Nestle: 3 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए भोजन में Added Sugar का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए. लेकिन भारत समेत विकासशील देशों में बिकने वाले Cerelac में High Level Of Added Sugar होते हैं.
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Sweet Poison To Children: ये खबर हर उस माता-पिता को सावधान करने वाली हैं जो अपने बच्चों को Cerelac खिलाते हैं. ये खबर देखने के बाद जो माता-पिता अपने बच्चे को Cerelac खिलाते हैं. वो खिलाना बंद कर देंगे. और जो माता-पिता अपने बच्चों को Cerelac खिलाने के बारे में सोच रहे हैं..वो ऐसा करने के बारे में सोचना भी बंद कर देंगे. क्योंकि Cerelac बनाने वाली कंपनी Nestle के लिए सब बच्चे एक समान नहीं हैं. Nestle के लिए भारत के नौनिहालों की जिंदगी और सेहत इतनी Important नहीं है जितनी यूरोपीय देशों के बच्चों की है.
असल में International Baby Food Action Network यानी IBFAN और स्विट्जरलैंड के Research Organisation..Public Eye ने Nestle के Baby Food Product Cerelac की लैब टेस्टिंग के बाद एक रिपोर्ट जारी की है. जिसका शीर्षक है - How Nestle Gets Children Hooked On Sugar In Lower Income Countries..शीर्षक से ही साफ है कि ये रिपोर्ट विकासशील और गरीब देशों में Nestle के Products में Sugar के इस्तेमाल से जुड़ी है.
इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि..भारत, बांग्लादेश, दक्षिण अफ्रीका, नाइजीरिया, पाकिस्तान जैसे विकासशील और Low Income Group देशों में Nestle के सेरेलक जैसे Baby Food Products में Added Sugar होती है.
Nestle के Baby Food Products..
जबकि स्विट्जरलैंड, जर्मनी, ब्रिटेन और फ्रांस जैसे यूरोपीय देशों में बिकने वाले Nestle के इन्हीं Baby Food Products में Added Sugar नहीं होती है. यानी स्विट्जरलैंड की मल्टीनेशनल कंपनी, Nestle..अपना एक ही Product..यूरोपीय देशों में बिना Added Sugar के बेचती है..और भारत में Added Sugar के साथ बेचती है.
क्योंकि World Health Organistaion के मुताबिक 3 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए भोजन में Added Sugar का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए. लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि भारत समेत विकासशील देशों में बिकने वाले Cerelac में High Level Of Added Sugar होते हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक...
- Nestle जो wheat-based Cerelac जर्मनी और ब्रिटेन में बेचता है उसमें कोई Added Sugar नहीं होती.
- जबकि भारत में Per Serving 2.2 ग्राम Added Sugar होती है. पाकिस्तान में 2.7 ग्राम और बांग्लादेश में 1.6 ग्राम Added Sugar होती है.
- साउथ अफ्रीका में चार ग्राम..इथियोपिया में 5.2 ग्राम..सेनेगल और थाइलैंड में करीब 6 ग्राम और नाइजीरिया और फिलीपींस में बिकने वाले Cerelac में तो Per Serving Added Sugar की मात्रा 7 ग्राम तक होती है.
Nestle के इस Double Standard पर अब हम आपको एक रिपोर्ट दिखाना चाहते हैं..इस रिपोर्ट में हमने भारत के नौनिहालों की सेहत के साथ Nestle के खिलवाड़ का रियलिटी चेक किया है. ये रिपोर्ट देखकर आपको Nestle के Double Standards की गंभीरता का अंदाजा लग गया होगा. आखिर Nestle को ये अधिकार किसने दिया कि वो स्विट्जरलैंड..ब्रिटेन...जैसे देशों के बच्चों को बिना Added Sugar वाला Cerelac बेचे और भारत जैसे देशों में बच्चों के लिए Added Sugar वाला Cerelac बेचे.
रिपोर्ट में WHO के एक अधिकारी की तरफ से ये कहा गया है कि
इसके पीछे Nestle की ये नीति हो सकती है कि भारत जैसे विकासशील जैसे देशों में बच्चों को Sugar का आदी बनाया जाए ताकि उसके Product की Demand बनी रहे.
और ये सिर्फ अंदाजा नहीं है..बल्कि आंकड़ों से भी साबित होती है. Public Eye और IBFAN की रिसर्च में ये भी खुलासा हुआ है कि..
