मेट्रो मैन ई श्रीधरन ने बड़ा बयान दिया है और कहा है कि वो केरल में बीजेपी के जीतने पर मुख्यमंत्री बनना चाहेंगे. पार्टी उन्हें राज्यपाल बनाकर कहीं और भेजना चाहे तो उन्हें ये मंजूर नहीं.
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नई दिल्ली: मेट्रो मैन ई श्रीधरन ने बड़ा बयान दिया है और कहा है कि वो केरल में बीजेपी के जीतने पर मुख्यमंत्री बनना चाहेंगे. पार्टी उन्हें राज्यपाल बनाकर कहीं और भेजना चाहे तो उन्हें ये मंजूर नहीं. अगले सप्ताह बीजेपी में शामिल होकर राजनीति में कदम रखने जा रहे ई श्रीधरन ने कहा कि उनका मुख्य लक्ष्य केरल में पार्टी को सत्ता में लाना है और पार्टी के जीतने पर वह मुख्यमंत्री पद संभालने के लिए तैयार रहेंगे. उन्होंने कहा कि अगर बीजेपी को इस साल अप्रैल-मई में होने वाले विधानसभा चुनाव में जीत मिलती है तो उनका ध्यान बड़े स्तर पर आधारभूत संरचना का विकास करना और राज्य को कर्ज के जाल से निकालना होगा.
'मेट्रो मैन' के नाम से मशहूर और आधारभूत ढांचे से जुड़ी बड़ी परियोजनाओं के विकास में अपनी कुशलता दिखा चुके श्रीधरन (E Shreedharan) ने कहा कि अगर पार्टी चाहेगी तो वह विधानसभा चुनाव लड़ेंगे और पार्टी कहेगी तो मुख्यमंत्री का पद भी संभाल सकते हैं. श्रीधरन (88) ने स्पष्ट कर दिया कि राज्यपाल पद संभालने में उनकी कोई दिलचस्पी नहीं है. उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह संवैधानिक पद है और इसके पास कोई शक्ति नहीं है और वह ऐसे पद पर रहकर राज्य के लिए कोई सकारात्मक योगदान नहीं दे पाएंगे. उन्होंने कहा, 'मेरा मुख्य मकसद बीजेपी को केरल (Kerala) में सत्ता में लाना है. अगर बीजेपी केरल में चुनाव जीतती है तो तीन-चार ऐसे क्षेत्र होंगे जिस पर हम ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं. इसमें बड़े स्तर पर आधारभूत संरचना का विकास और राज्य में उद्योगों को लाना शामिल है.'
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केरल के पोन्नाली में रह रहे श्रीधरन ने कहा कि 'कर्ज के जाल में फंसे' राज्य की वित्तीय दशा सुधारने के लिए वित्त आयोग का भी गठन किया जाएगा. उन्होंने कहा, "आज राज्य कर्ज के जाल में फंसा है. बहुत सारा उधार है. प्रत्येक मलयाली पर आज 1.2 लाख रुपये का कर्ज है. इसका मतलब है कि हम दिवालिया होने की तरफ बढ़ रहे हैं और सरकार अब भी उधार ले रही है. राज्य की वित्तीय हालत सुधारने की जरूरत है और हम इसका समाधान निकालेंगे." बीजेपी में श्रीधरन के शामिल होने से राज्य में पार्टी को मजबूती मिल सकती है. राज्य में पिछले कई वर्षों से अदल-बदल कर वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) और कांग्रेस नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) का शासन रहा है. श्रीधरन ने कहा, 'अगर बीजेपी चाहेगी तो मैं (विधानसभा) चुनाव लड़ूंगा.' उन्होंने कहा कि सत्ता में आने पर अगर पार्टी चाहेगी तो निश्चित तौर पर वह मुख्यमंत्री पद संभालने के लिए तैयार रहेंगे. उन्होंने कहा, 'अगर पार्टी चाहेगी तो मुख्यमंत्री पद संभाल सकता हूं. आपको मैं साफ-साफ बताना चाहूंगा कि बिना मुख्यमंत्री पद संभाले इन प्राथमिकताओं को हासिल नहीं कर पाऊंगा.'
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श्रीधरन के औपचारिक तौर पर 25 फरवरी को बीजेपी में शामिल होने की संभावना है. किस वजह से बीजेपी (BJP) से जुड़ने का फैसला किया, यह पूछे जाने पर श्रीधरन ने कहा कि वह चाहते हैं कि केरल के लोगों को फायदा हो क्योंकि यूडीएफ और एलडीएफ राज्य का वास्तविक विकास करने में सक्षम नहीं है. उन्होंने कहा, 'मैंने अलग कारण से बीजेपी को चुना है...केरल में दोनों गठबंधन यूडीएफ और एलडीएफ अदल-बदल कर सत्ता में आते रहे हैं...वे राज्य का वास्तविक विकास नहीं कर पाए. पिछले 20 साल में राज्य में एक भी उद्योग नहीं आया है.' श्रीधरन ने कहा, 'समय समय पर उनका (केंद्र) सरकार के साथ टकराव चलता रहता है. दोनों सरकारों का कई मुद्दों पर सामंजस्य नहीं है. राज्य के विकास पर असर पड़ा है. अगर केरल में बीजेपी सत्ता में आती है तो केंद्र सरकार के साथ अच्छा संबंध बनेगा.' परोक्ष रूप से वह केंद्र और केरल में एलडीएफ सरकार के बीच मतभेद का हवाला दे रहे थे. फिलहाल, श्रीधरन केरल में एक पुल के पुनर्निर्माण से जुड़ी परियोजना पर काम कर रहे हैं और इस महीने के अंत में पेशेवराना दायित्व से मुक्त हो जाएंगे.
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