'मन की बात' में बोले पीएम मोदी, ओलंपिक से बदला भारत के युवा का मन
Advertisement
trendingNow1974972

'मन की बात' में बोले पीएम मोदी, ओलंपिक से बदला भारत के युवा का मन

Mann Ki Baat Updates: पीएम मोदी ने आज मन की बात कार्यक्रम में देशवासियों को जन्माष्टमी की बधाई दी. उन्होंने भगवान विश्वकर्मा को भी याद किया. प्रधानमंत्री ने अपने कई अनुभवों को साझा किया.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो) | फोटो साभार: PTI

नई दिल्ली: आज (रविवार को) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने 'मन की बात' कार्यक्रम के जरिए देशवासियों को संबोधित किया. मन की बात (Mann Ki Baat) का 80वां संस्करण आकाशवाणी के सभी केंद्रों से प्रसारित किया गया. बता दें कि मन की बात कार्यक्रम का प्रसारण प्रसार भारती ने 23 भाषाओं में किया.

  1. पीएम मोदी ने मेजर ध्यानचंद को किया याद
  2. मन की बात में पीएम ने भालका तीर्थ का किया जिक्र
  3. पीएम ने इंदौर के वासियों को दी बधाई

- पीएम मोदी ने कहा कि मेरे प्यारे देशवासियों, नमस्कार. हम सबको पता है आज मेजर ध्यानचंद जी की जन्म जयंती है और हमारा देश उनकी स्मृति में इसे राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाता भी है. मैं सोच रहा था कि शायद, इस समय मेजर ध्यानचंद जी की आत्मा जहां भी होगी, बहुत ही प्रसन्नता का अनुभव करती होगी क्योंकि दुनिया में भारत की हॉकी का डंका बजाने का काम ध्यानचंद जी की हॉकी ने किया था और चार दशक बाद, करीब-करीब 41 साल के बाद, भारत के नौजवानों ने, बेटे और बेटियों ने हॉकी के अंदर फिर से एक बार जान भर दी.

- प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कितने ही पदक क्यों न मिल जाएं, लेकिन जब तक हॉकी में पदक नहीं मिलता भारत का कोई भी नागरिक विजय का आनंद नहीं ले सकता है और इस बार ओलंपिक में हॉकी का पदक मिला, चार दशक के बाद मिला.

- उन्होंने कहा कि आप कल्पना कर सकते हैं मेजर ध्यानचंद जी के दिल पर, उनकी आत्मा पर, वो जहां होंगे, वहां कितनी प्रसन्नता होती होगी. आज जब हमें देश के नौजवानों में हमारे बेटे-बेटियों में खेल के प्रति जो आकर्षण नजर आ रहा है, माता-पिता को भी बच्चे अगर खेल में आगे जा रहे हैं तो खुशी हो रही है, ये जो ललक दिख रही है न मैं समझता हूं यही मेजर ध्यानचंद जी को बहुत बड़ी श्रद्धांजलि है.

ये भी पढ़ें- महाराष्ट्र सरकार से अन्ना का सवाल, अगर बार खुल सकते हैं तो मंदिर क्यों नहीं?

- पीएम मोदी ने कहा कि साथियों जब खेल-कूद की बात होती है न तो स्वाभाविक है हमारे सामने पूरी युवा पीढ़ी नजर आती है. और जब युवा पीढ़ी की तरफ गौर से देखते हैं कितना बड़ा बदलाव नजर आ रहा है. युवा का मन बदल चुका है. आज का युवा मन घिसे-पिटे पुराने तौर तरीकों से कुछ नया करना चाहता है, हटकर के करना चाहता है. आज का युवा मन बने बनाए रास्तों पर चलना नहीं चाहता है. वो नए रास्ते बनाना चाहता है. Unknown जगह पर कदम रखना चाहता है.

- प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हम देखते हैं अभी कुछ समय पहले ही भारत ने अपने Space Sector को Open किया और देखते ही देखते युवा पीढ़ी ने उस मौके को पकड़ लिया और इसका लाभ उठाने के लिए कॉलेजों के छात्र और प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले नौजवान बढ़-चढ़ करके आगे आए हैं. मुझे पक्का भरोसा है कि आने वाले दिनों में बहुत बड़ी संख्या ऐसे Satellites की होगी, जो हमारे युवाओं ने, हमारे छात्रों ने, हमारे कॉलेज ने, हमारी Universities ने, लैब में काम करने वाले छात्रों ने बनाए होंगे.

