Exclusive: NEET टॉपर आफताब शोएब ने बताया अपनी सफलता का राज
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Exclusive: NEET टॉपर आफताब शोएब ने बताया अपनी सफलता का राज

शुक्रवार को नीट 2020 के रिजल्ट घोषित कर दिए गए. इस परीक्षा में ओडिशा के शोएब और दिल्ली की आकांक्षा ने सबसे ज्यादा 720 अंक हासिल किए. हालांकि शोएब की उम्र ज्यादा होने की वजह से उन्हें टॉपर बनाया गया. जबकी अकांक्षा को दूसरा स्थान मिला.

जी न्यूज पर आफताब शोएब

नई दिल्ली: शुक्रवार को नीट 2020 के रिजल्ट घोषित कर दिए गए. इस परीक्षा में ओडिशा के शोएब और दिल्ली की आकांक्षा ने सबसे ज्यादा 720 अंक हासिल किए. हालांकि शोएब की उम्र ज्यादा होने की वजह से उन्हें टॉपर बनाया गया. जबकी अकांक्षा को दूसरा स्थान मिला. नीट के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ जब दो लोगों को पूरे अंक मिले हैं. आफताब ने सोचा नहीं था कि वो कभी टॉप करेंगे.

  1. एनईईटी परीक्षा के टॉपर आफताब शोएब ने मां को दिया सफलता का श्रेय
  2. लॉकडाउन के दौरान पढ़ाई में ही लगाया मन
  3. 13.66 लाख अभ्यर्थियों में आफताब ने किया टॉप

मां ने दिया हर कदम पर साथ
आफताब की मां सुल्तान रजिया एक घरेलू महिला हैं और पिता शेख मोहम्मद अब्बास छोटा सा कारोबार चलाते हैं. आफताब अपनी सफलता का श्रेय मां रजिया को देते हैं. जिन्होंने उन्हें डॉक्टर बनाने की ठानी और हर कदम पर साथ खड़ी रहीं. जी न्यूज से खास बातचीत में शोएब ने बताया कि कोरोना काल में उन्होंने लॉकडाउन का सकारात्मक तरीके से इस्तेमाल किया. उन्होंने कहा कि मैं सिर्फ पढ़ाई के बारे में सोच रहा था, यहां तक कि लॉकडाउन की वजह से जब सारे बच्चे कोटा से चले गए, तब भी मैं यहीं रुका रहा और पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित रखा.

लॉकडाउन के पांच महीनों ने पढ़ाई में मदद की
शोएब आफताब ने बताया कि मैं एक बार घर से कोटा आने के बाद ढाई साल तक अपने घर नहीं गया. दीपावली व ईद की छुट्टियां भी थी लेकिन मैं कोटा में ही रहा और पढ़ाई में रुकावट नहीं आने दी. कोराना काल में भी कोटा में ही रहा, लॉकडाउन में भी जब सब घर गए तो मैं यहीं रूका रहा, इससे मेरी तैयारी और अच्छी हो गई. कोटा से बेहतर सुविधाएं आपको कहीं नहीं मिल सकती. मैंने लॉकडाउन के 5 महीनों का पूरा उपयोग किया.

मां और बहन ने पढ़ाई के लिए प्रेरित किया
आफताब ने कहा कि पिता चाहते थे कि अब वो 18 साल के हो गए हैं, तो कामकाज में हाथ बटाएं, लेकिन मां और बहन ने पढ़ाई के लिए प्रेरित किया. मैं 12वीं पास करने के बाद कोटा चला गया और एनईईटी की तैयारी में जुट गया. शुरुआत में रात में तीन घंटे पढ़ाई की और धीरे-धीरे ये समय बढ़ता चला गया. उन्होंने कहा कि मैं बहुत खुश हूं. मेरे पूरे परिवार में कोई डॉक्टर नहीं है और अब दिल्ली एम्स (AIIMS-New Delhi) में पढ़ना चाहता हूं. आफताब ने कहा कि उन्हें टॉप 50 में तो आने का भरोसा था, लेकिन टॉप करने की उम्मीद नहीं की थी. शोएब की मां अपने बेटे के इस प्रदर्शन पर भावुक हो गईं और कहा कि इस खुशी को बयां करने के लिए उनके पास शब्द नहीं हैं.

13.66 लाख अभ्यर्थियों ने लिया था एनईईटी में हिस्सा
इस साल एनईईटी परीक्षा में 13.66 लाख अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया था, जिसमें 7,71,500 अभ्यर्थी सफल हुए हैं. सबसे ज्यादा छात्र त्रिपुरा(88,889) से सफल हुए हैं, उसके बाद महाराष्ट्र Maharashtra (79,974) का नंबर आता है.

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