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नई दिल्ली: पंजाब में चरणजीत सिंह चन्नी ने राज्य के पहले दलित मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ले ली है. लेकिन पद संभालने के साथ ही उनकी मुश्किलें भी बढ़ती जा पर रही हैं. एक ओर कांग्रेस के भीतर अंदरूनी कलह अपने चरम पर है तो वहीं दूसरी ओर चरणजीत के पुराने विवाद फिर से सामने आ रहे हैं. महिला आयोग की चेयरपर्सन ने उनके सीएम बनने को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा है.
आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी पर 2018 के MeToo मूवमेंट के दौरान गंभीर आरोप लगे थे. राज्य महिला आयोग ने तब उन्हें नोटिस भी जारी किया था, यहां तक उनकी बर्खास्तगी के लिए धरना तक दिया था. लेकिन इस मामले में पंजाब सरकार ने तब कोई कदम नहीं उठाया था.
Today, he has been made Punjab CM by a party that is headed by a woman. It is betrayal. He is a threat to women safety. An enquiry should be conducted against him. He is not worthy to be CM. I urge Sonia Gandhi to remove him from the CM post: NCW Chairperson Rekha Sharma (1/2) pic.twitter.com/56kjw4XG7F
— ANI (@ANI) September 20, 2021
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रेखा शर्मा ने कहा कि जिस पार्टी (कांग्रेस) की अध्यक्ष एक महिला है आज उसी ने चरणजीत सिंह को पंजाब का मुख्यमंत्री बना दिया. उन्होंने कहा कि महिला सुरक्षा के लिए यह बहुत खतरे वाली बात है और उनके खिलाफ जांच होनी चाहिए क्योंकि वह मुख्यमंत्री बनने के काबिल नहीं हैं. रेखा शर्मा ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से चरणजीत को सीएम पद से हटाने की मांग की है.
इससे पहले बीजेपी भी कथित तौर पर एक महिला IAS अधिकारी को गलत मैसेज भेजने के बाद मीटू के आरोप झेलने वाले चरणजीत को मुख्यमंत्री बनाने को लेकर कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी पर निशाना साधा था. साथ ही पार्टी नेता अमित मालवीय ने आरोप लगाया था कि कांग्रेस पार्टी अब किस मुंह से महिला सुरक्षा की बात कर सकती है.