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श्रीनगर: पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) ने शनिवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) के लोगों के पास भी अब समान अधिकार (Equal Rights) होने का केंद्र सरकार का दावा सफेद झूठ है. उन्होंने कहा कि घाटी में लोगों की प्रतिक्रिया के डर से हर बार सरकार जिस आसानी से पूरी तरह बंदी लागू कर देती है, वह बेहद तकलीफदेह और निहायत ही संवेदनाहीन है.
Instead of reaching out, every successive policy is undertaken to humiliate & collectively punish J&K. These punitive actions compound this sense of betrayal and rage.
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) September 4, 2021
महबूबा ने यह बयान उस वक्त दिया जब अधिकारियों ने अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी (Syed Ali Shah Geelani) की मृत्यु के फौरन बाद बुधवार रात को BSNL की पोस्टपेड सेवाओं को छोड़कर बाकी मोबाइल टेलीफोन सेवाएं तथा बीएसएनएल ब्रॉडबैंड को छोड़कर सभी इंटरनेट सेवाएं बंद (Internet Ban) कर दी थीं. महबूबा ने ट्विटर पर लिखा, 'भारत सरकार का यह संदिग्ध दावा सफेद झूठ है कि जम्मू कश्मीर के लोग भी अब समान अधिकार रखते हैं. सच यह है कि उनके जीवित या मृत होने संबंधी बुनियादी मानवाधिकारों को भी निलंबित कर दिया गया है.'
Instead of reaching out, every successive policy is undertaken to humiliate & collectively punish J&K. These punitive actions compound this sense of betrayal and rage.
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) September 4, 2021
पूर्ववर्ती राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार घाटी में लोगों की प्रतिक्रिया के डर से हर बार जिस आसानी से कश्मीर में संचार नेटवर्क को ठप करने समेत ‘पूरी तरह बंदी’ लागू कर देती है, वह बेहद तकलीफदेह और निहायत ही संवेदनहीन है. संवेदनाओं को समाप्त करने के लिए डर का माहौल बनाने का उनका दुस्साहस नुकसानदेह है, क्योंकि भावनाएं हवा में समाप्त नहीं हो जातीं. धोखाधड़ी और गुस्से की ये भावनाएं अंदर पैठ कर लेती हैं और एक पीढ़ी से दूसरी में चली जाती हैं. पीडीपी अध्यक्ष ने दावा किया कि सभी तक पहुंच बनाने के बजाय एक के बाद एक हर नीति जम्मू-कश्मीर को सामूहिक सजा देने के लिए बनाई जाती है.
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