कोरोना महामारी की वजह से हर रोज हजारों लोगों की जान जा रही हैं. बहुत सारी मौतों की गिनती कोरोना की वजह से नहीं भी होना बताया जा रहा है, लेकिन श्मशान घाटों पर लाइन से जलती चिताओं की धधक से वायुमंडल तक पर असर पड़ रहा है.
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नई दिल्ली: कोरोना महामारी की वजह से हर रोज हजारों लोगों की जान जा रही हैं. बहुत सारी मौतों की गिनती कोरोना की वजह से नहीं भी होना बताया जा रहा है, लेकिन श्मशान घाटों पर लाइन से जलती चिताओं की धधक से वायुमंडल तक पर असर पड़ रहा है. इसकी तस्दीक नासा ने भी की है.
नासा की तस्वीरें दिखा रही हैं कि 27/3/21 और 27/4/21 में कितना अंतर है. उत्तर भारत में थर्मल एक्टिविटी बढ़ी है. जो आग लगने पर दिखती है. ये पराली के वक्त भी दिखती है, जब तापमान बढ़ता है.
श्मशान घाट में भीड़ लगी है. चिताओं की भी और जिंदा लोगों की भी. कोई लकड़ी के लिए जद्दोजहद कर रहा है, तो कोई किसी अपने को अंतिम विदाई देने के लिए अपनी बारी की प्रतीक्षा कर रहा है. माहौल में हर तरफ जहरीला धुआं घुलता चला जा रहा है. जो लोग चले गए, वो राख और धुआं बन कर अब मानों हर तरफ चेतावनी दे रहे हैं कि लोग अब भी संभल जाएं.
इस समय दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 के पार है. यानी दिल्ली और एनसीआर की हवा इस वक्त जहरीली है. जरा सोचिए पिछले साल जब कोरोना वायरस फैला था, तो आसमान नीला हो गया था. नदियां साफ हो गई थी. हवा में ताजगी थी. लेकिन इस बार मामला बिल्कुल उलट है. इस समय हवा में जहरीला धुआं पसरा है. मन ही नहीं, माहौल में भी एक अजीब सी उदासी वाली गर्त है. यह जहरीली हवा आपके फेफड़ों तक सीधे पहुंच रही है, यानी हवा में कोरोनावायरस का खतरा भी है और धुएं से आ रहे कार्बन के जहरीले कणों का डर भी.
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दिल्ली-एनसीआर में जगह-जगह अस्थाई श्मशान घाट बन चुके हैं. जाहिर है, सरकारी मौतों के आंकड़े से ज्यादा भयावह हालात है, ऐसे में आपको कोरोनावायरस के साथ-साथ इस जहरीली हवा से भी खुद को बचा कर रखना है. जिसमें डबल मास्क आपकी काफी मदद कर सकता है. गले की साफ सफाई का ख्याल रखें. दिन में एक से दो बार भाप जरूर लें इन सारी हिदायत हिदायतों के बाद भी हम आपसे यही कहेंगे कि जब तक जरूरी न हो, घर से बाहर न निकले. क्योंकि घर से बाहर की हवा जानलेवा है.