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नई दिल्ली: गांवों में खासा नुकसान पहुंचा रही कोरोना वायरस की दूसरी लहर पर काबू पाने के लिए सरकार ने गाइडलाइन जारी कर दी हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी की गई इन गाइडलाइन में ग्रामीण क्षेत्र के अलावा बाहरी शहरी इलाकों और जनजातीय क्षेत्रों के लिए भी दिशा-निर्देश दिए गए हैं. इनके तहत अन्य उपायों के साथ-साथ ग्रामीण स्तर पर कोविड के प्रबंधन के लिए स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे की निगरानी, कोरोना जांच पर के भी निर्देश दिए गए हैं. साथ ही घर पर और कम्युनिटी बेस्ड आइसोलेशन की भी बात की गई है.
स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशानिर्देशों में कहा गया है कि आशा कार्यकर्ताओं द्वारा हर गांव में ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता और पोषण समिति (VHSNC) की मदद से समय-समय पर इन्फ्लूएंजा जैसे - बुखार/वायरल इंफेक्शन/गंभीर श्वसन संक्रमण आदि के लिए निगरानी की जानी चाहिए. इसके अलावा सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (CHO) से टेलीकंसल्टेशन के जरिए इन मामलों की तीव्रता जांचने के लिए कहा गया है. साथ ही जिन लोगों में ऑक्सीजन लेवल कम पाया जाता है या जिन लोगों को अन्य बीमारियां हैं, उन्हें जिला अस्पतालों या अन्य बड़े अस्पतालों में भेजने के लिए कहा गया है. साथ ही CHO को रैपिड एंटीजन टेस्ट (RAT) करने के लिए प्रशिक्षित करने को भी कहा गया है.
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मंत्रालय ने कहा है कि मरीजों की रिपोर्ट आने तक उन्हें आइसोलेट रहने के लिए कहा जाना चाहिए. वहीं ऐसे बिना लक्षण वाले लोग जो कोविड मरीज से 6 फीट की दूरी पर बिना मास्क के यदि 15 मिनट तक संपर्क में आए हैं, तो उन्हें क्वारंटीन में रहना चाहिए. साथ ही आईसीएमआर प्रोटोकॉल के अनुसार उनके टेस्ट किए जाने चाहिए. गाइडलाइन में कॉन्टेक्ट ट्रैसिंग पर भी बात की गई है. इसके लिए इंटीग्रेटेड डिसीज सर्विलेंस प्रोग्राम्स (IDSP) की गाइडलाइन का पालन करने के लिए कहा गया है. वहीं कोरोना संक्रमित मरीज को यदि घर पर ही क्वारंटीन होने की अनुमति दी जाती है, तो इस सूरत में उन्हें मंत्रालय द्वारा जारी किए गए सभी प्रोटोकॉल का पालन करना होगा.
Ministry of Health issues SOPs on COVID-19 containment & management in peri-urban, rural & tribal areas; lays focus on surveillance, screening, home and community based isolation and planning for health infrastructure for managing COVID at rural level among other measures pic.twitter.com/GJ8B7gVMWb
— ANI (@ANI) May 16, 2021
ऑक्सीजन लेवल की जांच करने पर भी खासा जोर दिया गया है. इसके लिए मंत्रालय ने वीएचएसएनसी को स्थानीय पीआरआई के जरिए ये उपकरण जुटाने का निर्देश दिया है. साथ ही कहा गया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में परिवारों को ऋण पर थर्मामीटर और पल्स ऑक्सीमीटर दिए जा सकते हैं.
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मंत्रालय ने कहा है कि ऐसे सभी मामलों में मरीजों को होम आइसोलेशन किट दी जाएंगी. इस किट में जरूरी दवाएं जैसे पैरासिटामोल 500 मिलीग्राम, टैबलेट इवरमेक्टिन, कफ सिरप, मल्टीविटामिन दवाओं के अलावा सावधानियां बताने वाला पैम्फलेट दिया जाएगा.