MeToo: कोर्ट में पेश हुए एमजे अकबर, 1994 में होटल रूम में यौन शोषण के आरोप नकारे
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MeToo: कोर्ट में पेश हुए एमजे अकबर, 1994 में होटल रूम में यौन शोषण के आरोप नकारे

सोमवार को एमजे अकबर अदालत में एक बार फिर से पेश हुए. क्रॉस एग्जामिनेशन के दौरान पत्रकार प्रिया रमानी की वकील के सवालों का जवाब देते हुए खुद पर लगे यौन शोषण के आरोपों को एमजे अकबर बेबुनियाद बताया.

MeToo: कोर्ट में पेश हुए एमजे अकबर, 1994 में होटल रूम में यौन शोषण के आरोप नकारे

नई दिल्‍ली: मीटू के आरोपों में घिरे पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर की ओर से पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि मामले में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में अब 6 जुलाई को अगली सुनवाई होगी. सोमवार को एमजे अकबर अदालत में एक बार फिर से पेश हुए. क्रॉस एग्जामिनेशन के दौरान पत्रकार प्रिया रमानी की वकील के सवालों का जवाब देते हुए खुद पर लगे यौन शोषण के आरोपों को एमजे अकबर बेबुनियाद बताया. रमानी की वकील रेबेका जॉन ने अकबर से दर्जनों सवाल पूछे. ज्यादातर सवाल 1993 में रमानी को इंटरव्यू के लिए होटल में बुलाने से जुड़े हुए थे.

अकबर ने इस आरोप को भी सिरे से खारिज किया. रमानी की वकील ने अकबर से कहा कि वह पूरी तरह झूठ बोल रहे हैं. जॉन ने कहा कि उन्होंने रमानी को न सिर्फ होटल के कमरे में बुलाया बल्कि उसे शराब भी ऑफर की थी. रमानी से यह तक पूछा गया कि उन्हें हिंदी गाने पसंद है या अंग्रेजी. ऐसा इसलिए क्योंकि शराब ऑफर करते समय अकबर रमानी की पसंद का म्यूजिक लगाना चाहते थे. इससे पहले कोर्ट में अपना बयान दर्ज कराते हुए अकबर ने अपने पत्रकारिता करियर, लेखक होने के बारे में बताया था.
अकबर ने कहा था कि बतौर पत्रकार मेरा करियर काफी लंबा रहा है, मैं काफी छोटी उम्र में ही संडे गार्जियन (कोलकाता) का एडिटर बन गया था. उन्होंने कहा कि मैंने दैनिक अखबार टेलिग्राफ से करियर की शुरुआत की थी. 1993 में एशियन एज का एडिटर बना और उसके बाद मैं संडे गार्जियन का एडिटर बन गया था. अकबर ने कहा था कि प्रिया रमानी के खिलाफ मैंने मानहानि का केस किया है, उन्होंने मेरे ऊपर आरोप लगाते हुए कई ट्वीट किए थे.

अकबर ने कोर्ट को बताया था कि उन्होंने रमानी द्वारा 10 और 13 अक्टूबर को किए गए ट्वीट पर मानहानि का केस किया है. इन ट्वीट्स को कई अखबारों और वेबसाइटों ने छापा. उन्होंने कहा था कि उनके द्वारा जो आर्टिकल लिखा गया था, उसमें मेरा नाम नहीं है. जब उनसे पूछा गया तो भी उन्होंने ये ही कहा था कि मैंने कुछ नहीं किया था. दरअसल, एमजे अकबर की तरफ से प्रिया रमानी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का केस पटियाला हाउस कोर्ट में दायर किया गया था.

अर्जी में कहा गया है कि उनके खिलाफ झूठी कहानियों की एक सीरीज एक एजेंडे की पूर्ति के लिए प्रेरित तरीके से प्रसारित की जा रही है. उनकी छवि खराब करने के लिए रमानी ने दुर्भावनापूर्ण रूप से झूठी कहानी का सहारा लिया है, जोकि मीडिया में फैल रही है.इससे न सिर्फ उनकी पारिवारिक बल्कि राजनीतिक छवि पर भी बुरा असर पड़ रहा है.

बता दें कि मीटू के आरोपों का सामना कर रहे एमजे अकबर को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था. एमजे अकबर ने अपने इस्तीफे में कहा था कि उन्होंने न्याय के लिए व्यक्तिगत तौर पर केस दायर किया है. इसलिए अपने पद से हटकर खुद पर लगे झूठे आरोप का सामना करना चाहते हैं. ट्विटर पर 'मी टू' अभियान के तहत एमजे अकबर के साथ करीब बीस साल पहले काम कर चुकीं पत्रकार प्रिया रमानी ने उन पर यौन दु‌र्व्यवहार का आरोप लगाया था. अन्य महिलाओं ने भी इस अभियान के तहत ट्विटर पर ही अकबर पर ऐसे ही आरोप लगाए थे.

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