Manipur Violence News: जातीय हिंसा से जूझ रहे मणिपुर में एक सकारात्मक घटना देखने को मिली है. वहां पर बॉलीवुड ने 20 साल बाद फिर से अपनी एंट्री कर ली है. कुकी संगठन ने उग्रवादियों के बैन के खिलाफत के तौर पर ओपन थिएटर में विक्की कौशल की सुपरहिट फिल्म का प्रदर्शन किया.
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Manipur Violence Latest Updates: पिछले 3 महीने से जातीय हिंसा से जूझ रहे मणिपुर में 20 साल बाद पहली बार हिंदी फिल्म का प्रदर्शन हुआ. कुकी बाहुल्य वाले चुराचांदपुर के एक अस्थाई ओपन एयर थिएटर में पाकिस्तान के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक पर आधारित हिंदी बॉलीवुड फिल्म दिखाई गई. रेंगकई इलाके में विक्की कौशल अभिनीत ‘उरी: द सर्जिकल स्ट्राइक’ मूवी को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग उमड़े. इसका आयोजन आदिवासी संगठन ‘हमार छात्र संघ’ (HSA) ने किया था.
उग्रवादी समूह ने लगा दिया था हिंदी फिल्मों पर बैन
HSA ने कहा कि उसने सितंबर 2000 में ‘रेवोल्यूशनरी पीपुल्स फ्रंट’ (RPF) की ओर से हिंदी फिल्मों पर लगाए गए प्रतिबंधों के खिलाफ अपना विरोध व्यक्त करने के इस फिल्म का प्रदर्शन किया था. इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम के एक प्रवक्ता ने बयान में कहा, ‘दो दशक से अधिक समय से हमारे शहर में एक भी फिल्म (Manipur Violence Latest Updates) प्रदर्शित नहीं हुई है. मेइती लोगों ने लंबे समय से हिंदी फिल्मों पर प्रतिबंध लगा रखा है.’
फिल्म दिखाने से पहले गाया गया राष्ट्रगान
संगठन ने अपने बयान में कहा,‘यह कदम मेइती समूहों की राष्ट्र-विरोधी नीतियों को चुनौती देना और भारत के प्रति अपना प्यार दिखाना है.’ यह संगठन खुद को कुकी जनजातियों की आवाज बताता है. फिल्म दिखाने से पहले ओपन एयर थिएटर (Manipur Violence Latest Updates) में राष्ट्रगान बजाया गया. इसके बाद सभी लोगों ने भारत माता के जयकारे लगाए. संगठन ने कहा कि अब आदिवासी सभी तरह के आतंकवाद से मुक्ति चाहते हैं.
वर्ष 1998 में दिखाई गई थी आखिरी फिल्म
HSA ने बताया कि मणिपुर (Manipur Violence Latest Updates) में आखिरी बार हिंदी फिल्म 1998 में ‘कुछ कुछ होता है’ दिखाई गई थी. इसके 12 सितंबर 2000 को आतंकी समूह ने मणिपुर में हिंदी फिल्मों के मंचन पर बैन लगा दिया था. यह बैन लगाए जाने के एक सप्ताह के भीतर विद्रोहियों ने राज्य की दुकानों से इकट्ठे करके करीब 8 हजार वीडियो और ऑडियो कैसेट जला दिए थे.
उग्रवादी समूह RPF ने राज्य में इस प्रतिबंध की कोई स्पष्ट वजह नहीं बताई थी लेकिन बाद में केबल ऑपरेटरों ने कहा था कि उग्रवादी समूह को राज्य की भाषा और संस्कृति पर बॉलीवुड का नकारात्मक असर पड़ने की आशंका थी.
(एजेंसी भाषा)