भारत में इन जगहों पर जाने से पहले 100 बार सोचें, कहीं ऐसा न हो कि लौटकर ही ना आ पाएं
Advertisement
trendingNow11010131

भारत में इन जगहों पर जाने से पहले 100 बार सोचें, कहीं ऐसा न हो कि लौटकर ही ना आ पाएं

Mysterious Place of India: अपने बचपन में आपने भूत-प्रेतों की कहानियां सुनी होंगी. विज्ञान के चमत्कार, आधुनिकता और तर्क वितर्क से इतर इन लोकेशन की कहानियां लोगों को डरा सकती हैं. रहस्य और रोमांच के शौकीन भी इन जगहों पर संभल कर जाते हैं.

सांकेतिक तस्वीर

नई दिल्ली: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) को अस्तित्व में आए 21 साल हो चुके हैं. इस अवतार से पहले ही यहां का एक बड़ा इलाका अपने आप में कई रहस्यों को समेटे हुए है. यहां आज भी भूत-प्रेत, डायन-चुड़ैल, खजाना और ऐसी कई रहस्यमयी जगहें हैं, जहां पर लोग आज भी जाने से डरते हैं. आइए बताते हैं छत्तीसगढ़ के कुछ अनसुलझे राज जिन्हें जानकार आप भी दंग रह जाएंगे.

  1. कई रहस्यों को समेटे हुए है ये प्रदेश
  2. पहली नजर में भरोसा करना मुश्किल
  3. जानिए अनसुनी कहानियां और रहस्य

अपने बचपन में आपने भूत-प्रेतों की कहानियां सुनी होंगी. विज्ञान के चमत्कार, आधुनिकता और तर्क वितर्क से इतर ये कहानियां असल जिंदगी के अलावा फिल्म या सीरियल के जरिए भी लोगों को डरा सकती हैं. यहां आज भी कई ऐसे प्रेतबाधित यानी भूतिया जगहें हैं जहां जाने में आज भी लोगों के रोंगटे खड़े हो जाते हैं. 

वाई शेप ब्रिज 

भिलाई का वाई शेप ब्रिज कई साल पहले ट्रैफिक की समस्या को दूर करने के बना था. इससे लोगों को बड़ी राहत भी मिली. लेकिन ब्रिज बनने के कुछ दिनों बाद लोगों ने यहां असामान्य घटनाओं को घटते देखा. जानकारों का मानना है कि ब्रिज की सड़क पर किसी प्रेत का साया है. जो रात के 12 बजे से लेकर 4 बजे के बीच इसी सड़क पर भटकता दिखाई देता है. कुछ लोगों का दावा है कि कोई सफेद कपड़ों में महिला अचानक वाहन के सामने आकर लिफ्ट मांगती है. इसलिए रात के समय यहां जानकार व्यक्ति नहीं गुजरते. माना जाता है कि ये आत्मा अजनबियों को अपना शिकार बनाती है.

ये भी पढ़ें- ये है दुनिया का सबसे डरावना और रहस्यमयी जंगल, जहां अंदर जाने के बाद नहीं लौट पाया कोई

फरसाबहार नागलोक

छत्तीसगढ़ के जशपुर का फरसाबहार, पत्थलगांव, बगीचा और कांसाबेल की पूरी बेल्ट भुरभुरी मिट्टी और गर्म आबोहवा के चलते जहरीले सांपों के लिए बेहद मुफीद हैं. यहां पाए जाने वाले जहरीले सांपों की वजह से हर साल सैकड़ों लोग मौत के मुंह में समा जाते हैं. पूरे इलाके को नागलोक के नाम से जाना जाता है. जहरीले सांपों के डंसने की वजह से जशपुर जिले में वर्ष 2005 से लेकर मई 2017 तक कुल 425 लोगों की मौत हो चुकी है. सांप काटने से मरने वाले लोगों में सबसे अधिक संख्या जशपुर विकासखण्ड से है.

गराज रोड़ (बत्तीस बंगला) 

 

छत्तीसगढ़ का बत्तीस बंगला भी एक ऐसी ही रहस्यमयी लोकेशन है. इस बंगले से एक लड़की की आत्मा का राज जुड़ा है. यहां के जानकार लोग बड़े दावे के साथ इस तथ्य को रखते हैं कि यहां उन्होंने प्रेतवाधित गतिविधियों का सामना किया है. लोगों यहां तक कहते हैं कि लड़की की आत्मा यहां से गुजरने वाले लोगों पर हमला करती है, लोग बड़ी मुश्किल से अपनी जान बचाकर भागते हैं. दरअसल भिलाई की गराज रोड़ करीब दो से तीन किमी लंबी है. जो रात के समय एक डरावने रूप में दिखती है. बहुत से लोगों का कहना है कि यहां भटकने वाली आत्मा कई बार लोगों से लिफ्ट मांगती है और साधारण इंसान की तरह बात करती है, लेकिन वो बातों-बातों में राहगीरों पर हमला भी कर देती है. 

ये भी पढ़ें- बच्चों का खून पीता था ये 'ड्रैकुला', पुलिस को चकमा देकर भागा; भीड़ ने दी सजा

 

तार बहार रेलवे क्रॉसिंग

इस क्रासिंग से जुड़ी मान्यता की शुरुआत साल 2011 के बाद से मानी जाती है. बिलासपुर जिले में ये जगह प्रेतबाधित मानी जाती है. कहते हैं कि यहां एक तेज ट्रेन ने 18 लोगों को अपना शिकार बनाया था. इस भयानक हादसे के बाद इस रेलवे क्रॉसिंग पर कई लोगों ने अजीबोगरीब घटनाओं को घटते देखा है. माना जाता है कि अब इस जगह पर उन मरे लोगों की आत्मा भटकती है जो रात के समय यहां से गुजरने वाले लोगों को परेशान करती है.

कुटुमसर गुफा और मछलियां

यह गुफा छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में स्थित कांकेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में है. यह भारत की सबसे गहरी गुफा भी मानी जाती है. ये गुफा करीब 60 फिट से 120 फिट गहरी है. जिसकी लंबाई 4500 फिट है. इसकी तुलना दुनिया की सबसे लम्बी गुफा अमेरिका (US) स्थित 'कर्ल्सवार ऑफ़ केव ' से की जाती है. इस गुफा की खोज 1950 के दशक में हुई. इसे पहले गोपनसर कहते थे जो बाद में कुटुमसर गांव के करीब होने की वजह से कुटुमसर गुफा के नाम से मशहूर हो हुई. यहां से जुड़े रहस्य की बात करें तो इस गुफा में रंग बिरंगी मछलिया पाई जाती है. जिनके बारे में कहा जाता है कि गुफा से बाहर निकलने पर मछलिया मर जाती हैं.

नोट:  (इस आलेख में दी गई जानकारियां वहां के नागरिकों और स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट्स पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. लोगों के रुचि को ध्यान में रखकर इसे प्रस्तुत किया गया है. ज़ी न्यूज़ किसी भूत-प्रेत जैसी मान्यताओं का समर्थन या पुष्टि नहीं करता है.)

 

Trending news