Mahua Moitra: अपने आदेश में लोकपाल ने कहा है कि दस्तावेजों के आकलन के बाद यह परिणाम सामने आया है कि कोई संदेह नहीं है कि आरोप बेहद गंभीर प्रकृति के हैं और अधिकतर आरोप ठोस सबूतों द्वारा समर्थित हैं.
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Cash For Query: टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा के खिलाफ लोकपाल ने सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं. पश्चिम बंगाल की कृष्णानगर लोकसभा सीट से चुनावों के लिए टीएमसी उम्मीदवार महुआ मोइत्रा की मुश्किलें ऐसे में फिर से बढ़ गई हैं. कैश फॉर क़्वेरी मामले में लोकपाल ने सीबीआई को मामला दर्ज करने का आदेश दिया है. जानकारी के मुताबिक महुआ मोइत्रा के ऊपर मामला भी दर्ज किया जाएगा और सीबीआई को यह रिपोर्ट छह महीने में सौंपना है.
असल में बीजेपी नेता और झारखंड के गोड्डा से सांसद निशिकांत दुबे ने मंगलवार को ट्विटर पर लिखा कि मेरी शिकायत को सही मानते हुए लोकपाल ने महुआ मोइत्रा के खिलाफ CBI को जांच करने का आदेश दिया है. यानी चंद पैसों के लिए तृणमूल कांग्रेस की पूर्व सांसद ने हीरानंदानी के साथ भ्रष्टाचार व देश की सुरक्षा को गिरवी रखा.
'आरोप बेहद गंभीर प्रकृति के..'
अपने आदेश में लोकपाल ने कहा है कि दस्तावेजों के आकलन के बाद यह परिणाम सामने आया है कि कोई संदेह नहीं है कि आरोप बेहद गंभीर प्रकृति के हैं और अधिकतर आरोप ठोस सबूतों द्वारा समर्थित हैं. ऐसे में यह महत्वपूर्ण हो जाता है कि एक लोक सेवक एक अपने पद पर रहने के दौरान कर्तव्यों के निर्वहन में ईमानदारी बरते. यह भी कहा गया है कि ये आदेश रिकॉर्ड पर मौजूद संपूर्ण जानकारी का सावधानीपूर्वक मूल्यांकन और विचार के बाद दिया गया है.
किसी झटके से कम नहीं..
फिलहाल अब चुनाव सिर पर हैं और महुआ मोइत्रा को टीएमसी ने एक बार फिर कृष्णानगर सीट से उम्मीदवार बनाया गया है. ऐसे में लोकपाल का यह निर्णय महुआ के लिए किसी झटके से कम नहीं हैं. अब देखना होगा कि उनकी प्रतिक्रिया क्या सामने आती है. मालूम हो कि कैश फॉर क़्वेरी में किरकिरी होने के बाद मोइत्रा को पिछले साल दिसंबर में लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया था. हालांकि उन्होंने इसे चुनौती देते हुए उच्चतम न्यायालय का रुख किया है. अब इस मामले की जांच सीबीआई को दी गई है.