गलवान घाटी में भारतीय जवानों के शहीदों के मुद्दे पर पीएम मोदी ने बोलते हुए कहा कि जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा. उकसाने पर मुंहतोड़ जवाब देंगे. भारत शांति चाहता है. हम किसी को उकसाते नहीं हैं लेकिन हमको जवाब देना आता है.
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नई दिल्ली: गलवान घाटी में भारतीय जवानों के शहीदों के मुद्दे पर पीएम मोदी ने बोलते हुए कहा कि जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा. उकसाने पर मुंहतोड़ जवाब देंगे. भारत शांति चाहता है. हम किसी को उकसाते नहीं हैं लेकिन हमको जवाब देना आता है. पीएम मोदी ने कहा कि भारत शांति चाहता है, वीरता हमारे देश के चरित्र का हिस्सा है. हमारे जवानों ने मारते-मारते शहादत दी, जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा. कोई भी देश भ्रम में ना रहे, उकसाने पर मुंहतोड़ जवाब देंगे. भारत किसी देश को उकसाता नहीं है, हमें अपने जवानों पर गर्व है.
पीएम मोदी ने कहा कि हमने हमेशा पड़ोसियों के साथ काम किया है. इस बात की हमेशा कोशिश की है कि मतभेद विवाद का हिस्सा ना बनें. लेकिन हम अपनी संप्रभुता, अखंडता के साथ समझौता नहीं करेंगे.आज कोरोना के मुद्दे पर मुख्यमंत्रियों के साथ दूसरे दिन की बैठक से पहले पीएम मोदी ने ये बात कही. इसके साथ ही उन्होंने सभी मुख्यमंत्रियों के साथ शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए दो मिनट का मौन भी रखा.
रक्षा मंत्री की प्रतिक्रिया
इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीनी सेना के साथ हिंसक झड़प में शहीद हुए भारतीय जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए बुधवार को कहा कि गलवान घाटी में सैनिकों को गंवाना बहुत परेशान करने वाला और दु:खद है. सिंह ने ट्वीट किया कि भारतीय जवानों ने कर्तव्य का पालन करते हुए अदम्य साहस एवं वीरता का प्रदर्शन किया और अपनी जान न्यौछावर कर दी.
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘देश अपने सैनिकों की बहादुरी और बलिदान को कभी नहीं भूलेगा. शहीद सैनिकों के परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं. देश इस मुश्किल समय में उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है. हमें भारत के वीरों की बहादुरी और साहस पर गर्व है.’’
गौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में सोमवार रात चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में भारतीय सेना के एक कर्नल सहित 20 सैन्यकर्मी शहीद हो गए.
विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन की सेनाओं के बीच हिंसक झड़प क्षेत्र में ‘‘यथास्थिति को एकतरफा तरीके से बदलने के चीनी पक्ष के प्रयास’’ के कारण हुई. विदेश मंत्रालय ने कहा कि पूर्व में शीर्ष स्तर पर जो सहमति बनी थी, अगर चीनी पक्ष ने गंभीरता से उसका पालन किया होता, तो दोनों पक्षों को हुए नुकसान से बचा जा सकता था.
पूर्वी लद्दाख के पैंगॉन्ग सो, गलवान घाटी, डेमचोक और दौलत बेग ओल्डी इलाके में भारतीय और चीनी सेना के बीच गतिरोध चल रहा है. पैंगॉन्ग सो सहित कई इलाके में चीनी सैन्यकर्मियों ने सीमा का अतिक्रमण किया है .
भारतीय सेना ने चीनी सेना की इस कार्रवाई पर कड़ी आपत्ति जताई है और क्षेत्र में अमन-चैन के लिए तुरंत उससे पीछे हटने की मांग की है. गतिरोध दूर करने के लिए पिछले कुछ दिनों में दोनों तरफ से कई बार बातचीत भी हुई है.