मुस्लिम लड़की ने संस्कृत में जीते 5 मेडल्स, दिहाड़ी मजदूर की है बेटी
Advertisement
trendingNow11095185

मुस्लिम लड़की ने संस्कृत में जीते 5 मेडल्स, दिहाड़ी मजदूर की है बेटी

इस समय पूरे देश में हिजाब के नाम पर सियासत जारी है. ऐसे में कुछ मुस्लिम लोग ऐसे भी हैं जो शिक्षा के क्षेत्र में देश और समाज का नाम ऊंचा करने में लगे हैं. ऐसी ही एक मुस्लिम लड़की चर्चा में है जिसे एमए संस्कृत में सर्वश्रेष्ठ छात्रा होने पर 5 मेडल्स मिले हैं. 

 

 

कॉलेज में अवार्ड लेतीं गजाला.

अनुज कुमार श्रीवास्तव/ लखनऊ: लखनऊ विश्वविद्यालय (एलयू) में एक मुस्लिम छात्रा ने संस्कृत में एमए की सर्वश्रेष्ठ छात्रा होने पर पांच पदक जीते हैं. नवंबर में आयोजित दीक्षांत समारोह के दौरान एलयू द्वारा गजाला के नाम की घोषणा की गई थी, लेकिन कोविड -19 के कारण समारोह के दौरान कुछ छात्रों को ही पदक दिए जा सके.  

  1. एमए संस्कृत में मुस्लिम छात्रा ने जीता सर्वश्रेष्ठ छात्रा का अवार्ड 
  2. संस्कृत में मिले पांच मेडल्स 
  3. दिहाड़ी मजदूर की बेटी है ये लड़की 

दिहाड़ी मजदूर की बेटी है गजाला

गुरूवार को संकाय स्तरीय पदक वितरण समारोह के दौरान कला की डीन प्रोफेसर शशि शुक्ला द्वारा गजला को पदक से सम्मानित किया गया. दिहाड़ी मजदूर की बेटी गजाला पांच भाषाओं - अंग्रेजी, हिंदी, उर्दू, अरबी और संस्कृत में पारंगत है. 

शिक्षा जारी रखने के लिए संघर्ष 

जब वह 10 वीं कक्षा में थीं, तब उनके पिता का निधन हो गया और उन्होंने अपनी शिक्षा जारी रखने के लिए संघर्ष किया. गजाला ने कहा, "ये पदक मैंने नहीं, बल्कि मेरे भाइयों शादाब और नायब ने जीते हैं जिन्होंने स्कूल छोड़ दिया और क्रमशः 13 और 10 साल की उम्र में गैरेज में काम करना शुरू कर दिया ताकि मैं पढ़ाई जारी रख सकूं." 

संस्कृत की प्रोफेसर बनना चाहती हैं गजाला 

उनकी बड़ी बहन यासमीन भी एक बर्तन की दुकान में काम करने लगीं जबकि उनकी मां नसरीन बानो उनके घर की देखभाल करती थीं. गजाला अपने परिवार के साथ एक कमरे के घर में रहती है, 'नमाज़' करने के लिए सुबह 5 बजे उठती है, घर के सभी काम करती है और दिन में लगभग सात घंटे संस्कृत पढ़ती हैं. वह संस्कृत की प्रोफेसर बनना चाहती हैं. 

यह भी पढ़ें:  'सत्ता' के खौफ में हैं इस देश के पर‍िवार, खून के रिश्तों को अपने से कर रहे अलग

इस वजह से संस्कृत को चुना 

गजाला, कॉलेज परिसर में लोकप्रिय है और विश्वविद्यालय के सांस्कृतिक कार्यक्रमों के दौरान संस्कृत के श्लोक, गायत्री मंत्र और सरस्वती वंदना का पाठ करती है. यह पूछे जाने पर कि उन्होंने संस्कृत को क्यों चुना, गजाला कहती हैं, “सभी भाषाओं में भगवान की अपनी भाषा संस्कृत है. यह दिव्य है, और सबसे गेय है. संस्कृत में कविता अधिक मधुर होती है."

वैदिक साहित्य में पीएचडी करना चाहती हैं गजाला 

उनके अनुसार, संस्कृत में उनकी रुचि निशातगंज के सरकारी प्राथमिक विद्यालय में शुरू हुई जहां उनके शिक्षक ने उन्हें कक्षा 5 में संस्कृत पढ़ाया. गजाला ने कहा "मेरा संस्कृत ज्ञान और रुचि अक्सर उन लोगों को आश्चर्यचकित करती है जो मुझसे पूछते हैं कि एक मुस्लिम होने के नाते मैंने भाषा के लिए प्यार कैसे विकसित किया. वे मुझसे पूछते हैं कि मैं इसके साथ क्या करूंगी लेकिन मेरे परिवार ने हमेशा मेरा साथ दिया.” गजाला अब वैदिक साहित्य में पीएचडी करना चाहती हैं. 

LIVE TV

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news