- उन्होंने आगे कहा कि आज छोटे-छोटे शहरों में भी Start-up Culture का विस्तार हो रहा है और मैं उसमें उज्जवल भविष्य के संकेत देख रहा हूं. अभी कुछ दिन पहले ही हमारे देश में खिलौनों की चर्चा हो रही थी. देखते ही देखते जब हमारे युवाओं के ध्यान में ये विषय आया उन्होंने भी मन में ठान लिया कि दुनिया में भारत के खिलौनों की पहचान कैसे बने? खिलौने कैसे बनाना, खिलौने की विविधता क्या हो, खिलौनों में Technology क्या हो, Child Psychology के अनुरूप खिलौने कैसे हो? आज हमारे देश का युवा उसकी ओर ध्यान केंद्रित कर रहा है, कुछ Contribute करना चाहता है.

ये भी पढ़ें- अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के करीबी गैंगस्टर फहीम मचमच की मौत, यहां छिपा था

- पीएम मोदी ने कहा कि साथियों, इस बार Olympic ने बहुत बड़ा प्रभाव पैदा किया है. Olympic के खेल पूरे हुए और अभी Paralympics चल रहा है. देश के लिए इस खेल जगत में जो कुछ भी हुआ, विश्व की तुलना में भले कम होगा, लेकिन विश्वास भरने के लिए तो बहुत कुछ हुआ.

- प्रधानमंत्री ने कहा कि आज युवा सिर्फ Sports की तरफ देख ही रहा है ऐसा नहीं है, वह उससे जुड़ी संभावनाओं की भी ओर देख रहा है. उसके पूरे Ecosystem को बहुत बारीकी से देख रहा है, उसके सामर्थ्य को समझ रहा है और किसी न किसी रूप में खुद को जोड़ना भी चाहता है. अब वो Conventional चीजो से आगे जाकर New Disciplines को अपना रहा है.

- उन्होंने कहा कि अब देश में खेल, खेल-कूद, Sports, Sportsman Spirit अब रुकना नहीं है. इस Momentum को पारिवारिक जीवन में, सामाजिक जीवन में, राष्ट्र जीवन में स्थाई बनाना है, ऊर्जा से भर देना है, निरंतर नई ऊर्जा से भरना है. सबके प्रयास से ही भारत खेलों में वो ऊंचाई प्राप्त कर सकेगा, जिसका वो हकदार है. मेरे प्यारे नौजवानों, हमें इस अवसर का फायदा उठाते हुए अलग-अलग प्रकार के Sports में महारत भी हासिल करनी चाहिए. गांव-गांव खेलों की स्पर्धाएं निरंतर चलती रहनी चाहिए.

- पीएम मोदी ने कहा कि मेरे प्यारे देशवासियों कल जन्माष्टमी का महापर्व भी है. जन्माष्टमी का ये पर्व भगवान श्री कृष्ण के जन्म का पर्व है. हम भगवान के सब स्वरूपों से परिचित हैं, नटखट कन्हैया से ले करके विराट रूप धारण करने वाले कृष्ण तक, शास्त्र सामर्थ्य से ले करके शस्त्र सामर्थ्य वाले कृष्ण तक. कला हो, सौंदर्य हो, माधुर्य हो, कहां-कहां कृष्ण हैं. लेकिन ये बातें मैं इसलिए कर रहा हूं कि जन्माष्टमी से कुछ दिन पहले मैं एक ऐसे दिलचस्प अनुभव से गुजरा हूं तो मेरा मन करता है ये बातें मैं आपसे करूं.

- प्रधानमंत्री ने कहा कि सोमनाथ मंदिर से 3-4 किलोमीटर दूरी पर ही भालका तीर्थ है, ये भालका तीर्थ वो है जहां भगवान श्री कृष्ण ने धरती पर अपने अंतिम पल बिताए थे. एक प्रकार से इस लोक की उनकी लीलाओं का वहां समापन हुआ था. सोमनाथ ट्रस्ट द्वारा उस सारे क्षेत्र में विकास के बहुत सारे काम चल रहे हैं. मैं भालका तीर्थ और वहां हो रहे कार्यों के बारे में सोच ही रहा था कि मेरी नजर, एक सुंदर सी Art-book पर पड़ी.

