Mukhtar Ansari Death: जब मुख्तार अंसारी के आगे नतमस्तक हो गई थी मुलायम सरकार! रद्द करना पड़ा केस, पुलिस अफसर को छोड़ना पड़ा महकमा
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Mukhtar Ansari Death: जब मुख्तार अंसारी के आगे नतमस्तक हो गई थी मुलायम सरकार! रद्द करना पड़ा केस, पुलिस अफसर को छोड़ना पड़ा महकमा

Mukhtar Ansari Death: मुख्तार अंसारी का जब भंडाफोड़ एक आईएएस अधिकारी ने कर दिया तो मुलायम सिंह यादव सरकार ने वह केस ही पलट दिया. बताया गया कि उस अधिकारी का ट्रांसफर कर दिया गया. इसके बाद उस पर इतना दबाव बना कि उसने रिजाइन कर दिया.

Mukhtar Ansari Death: जब मुख्तार अंसारी के आगे नतमस्तक हो गई थी मुलायम सरकार! रद्द करना पड़ा केस, पुलिस अफसर को छोड़ना पड़ा महकमा

Mukhtar Ansari Death News: बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी की मौत हो गई है. यूपी के बांदा जिले में अस्पताल में मौत हो गई है. गुरुवार के रात 10 बजे इस खबर के आने के बाद प्रदेश का प्रशासन हाई अलर्ट पर है. बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी की तबीयत अचानक खराब हुई थी और उसे बांदा के मेडिकल कॉलेज ले जाया गया था, वहीं उसकी मौत हो गई. इसके बाद से मुख्तार अंसारी से जुड़े कई मामले सामने आ रहे हैं. 

ऐसे ही एक कहानी तब की है जब माफिया मुख्तार अंसारी और बीजेपी नेता कृष्णानंद राय के बीच गैंगवार का दौर चल रहा था. इस खूनी खेल को रोकने के लिए एसटीएफ को बुलाया गया. वाराणसी एसटीएफ चीफ बने शैलेंद्र सिंह, जो खुद पूर्वांचल के रहने वाले थे, उन्हें दोनों गैंग पर नजर रखने की जिम्मेदारी दी गई.

कृष्णानंद राय से चर्चित अदावत..
2002 में कृष्णानंद राय ने मुख्तार अंसारी को हराकर विधायक बन गए थे. यह हार मुख्तार को बर्दाश्त नहीं हुई और उन्होंने कृष्णानंद राय को रास्ते से हटाने की ठान ली. दोनों गुटों के बीच अक्सर झड़पें होती रहती थीं. शैलेंद्र सिंह ने दोनों गुटों पर नकेल कसने के लिए उनके फोन टेप करने शुरू किए. इस रणनीति से उन्हें गैंगवार की योजनाओं और गतिविधियों की जानकारी मिलने लगी.

लाइट मशीन गन खरीदने की बात..
शैलेंद्र सिंह मुख्तार अंसारी की फोन टैपिंग कर रहे थे. तभी उन्होंने कुछ ऐसा सुना जो उन्हें हिलाकर रख गया. मुख्तार अंसारी किसी से एक एलएमजी (लाइट मशीन गन) खरीदने की बात कर रहा था! मुख्तार अंसारी किसी भी कीमत पर कृष्णानंद राय को मारना चाहता था. एलएमजी उसकी योजना का हिस्सा था.

खौफनाक सौदे का भंडाफोड़..
2004 की शुरुआत में ही मुख्तार ने सेना से चुराई गई एलएमजी खरीदने की योजना बनाई थी. उसने बाबूलाल नाम के एक भगोड़े से संपर्क किया, जिसके पास एक राष्ट्रीय राइफल से चुराई गई एलएमजी थी. दोनों ने एक करोड़ रुपये में सौदा तय किया. शैलेंद्र सिंह ने मुख्तार अंसारी के इस खौफनाक सौदे का भंडाफोड़ कर दिया. उन्होंने तुरंत कार्रवाई करते हुए बाबूलाल को गिरफ्तार कर लिया और एलएमजी बरामद कर ली

मुख्तार अंसारी की फोन रिकॉर्डिंग और एलएमजी बरामदगी पुलिस के लिए एक बड़ी जीत थी. उन्हें उम्मीद थी कि अब माफिया के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी. पुलिस ने मुख्तार पर आर्म्स एक्ट के साथ पोटा (प्रीवेंशन ऑफ टेररिज्म एक्ट) भी लगाया. लेकिन मुख्तार अंसारी कोई साधारण अपराधी नहीं था

बरामदगी का मामला ही रद्द करा दिया..
मुख्तार अंसारी के सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव के साथ घनिष्ठ संबंध थे. उसने मुलायम से बात करके एलएमजी बरामदगी का मामला ही रद्द करा दिया. इस मामले में शामिल आईजी बनारस, डीआईजी, एसपी सहित एक दर्जन बड़े अधिकारियों को रातोंरात तबादला कर दिया गया. वाराणसी में मौजूद एसटीएफ की यूनिट को भी वापस लखनऊ बुला लिया गया.

मुख्तार अंसारी ने अपनी राजनीतिक शक्ति का दुरुपयोग करते हुए कानून का मखौल उड़ा दिया. डीएसपी शैलेंद्र सिंह पर इस केस को खत्म करने का दबाव बना और उन्होंने वह सब किया जो मुलायम सरकार ने चाहा. फिर शैलेंद्र सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया और उनको जेल भी भेजा गया. बाद में योगी सरकार ने शैलेंद्र सिंह के खिलाफ सारे केस बंद किए.

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