OBC Caste: कांग्रेस के नेता रहे नरहरि अमीन ने कहा कि जिस व्यक्ति को अपना गोत्र तक नहीं पता, वो आज एक गरीब परिवार और तेली समाज में जन्मे प्रधानमंत्री को ओबीसी सर्टिफिकेट दे रहा है. यह सामाजिक तौर पर पिछड़े सभी लोगों का अपमान नहीं तो और क्या है.
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Narendra Modi Caste: कुछ ही दिनों के ब्रेक के बाद देश की राजनीतिक फिजा में एक बार फिर जाति ने एंट्री मार ली. हुआ यह कि ओडिशा में अपनी 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पीएम नरेंद्र मोदी की जाति को लेकर बयान दिया. राहुल ने कहा कि आपलोगों को भयंकर बेवकूफ बनाया जा रहा है. पीएम मोदी ओबीसी पैदा नहीं हुए थे. वह तो तेली जाति में जन्मे थे. राहुल के इस बयान को कांग्रेस के पूर्व नेता रहे और गुजरात के डिप्टी सीएम रहे नरहरि अमीन ने झूठ बताया है और उनसे इस झूठ को वापस लेने की मांग की है.
असल में गुजरात से बीजेपी के राज्यसभा सांसद और पूर्व में कांग्रेस के नेता रहे नरहरि अमीन ने कहा कि जिस व्यक्ति को अपना गोत्र तक नहीं पता, वो आज एक गरीब परिवार और तेली समाज में जन्मे प्रधानमंत्री को ओबीसी सर्टिफिकेट दे रहा है! यह सामाजिक तौर पर पिछड़े सभी लोगों का अपमान नहीं तो और क्या है? नरहरि अमीन ने सोशल मीडिया पर लिखा कि जब 25 जुलाई 1994 को जीओजी ने मोध-घांची को ओबीसी के रूप में अधिसूचित किया, तब मैं कांग्रेस सरकार में गुजरात के उपमुख्यमंत्री के रूप में कार्यरत था.
'तुरंत अपना झूठ वापस लें'
उन्होंने आगे लिखा कि यह वही जाति है जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की है. ऐसे में इसको लेकर बयान देकर राहुल गांधी द्वारा ओबीसी समुदायों का अपमान किया जा रहा है. अमीन ने आगे लिखा कि इस मुद्दे पर नासमझी भरा झूठ गढ़ा जा रहा है. यह निर्णय और उसके बाद भारत सरकार की अधिसूचना तब आई, जब नरेंद्र मोदी सीएम बनना तो दूर की बात, सांसद या विधायक भी नहीं थे. उन्होंने लिखा कि मैं राहुल गांधी से मांग करता हूं कि तुरंत अपना झूठ वापस लें.
'बदनाम करना बंद करना चाहिए'
नरहरि ने यह भी लिखा कि उन्हें ओबीसी को बदनाम करना बंद करना चाहिए और लोकप्रिय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति नफरत से भरे होने के लिए गुजरात के लोगों से भी माफी मांगनी चाहिए. इससे पहले केंद्र सरकार की तरफ से राहुल गांधी के इस बयान पर पलटवार किया गया है और बताया गया है कि यह सरासर झूठ है. मोदी की जाति को उनके गुजरात के मुख्यमंत्री बनने से पूरे 2 साल पहले 27 अक्टूबर 1999 को ओबीसी के रूप में अधिसूचित किया गया था.
गुजरात की मोध-घांची जाति
मालूम हो कि नरेंद्र मोदी गुजरात की जिस जाति से आते हैं वह मोध-घांची जाति सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़ा वर्ग ओबीसी कैटेगरी में गुजरात में शामिल है. भारत सरकार की गुजरात के लिए 105 ओबीसी जातियों की सूची में नरेंद्र मोदी की जाति मोध-घांची भी इसमें शामिल है. मंडल आयोग ने सूचकांक 91 (ए) के तहत ओबीसी की एक सूची तैयार की, जिसमें इस जाति को इस कैटेगरी में शामिल किया गया था.
कौन हैं नरहरि अमीन?
नरहरि अमीन गुजरात के पुराने लीडर रहे हैं और युवावस्था से ही वे चर्चा में रहे हैं. 1974 में गुजरात के नवनिर्माण आंदोलन में वे सक्रिय भूमिका में रहे. उस आंदोलन ने तत्कालीन CM चिमनभाई पटेल की सरकार गिरा दी थी. नरहरि अमीन फरवरी 1994 से मार्च 1995 तक कांग्रेस सरकार में उप-मुख्यमंत्री रहे हैं. हालांकि बाद में वे बीजेपी में शामिल हो गए थे. 25 जुलाई, 1994 को गुजरात सरकार ने मोढ़-घांची जाति को OBC के भीतर सूचीबद्ध करते हुए अधिसूचना जारी की थी.