मणिपुर वायरल वीडियो: Twitter की मंशा पर शक,सरकार उठा सकती है सख्त कदम
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मणिपुर वायरल वीडियो: Twitter की मंशा पर शक,सरकार उठा सकती है सख्त कदम

Manipur Viral Video: क्या मणिपुर वायरल वीडियो को रोकने में ट्विटर ने अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई. केंद्र सरकार ने सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से वीडियो को और अधिक सर्कुलेट होने से रोकने के लिए आदेश जारी किए है. इन सबके बीच ट्विटर पर भी कार्रवाई हो सकती है.

मणिपुर वायरल वीडियो: Twitter की मंशा पर शक,सरकार उठा सकती है सख्त कदम

Manipur Viral Video:  मेइती और कूकी विवाद की वजह से मणिपुर पहले से ही चर्चा में है लेकिन गुरुवार को एक वीडियो के सामने आने के बाद देश सन्न था. जिस किसी के कान तक खबर पहुंची सिर्फ एक ही सवाल यह कैसे हो सकता है. वीडियो करीब दो महीना पुराना है जिसमें महिलाओं को नग्न अवस्था में परेड कराया गया था. इस वीडियो के वायरल होते ही पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि मन में पीड़ा और गुस्सा है..इसे किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जा सकता. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने संवैधानिक संकट बताया. केंद्र सरकार हरकत में आई और वायरल वीडियो को रोकने के संबंध में रोकने के निर्देश जारी किए. इसके साथ यह भी जानकारी सामने आ रही है कि ट्विटर पर सरकार ऐक्शन ले सकती है.

ट्विटर की मंशा पर शक

सरकार से जुड़े लोगों का मानना है कि इस तरह के शर्मनाक वीडियो का सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए सर्कुलेट किया गया वो गाइडलाइंस और नियमों के खिलाफ है. बताया जा रहा है कि ट्विटर से इस वीडियो को हटाने के निर्देश जारी किए गए है कि इसे अब किसी भी सूरत में सर्कुलेट ना होने दिया जाए. आदेश में स्पष्ट किया गया है कि इस वीडियो को कोई भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म किसी भी सूरत में सर्कुलेट ना करे. इस मामले में जांच जारी है और किसी भी प्लेटफॉर्म को भारत के विधि विधान को मानना होगा. जानकार भी कह रहे हैं कि जब ट्विटर ने खुद गाइडलाइंस जारी की है कि वो इस तरह के वीडियो को अपलोड नहीं होने देंगे तो आखिर यह वीडियो अपलोड कैसे हो गया. मामला 4 मई के आसपास का है और अब यह वीडियो वायरल हुआ है. इसका अर्थ यह है कि किसी ना किसी साजिश के तहत इसे वायरल होने दिया गया.

 

पीएम मोदी ने क्या कहा

मणिपुर वायरल वीडियो के बारे में पीएम नरेंद्र मोदी ने साफ तौर पर कहा कि किसी भी सूरत में इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है. संसद की कार्यवाही से पहले उन्होंने कहा कि वो देश के सभी मुख्यमंत्रियों से अपील करते हैं कि इस तरह के मामलों को सख्ती से रोका जाए. आधुनिक समाज में इस तरह की हरकतों के लिए किसी तरह की जगह नहीं है। इन सबके बीच एआईएमआईए के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि सरकार की नींट तब टूटी जब यह वीडियो सामने आया. मोदी सरकार बेटियों के बचाने की बातें करती है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है।

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