भारतीय वैज्ञानिकों ने खोजी नई आकाशगंगा, नासा ने की तारीफ
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भारतीय वैज्ञानिकों ने खोजी नई आकाशगंगा, नासा ने की तारीफ

भारतीय वैज्ञानिकों ने अबतक की सबसे दूर स्थित आकाशगंगा AUDFs01 की खोज की है. इसे भारत के पहले मल्टी-वेवलेंग्थ सेटेलाइट-एस्ट्रोसैट की मदद से खोजा गया. जिसके लिए नासा ने भारतीय वैज्ञानिकों की तारीफ की है. भारतीय वैज्ञानिकों ने क्या खोजा?

प्रतीकात्मक तस्वीर

नई दिल्ली: भारतीय वैज्ञानिकों ने अब तक की सबसे दूर स्थित आकाशगंगा AUDFs01 की खोज की है. इसे भारत के पहले मल्टी-वेवलेंग्थ सेटेलाइट-एस्ट्रोसैट की मदद से खोजा गया जिसके लिए नासा ने भारतीय वैज्ञानिकों की तारीफ की है. पुणे स्थित अंतरिक्ष विज्ञान और अंतरिक्ष भौतिकी के अंतर-विश्वविद्यालयी केंद्र (Inter-University Centre for Astronomy and Astrophysics (IUCAA) के वैज्ञानिकों ने ये खोज की. एस्ट्रोसैट (Multi-Wavelength Satellite, AstroSat) ने दूसरी आकाशगंगा से निकलने वाली एक्स्ट्रीम अल्ट्रावायलेट (यूवी) लाइट (Extreme Ultraviolet (UV) Light) की मौजूदगी को पकड़ा, जो पृथ्वी से करीब 9.30 बिलियन प्रकाश वर्ष की दूरी पर है. नई आकाशगंगा अब दुनिया के सामने है, जिसे AUDFs01 नाम दिया गया है.

  1. भारतीय वैज्ञानिकों ने सबसे दूर स्थित आकाशगंगा की खोज की
  2. नासा ने की भारतीय वैज्ञानिकों की जमकर तारीफ
  3. हब्बल जो काम नहीं कर पाया, एस्ट्रोसैट ने कर दिखाया

नासा ने क्या कहा:
इस खोज के एक दिन बाद नासा ने भारतीय वैज्ञानिकों की जमकर तारीफ की. नासा की पब्लिक अफेयर्स ऑफिसर फेलिसिया चॉऊ ने कहा, 'नासा इस नई खोज के खोजकर्ताओं को बधाई देता है.' उन्होंने कहा कि विज्ञान सभी के लिए खोज करता है. इससे हमारी खुद की उत्पत्ति का पता चल सकेगा. कि हम कहां से आए.

आईयूसीएए ने दिया इस खास काम को अंजाम
पुणे स्थित आईयूसीएए के अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिकों ने एस्ट्रोसैट के माध्यम से इस कारनामे को अंजाम दिया, जोकि बेहद महत्वपूर्ण खोज मानी जा रही है.  अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के इस अंतर्राष्ट्रीय समूह (International Team of Astronomers) की अगुवाई डॉक्टर कनक साहा कर रहे हैं, जो आईयूसीएए में एसोसिएट प्रोफेसर हैं. इस खोज के बारे में 24 अगस्त को 'नेचर एस्ट्रोनोमी' में पूरे विस्तार से बताया गया है. ये खोज अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञोें के दल ने की है, जिसमें भारत, फ्रांस, स्विट्जरलैंड, अमेरिका, जापान और नीदरलैंड्स के वैज्ञानिक शामिल हैं.

केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने इस प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "यह गर्व की बात है भारत की पहली मल्टी-वेवलेंथ स्पेस ऑब्जर्वेटरी "एस्ट्रोसैट" ने पृथ्वी से 9.3 बिलियन प्रकाश वर्ष दूर स्थित एक आकाशगंगा से चरम-यूवी प्रकाश का पता लगाया है." 

 

 

 

बेहद महत्वपूर्ण है खोज
आईयूसीएए के डायरेक्टर डॉक्टर सोमक राय चौधरी ने कहा, 'ये खोज डार्क एज से जुड़ी बेहद महत्वपूर्ण खोज में से है, इसके जरिये हम प्रकाश के पैदा होने की कहानी जान पाएंगे. हालांकि इसके लिए अभी बहुत कुछ करना है. मैं अपने साथियों के इस कारनामे से गदगद हूं'.

जो काम हब्बल नहीं कर पाया, उसे एस्ट्रोसैट ने दिया अंजाम
इसी काम को अंजाम देने के लिए नासा ने हब्बल स्पेस टेलीस्कोप (Hubble Space Telescope-एचएसटी) को अंतरिक्ष में तैनात किया है, जो कि एस्ट्रोसैट के यूवीआईटी (UV imaging telescope) से काफी बड़ा है, लेकिन एस्ट्रोसैट के यूवीआईटी ने वो कर दिखाया, जो हब्बल नहीं कर पाया.

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