MP Hizab Case: 'हिजाब केस' में बुलडोजर की एंट्री, नेस्तनाबूद होगा आरोपियों का घर; जानिए पूरा मामला
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MP Hizab Case: 'हिजाब केस' में बुलडोजर की एंट्री, नेस्तनाबूद होगा आरोपियों का घर; जानिए पूरा मामला

MP News: विवादों में आए मध्य प्रदेश के गंगा जमुना हाई स्कूल केस में गिरफ्तारी का दौर शुरू हो गया. वहीं इस मामले से जुड़े आरोपियों के घर पर बुलडोजर चलाने की तैयारी है.

फाइल फोटो

Narottam Mishra Ganga Jamuna School case: मध्य प्रदेश के दमोह जिले में हिंदू छात्राओं को हिजाब जैसा स्कार्फ बांधने को मजबूर करने के मामले को लेकर विवादों में आए गंगा जमुना हाई स्कूल से जुड़े लोगों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की तैयारी है। एक तरफ जहां गिरफ्तारी का दौर शुरू हो गया है तो वही इस मामले से जुड़े लोगों के ठिकानों पर बुलडोजर चलाने की तैयारी है.

आरोपियों पर चलेगा बुलडोजर

राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि दमोह के गंगा जमुना स्कूल के मामले की जांच सही दिशा में चल रही है, प्याज के छिलकों की तरह एक के बाद एक परत छिलके की तरह उघड़ती जा रही हैं, जो फरार हैं और इस तरह की फिरका परस्त ताकतें हैं, माफिया हैं, उन पर तो बुलडोजर चलता ही है.

विवादों वाला पोस्टर और हिंदू लड़कियां

गौरतलब है कि पिछले दिनों स्कूल का एक पोस्टर विवादों में आया था, जिसमें हिंदू बालिकाओं के हिजाब से मिलता जुलता स्कार्फ पहने दिखाया गया था. इस मामले में तीन बच्चों के बयान को संज्ञान में लेते हुए पुलिस ने स्कूल प्रबंध कमेटी के 10 लोगों के खिलाफ धारा 295, 506 और जेजे एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है और जांच में आरोपों के सही पाया तो शुक्रवार की रात से आरोपियों की तलाश के लिए पुलिस की छापे मारी शुरू हुई. इस मामले में पुलिस ने तीन लोगों जिसमें प्राचार्य और दो अन्य है, उनको गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया है.

हिजाब से मिलता-जुलता स्कार्फ

आपको बता दें कि पिछले दिनों स्कूल का एक पोस्टर विवादों में आया था, जिसमें हिंदू बालिकाओं के हिजाब से मिलता-जुलता स्कार्फ पहने दिखाया गया था. उसके बाद स्कूल शिक्षा विभाग ने पहले क्लीन चिट दी. मगर बाद में उसकी मान्यता ही निलंबित कर दी गई. इतना ही नहीं इस स्कूल की कई शिक्षिकाओं का धर्म परिवर्तन कराए जाने के आरोप लगे. इन शिक्षिकाओं ने समाने आकर विद्यालय में पढ़ाने आने से पहले ही धर्म परिवर्तन की बात स्वीकारी. इतना ही नहीं कई बच्चों ने यह आरोप भी लगाए थे कि उन्हें नमाज तक पढ़ने के मजबूर किया जाता था, साथ ही इस्लामिक आयतें पढ़ने का दवाब बनाया जाता है.

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