- उन्होंने कहा कि यह किताब मेरे आवास के बाहर कोई मेरे लिए छोड़कर गया था. इसमें भगवान श्री कृष्ण के अनेकों रूप, अनेकों भव्य तस्वीरें थीं. बड़ी मोहक तस्वीरें थीं और बड़ी Meaningful तस्वीरें थी. मैंने किताब के पन्ने पलटना शुरू किया, तो मेरी जिज्ञासा जरा और बढ़ गई. जब मैंने इस किताब और उन सारे चित्रों को देखा और उस पर मेरे लिए एक संदेश लिखा और तो जो वो पढ़ा तो मेरा मन कर गया कि उनसे मैं मिलूं.

- पीएम मोदी ने कहा कि दूसरे ही दिन मेरी मुलाकात जदुरानी दासी जी से हुई. वे अमेरिकी हैं, उनका जन्म अमेरिका में हुआ. जदुरानी दासी जी ISKCON से जुड़ी हैं, हरे कृष्णा मूवमेंट से जुड़ी हुई हैं और उनकी एक बहुत बड़ी विशेषता है भक्ति Arts में वो निपुण हैं. आप जानते हैं अभी दो दिन बाद ही एक सितंबर को  ISKCON के संस्थापक श्रील प्रभुपाद स्वामी जी की 125वीं जयंती है. जदुरानी दासी जी इसी सिलसिले में भारत आई थीं.

- प्रधानमंत्री ने कहा कि साथियों दुनिया के लोग जब आज भारतीय अध्यात्म और दर्शन के बारे में इतना कुछ सोचते हैं, तो हमारी भी जिम्मेदारी है कि हम अपनी इन महान परम्पराओं को आगे लेकर जाएं. जो कालबाह्यी है उसे छोड़ना ही है लेकिन जो कालातीत है उसे आगे भी ले जाना है. हम अपने पर्व मनाएं, उसकी वैज्ञानिकता को समझें, उसके पीछे के अर्थ को समझें. इतना ही नहीं हर पर्व में कोई न कोई संदेश है, कोई न कोई संस्कार है. हमें इसे जानना भी है, जीना भी है और आने वाली पीढ़ियों के लिए विरासत के रूप में उसे आगे बढ़ाना भी है.

- उन्होंने कहा कि हम ये भलीभांति जानते हैं कि जब भी स्वच्छ भारत अभियान की बात आती है तो इंदौर का नाम आता ही आता है क्योंकि इंदौर ने स्वच्छता के संबंध में अपनी एक विशेष पहचान बनाई है और इंदौर के नागरिक इसके अभिनंदन के अधिकारी भी हैं. अब इंदौर के लोग स्वच्छ भारत के इस रैंकिंग से संतोष पाकर के बैठना नहीं चाहते हैं वे आगे बढ़ना चाहते हैं, कुछ नया करना चाहते हैं. वो ‘Water Plus City’ बनाए रखने के लिए जी जान से जुटे हुए हैं. 

- पीएम मोदी ने कहा कि ‘Water Plus City’ यानी ऐसा शहर जहां बिना Treatment के कोई भी सीवेज किसी सार्वजनिक जल स्त्रोत में नहीं डाला जाता. इंदौर के नागरिकों ने खुद आगे आकर अपनी नालियों को सीवर लाइन से जोड़ा है. स्वच्छता अभियान भी चलाया है और इस वजह से सरस्वती और कान्ह नदियों में गिरने वाला गंदा पानी भी काफी कम हुआ है और सुधार नजर आ रहा है.

- प्रधानमंत्री ने कहा कि RJ गंगा, गुजरात के Radio Jockeys के ग्रुप की एक सदस्य हैं. उनके और भी साथी हैं, जैसे RJ नीलम, RJ गुरु और RJ हेतल. ये सभी लोग मिलकर गुजरात के केवड़िया में इस समय संस्कृत भाषा का मान बढ़ाने में जुटे हुए हैं. आपको मालूम है न ये केवड़िया वही है जहां दुनिया का सबसे ऊंचा Statue, हमारे देश का गौरव, Statue of Unity जहां पर है, उस केवड़िया की मैं बात कर रहा हूं.

LIVE TV

Trending news