में चुनाव नतीजों एवं रूझान से मिले संकेत के आधार पर बीजेपी बहुमत के जादुई आंकड़े से पीछे है जिससे राज्य में एक बार फिर गठबंधन सरकार की संभावना बलवती हो गई है। शिवसेना पूर्व में भाजपा की सहयोगी पार्टी रही थी लेकिन इस चुनाव से पहले इनके बीच गठबंधन टूट गया। देखना यह है कि अपनी सरकार और अपने सीएम बनाने की कवायद में जुटी बीजेपी सरकार का गठन किसका गठजोड़ कर करती है।