DNA With Sudhir Chaudhary: भारत सरकार की अग्निपथ योजना को अपने ही देश में अग्निपरीक्षा देनी पड़ रही है. इस योजना का ऐलान करने के अगले ही दिन से उत्तर भारत के कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. प्रदर्शन करने वाले वही युवा हैं, जो सेना में भर्ती की तैयारी कर रहे हैं. आज इन प्रदर्शनकारियों ने कई ट्रेनों को आग लगा दी, तोड़फोड़ की और पुलिस पर पत्थर भी बरसाए. जो युवा देश की रक्षा करने के लिए सेना में जाना चाहते हैं, वही युवा अपने देश में आग लगा रहे हैं.
Trending Photos
DNA With Sudhir Chaudhary: भारत सरकार की अग्निपथ योजना को अपने ही देश में अग्निपरीक्षा देनी पड़ रही है. इस योजना का ऐलान करने के अगले ही दिन से उत्तर भारत के कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. प्रदर्शन करने वाले वही युवा हैं, जो सेना में भर्ती की तैयारी कर रहे हैं. आज इन प्रदर्शनकारियों ने कई ट्रेनों को आग लगा दी, तोड़फोड़ की और पुलिस पर पत्थर भी बरसाए. जो युवा देश की रक्षा करने के लिए सेना में जाना चाहते हैं, वही युवा अपने देश में आग लगा रहे हैं.
गुरुवार को देश के सात से ज़्यादा राज्यों में इस योजना के ख़िलाफ़ हिंसक प्रदर्शन हुए. हरियाणा, बिहार और मध्य प्रदेश में चार ट्रेनों को आग लगा दी गई. 8 से ज्यादा ट्रेनों में तोड़फोड़ की गई और 7 से ज्यादा रेलवे स्टेशनों पर पत्थरबाजी की घटनाएं हुई.
इसके अलावा हरियाणा के पलवल में प्रदर्शनकारी युवाओं ने तीन गाड़ियों को आग लगा दी. वहां एक पुलिस स्टेशन पर भी हमला किया गया. ये कितने दुख की बात है कि हमारे देश के जो युवा सेना में भर्ती होना चाहते हैं, आज वो देश की ट्रेनों और सरकारी सम्पत्तियों में तोड़फोड़ कर रहे हैं और उन्हें आग लगा रहे हैं.
#DNA : अग्निपथ योजना की अग्निपरीक्षा@sudhirchaudhary
अन्य Videos यहां देखें - https://t.co/ZoADfwSi4S pic.twitter.com/G85Zt6FREM
— Zee News (@ZeeNews) June 16, 2022
कहीं आगजनी, कहीं पत्थरबाजी
गुरुवार को पलवल में इस मुद्दे को लेकर जो कुछ भी हुआ, वो इस देश की सेना का अपमान करने जैसा है. इसके अलावा बिहार के गोपालगंज में रेलवे ट्रैक पर खड़ी एक यात्री ट्रेन को कुछ युवाओं ने आग के हवाले कर दिया. कटिहार और समस्तीपुर में भी इन्हीं युवाओं ने तोड़फोड़ की और पुलिस पर पत्थर बरसाए. बिहार के छपरा में भी कुछ यही हाल नजर आए. छपरा ही नहीं, देश में जहां भी इस मुद्दे को लेकर विरोध प्रदर्शन हुए, वहां इसी तरह से हिंसा हुई.
भारत के पास साढ़े 14 लाख सैनिक
चीन के बाद आज भारत के पास दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी सेना है. भारत के पास साढ़े 14 लाख सैनिकों की फौज है. लेकिन सोचिए, जब हिंसा करने वाले ये युवा सेना में भर्ती होंगे तो देश का क्या होगा. इसी साल जब भारतीय रेल में भर्तियों को लेकर विवाद हुआ था तो कुछ छात्रों ने बिहार के गया में ट्रेनों में आग लगी दी थी. और पटरियों को भी उखाड़ कर वहां से फेंक दिया था. यानी जो लोग रेलवे में नौकरी करना चाहते थे, उन्होंने रेलवे की सम्पत्ति को ही आग लगा दी थी. ये सबकुछ इसलिए हुआ क्योंकि ये लोग किसी भी तरह से सरकारी नौकरी हासिल करना चाहते हैं.
नौकरी की गारंटी नहीं सेना
सेना रोजगार गारंटी स्कीम नहीं है. हमें सशक्त सेना चाहिए. इसमें सैनिकों का चयन उनकी काबिलियत पर होना चाहिए. एक और बात.. हमारे देश के इन युवाओं को ये बात समझनी होगी कि सेना में नौकरी करना उनका अधिकार नहीं है. बल्कि ये एक सेवा की तरह है. लेकिन इसे अधिकार नहीं माना जा सकता. हमारे देश के युवाओं को ये गुस्सा पाकिस्तान और चीन जैसे देशों के लिए संभाल कर रखना चाहिए, अपने ही देश के खिलाफ इस गुस्से का क्या मतलब है?
पहले भी कई मुद्दों पर हुआ विरोध
हमारे देश में जब भी पुराने सिस्टम को तोड़ कर देश की भलाई के लिए कोई नया कानून या कोई नया बदलाव किया जाता है तो हमारे देश के अपने ही लोग विकास के उस रास्ते में आग लगा देते हैं. और उसे अग्निपथ बना देते हैं. जब GST आया था, तब भी इसी तरह विरोध हुआ था. जब नया नागरिकता कानून आया, तब भी ऐसा ही विरोध प्रदर्शन हुआ. जब कृषि कानून आया, तब भी इस तरह से आन्दोलन किया गया.
बड़ा सवाल ये है कि क्या इस देश में अंदरुनी राजनीति अब ऐसा खतरनाक रूप ले चुकी है कि यहां की व्यवस्था में अब कोई भी बदलाव करना मुश्किल ही नहीं असम्भव सा होता जा रहा है. इस समय युवाओं का ये गुस्सा विपक्षी दलों के लिए एक नया टूल किट बन गया है और अब इस आन्दोलन को राजनीतिक पार्टियों ने टेक ओवर करने की कोशिशें शुरू कर दी हैं.