Trending Photos
मुंबई: मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह (Param Bir Singh) का नाम फर्जी टीआरपी केस, एंटीलिया केस और मनसुख हिरेन केस के समय काफी चर्चा में था, लेकिन अब वह गायब हैं और उनका कोई अता-पता नहीं है. महाराष्ट्र पुलिस का कहना है कि परमबीर सिंह मिल नहीं रहे हैं. एनआईए से लेकर जस्टिस केयू चांदीवाल की कमेटी तक उन्हें समन भेज चुकी है, लेकिन एक भी समन परमबीर सिंह को डिलीवर नहीं हुआ. क्योंकि उनके जिस भी पते पर समन भेजे गए, वहां उन्हें रिसीव करने के लिए परमबीर सिंह मौजूद नहीं थे.
महाराष्ट्र पुलिस के अलग-अलग विभाग, एनआईए और जस्टिस केयू चांदीवाल की कमेटी. ये सभी इन दिनों एक शख्स को बेसब्री से ढूंढ रहे हैं और उस शख्स का नाम है परमबीर सिंह. मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह मुंबई में हैं या मुंबई से बाहर हैं या फिर देश से बाहर हैं किसी को नहीं पता. किसी को उनके बारे में कोई जानकारी नहीं है.
कई दिनों से परमबीर सिंह (Param Bir Singh) को अलग-अलग मामलों में पेश होने के लिए समन भेजा तो जा रहा है, लेकिन एक भी समन डिलीवर नहीं हो रहा है. कहा जा रहा है कि ये समन जहां जाते हैं, वहां परमबीर सिंह मिलते ही नहीं हैं. जब वो मिलते नहीं तो समन डिलीवर कैसे किया जाए?
ये भी पढ़ें- कारोबारी मनीष गुप्ता की मौत पर सबसे बड़ी गवाही, जानिए चश्मदीदों की जुबानी
इसी साल 17 मार्च को परमबीर सिंह (Param Bir Singh) का ट्रांसफर होम गार्ड डिपार्टमेंट में कर दिया गया था और 22 मार्च को उन्होंने अपना पद संभाल भी लिया था, लेकिन स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर वो 5 मई से छुट्टी पर चले गए.
इसके बाद से परमबीर सिंह (Param Bir Singh) का नाम जिन-जिन मामलों में सामने आया उन मामलों में उन्हें पेश होने के लिए समन भेजा गया, समन पहुंच गया, लेकिन परमबीर सिंह नहीं पहुंचे. अब तो महाराष्ट्र के गृह मंत्री वलसे पाटिल को भी नहीं पता कि परमबीर सिंह आखिर हैं कहां?
परमबीर सिंह (Param Bir Singh) से जुड़े विवाद की शुरुआत मुंबई पुलिस के इंस्पेक्टर सचिन वझे (Sachin Waze) की गिरफ्तारी से हुई थी. दरअसल, एंटीलिया केस में एनआईए ने मुख्य आरोपी सचिन वझे को गिरफ्तार किया था. पता चला कि वझे सीधे तत्कालीन मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह को रिपोर्ट करता था. इसके बाद परमबीर सिंह को होमगार्ड डीजी के पद पर भेज दिया गया तो उन्होंने तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख पर 100 करोड़ रुपये वसूली का टारगेट दिए जाने का आरोप लगा दिया, जिसके बाद अनिल देशमुख को इस्तीफा देना पड़ा था.
आरोपों की जांच के लिए राज्य सरकार को एसआईटी गठित करनी पड़ी थी. अब इन सभी मामलों की जांच बस एक नाम पर आकर रुक जा रही है वो परमबीर सिंह हैं, जो फिलहाल गायब हैं और उनके मिलने के बाद ही इन मामले की जांच किसी मोड़ पर पहुंच सकती है.
लाइव टीवी