Manipur Update: मणिपुर में 29 अगस्त से असेंबली सेशन पर कुकी संगठनों ने जताया विरोध, सरकार से की ये अपील
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Manipur Update: मणिपुर में 29 अगस्त से असेंबली सेशन पर कुकी संगठनों ने जताया विरोध, सरकार से की ये अपील

Manipur Violence Update: मणिपुर में 29 अगस्त से बुलाया गया असेंबली का सेशन क्या हो पाएगा या नहीं, इसके बारे में बड़ा संशय बना हुआ है. अब इस सेशन पर कुकी संगठनों ने बड़ा बयान दिया है. 

Manipur Update: मणिपुर में 29 अगस्त से असेंबली सेशन पर कुकी संगठनों ने जताया विरोध, सरकार से की ये अपील

Reaction of Kuki organizations on assembly session in Manipur: मणिपुर के दो प्रमुख आदिवासी संगठनों ने रविवार को सरकार से आदिवासियों की भावनाओं और राज्य की स्थिति को देखते हुए 29 अगस्त के विधानसभा सत्र को स्थगित करने की मांग की. इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (ITLF) और कमेटी ऑन ट्राइबल यूनिटी (CTU) ने रविवार रात एक संयुक्त बयान में कहा कि 29 अगस्त को होने वाले विधानसभा सत्र को सामान्य स्थिति बहाल होने और कुकी-ज़ो समुदाय के लोगों के पूरी तरह से संतुष्ट होने तक स्थगित किया जाना चाहिए.

'29 अगस्त का सत्र बुलाना एक अनुचित निर्णय'

उन्होंने कहा, 'अगर सरकार अल्पसंख्यक जनजातीय लोगों की भावनाओं पर विचार किए बिना सत्र को आगे बढ़ाने का फैसला करती है, तो इससे उत्पन्न होने वाली किसी भी अप्रिय घटना की पूरी जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी.' आईटीएलएफ सचिव मुआन टोम्बिंग और सीटीयू सचिव लैनमिनलुन सिंगसिट ने संयुक्त बयान में कहा कि 29 अगस्त का सत्र बुलाना एक अनुचित निर्णय है, क्योंकि मौजूदा स्थिति कुकी-ज़ो विधायकों के भाग लेने के लिए बिल्कुल भी अनुकूल नहीं है.

'अत्याधुनिक हथियार और गोला-बारूद लूटे गए'

उन्होंने कहा (Kuki organizations) कि 3 मई को मौजूदा जातीय हिंसा के फैलने के बाद से, इंफाल घाटी में 100 से अधिक निर्दोष कुकी-ज़ो लोगों की हत्या और सैकड़ों चर्चों और क्वार्टरों समेत हजारों घरों को नष्ट कर दिया गया है. 'यहां तक कि मंत्रियों और विधायकों के जीवन और संपत्तियों को भी नहीं बख्शा गया. महिलाओं को निर्वस्त्र किया गया, नग्न घुमाया गया, बलात्कार किया गया और उनकी हत्या कर दी गई. हजारों अत्याधुनिक हथियार और लाखों गोला-बारूद लूट लिए गए और अभी भी बड़े पैमाने पर ऐसा हो रहा है.

'राज्य में पूरी तरह अराजकता'

दोनों आदिवासी संगठनों (Kuki organizations) ने दावा किया, 'इन सबके बावजूद सरकार दोषियों को खुलेआम घूमने की अनुमति देती है. इन सभी घटनाओं ने राज्य को पूरी तरह से युद्ध क्षेत्र में बदल दिया है. राज्य में पूरी तरह अराजकता है. जारी हिंसा को नियंत्रित करने के बजाय विधानसभा सत्र बुलाने का कदम उठाया जा रहा है.'

मणिपुर में 3 मई से चल रही है हिंसा

बताते चलें कि राज्य में 3 मई से मैतेई और कुकी समुदाय (Kuki organizations) में जारी हिंसा अब भी जारी है. इसकी वजह से राज्य में दोनों समुदायों के बीच बड़ी खाई पैदा हो गई है. हालात संभालने के लिए राज्य में करीब 60 हजार सुरक्षाकर्मी तैनात हैं. सीएम एन बीरेन सिंह की अपील राज्यपाल अनुसुइया उइके ने 29 अगस्त से असेंबली का सेशन बुलाया है, जिसमें मौजूदा हालात पर चर्चा की जाएगी. 

(एजेंसी आईएएनएस)

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