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नई दिल्ली: अभी मार्च का महीना चल रहा है और देश के कई हिस्सों में मई-जून की तरह लू जैसे हालात महसूस किए जा सकते हैं. सूरज की तपिश बढ़ती जा रही है और राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत कई जिलों में तापमान 40 डिग्री के पार पहुंच गया है. लेकिन इस बार समय से पहले गर्मी पड़ने का क्या कारण है आइए बताते हैं.
बता दें कि राजधानी दिल्ली के सफदरजंग और लोधी रोड में रविवार को तापमान 38.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 7 डिग्री अधिक है. पीतमपुरा में पारा 39.9 डिग्री तक पहुंच गया, जो एक रिकॉर्ड है. इससे पहले मार्च 2013 में दिल्ली में पारा 40-42 डिग्री पर पहुंच गया था. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने पहले ही चेतावनी दी है कि इस साल गर्मी पिछले वर्षों की तुलना में अधिक रहने की संभावना है, जिसका अर्थ है कि इस साल गर्मियां अधिक गर्म होंगी.
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इस बढ़ती गर्मी की वजह एंटी-साइक्लोन है. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, राजस्थान में आमतौर पर मार्च के अंत में बनने वाला एंटी-साइक्लोन इस बार जल्दी बना है. पश्चिमी विक्षोभ भी सक्रिय नहीं है. इससे थार मरुस्थल और पाकिस्तान से गर्म हवाएं आनी शुरू हो गई हैं, जिससे तापमान बढ़ रहा है. आईएमडी ने अगले कुछ दिनों तक तापमान में लगातार वृद्धि की भविष्यवाणी की है.
क्या है एंटी साइक्लोन?
एंटी साइक्लोनिक सर्कुलेशन (Anti-cyclonic circulation) का मतलब असल में हवा का बिखरना है. जैसा कि इसका नाम है, एंटी-साइक्लोन में हवा की दिशाएं साइक्लोनिक हवाओं की दिशा के विपरीत होती हैं. साइक्लोनिक सर्कुलेशन में लो-प्रेशर एरिया बनता है और हवाएं आपस में मिलकर उठती हैं. वहीं, एंटी-साइक्लोनिक साइक्लोनिक सर्कुलेशन में हाई-प्रेशर एरिया बनता है जिसमें हवाएं बिरखती हैं और नीचे गिरती हैं. एंटी साइक्लोन के बीच के हिस्से में हाई-प्रेशर के चलते एक तेज हवा का ब्लास्ट ऊपर से नीचे की तरफ होता है और गर्म हवाएं नीचे आती हैं. हवा कंप्रेस होने की वजह से और गर्म होती है और उसकी नमी भी कम होती है.
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दिल्ली समेत उत्तर भारत के कई इलाकों में पिछले कुछ दिनों से गर्म हवाएं चल रही हैं. महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में लोग भीषण गर्मी का सामना कर रहे हैं. राजस्थान के ज्यादातर इलाकों में अधिकतम तापमान 40 डिग्री से ऊपर बना हुआ है. पिछले 24 घंटे में राज्य का अधिकतम तापमान बांसवाड़ा में 42.4 डिग्री रिकॉर्ड किया गया. फलोदी में पारा 42.2 डिग्री, डूंगरपुर में 41.7 डिग्री, टोंक में 41.3 डिग्री तक पहुंच गया. पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी कई जिलों में अधिकतम तापमान सामान्य से तीन से चार डिग्री अधिक है.
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