भारत में Cerelac Baby Cereals में Per Serving करीब 3 ग्राम Added Sugar होती है.और भारत में वर्ष 2022 में Cerelac की Sales Value 250 Million Dollars यानी 21 सौ करोड़ थी.
यही स्थिति ब्राजील में है. जहां Cerelac baby cereals में Per Serving औसतन तीन ग्राम Added Sugar होती है. और वर्ष 2022 में ब्राजील..150 Million Dollars यानी 1260 करोड़ रुपये की Sales के साथ Cerelac का दूसरा सबसे बड़ा बाजार था.
यानी जिन देशों में Nestle, Added Sugar वाला Cerelac बेच रही है..वहां उसकी Demand बढ़ रही है. इसकी वजह ये है कि Added Sugar...Highly Addictive होती हैं..यानी इसकी लत लग जाती है. Added Sugar से बच्चों को ज्यादा मीठा खाने की Craving होती है. और यही लत Cerelac खाने वाले बच्चों को भी लग जाती है. इसलिए WHO ने भी बच्चों के Food Items में Added Sugar का इस्तेमाल ना करने का निर्देश दिया हुआ है.
इसलिए Nestle..यूरोपीय देशों में बेच जाने वाले Cerelac में तो Added Sugar नहीं मिलाती..लेकिन भारत समेत दुनिया के कई विकासशील और गरीब देशों के बच्चों को Cerelac की लत लगाने के लिए Added Sugar का इस्तेमाल करती है. जिससे Nestle को फायदा होता है और भारत जैसे देशों के नौनिहालों की सेहत को नुकसान होता है.
Added Sugar के सेवन से बच्चों में High Blood Pressure और दिल की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है।
बच्चों के शरीर में Bad Cholestrol बढ़ता है. डायबिटीज हो सकती है.
बच्चों के दांतों में Cavities हो सकती हैं.
ज्यादा मात्रा और लंबे वक्त तक Added Sugar लेने से बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ सकता है.
बच्चों की Immunity..Weak हो सकती है.
और बच्चों के लिवर में Fat बढ़ सकता है.
Nestle के Double Standards के चलते भारत के बच्चों में मोटापे और दूसरी बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है. Nestle..दुनिया की दिग्गज कंपनी है. जिसके Products पूरी दुनिया में बिकते हैं. लेकिन जिस तरह से Nestle..भारत समेत कई विकासशील और गरीब देशों के बच्चों की सेहत के साथ खिलवाड़ कर रहा है. वो कोई नई बात नहीं है...
वर्ष 2015 में हुई जांच में पता चला था कि Nestle के Maggi Noodles में तय मात्रा से 17 गुना ज्यादा लेड यानी सीसा था. इसके अलावा मैगी के मसाले में हानिकारक मोनो सोडियम ग्लूटामेट भी पाया गया था जिसका जिक्र मैगी के पैकेट में नहीं था.
तब भी Nestle पर भारत में Double Standards के आरोप लगे थे. और Maggi पर बैन लगाने तक की नौबत आ गई थी. और अब एक बार फिर Nestle के Double Standards की पोल खुल गई है. इस पर Nestle की सफाई भी आई है. Nestle की तरफ से कहा गया है कि.
Baby Food, Highly Controlled Category में आते हैं. हम जहां भी काम करते हैं, वहां के स्थानीय कानून और अंतरराष्ट्रीय मानकों का पालन करते हैं. इसमें लेबलिंग और शुगर समेत कार्बोहाइड्रेट की Limitation भी शामिल है. Nestle ने कहा है कि पिछले पांच सालों में उसने शिशुओं के दूध और अनाज आधारित Supplementary Foods में शुगर को 30 प्रतिशत तक कम किया है.
यानी Nestle ने भी माना है कि उसके Baby Foods में शुगर होता है. लेकिन Nestle के पास इस सवाल का जवाब नहीं है कि वो भारत के बच्चों के साथ भेदभाव क्यों कर रहा है. Nestle के इस रवैये ने अब भारत में उसकी मुश्किलें बढ़ा दी हैं.
सूत्रों के मुताबिक भारत के Food Regulator...FSSAI, इस मामले की जांच Scientific कमेटी से करवा सकती है. जांच में दोषी पाए जाने पर Nestle पर सख्त कार्रवाई की जा सकती है. अब जांच कब होगी और कब पूरी होगी..ये तो पता नहीं..लेकिन Nestle की पोल खुलने के बाद भारत में छोटे बच्चों के Parents को डरा दिया है.
अगर आप भी छोटे बच्चों के Parent हैं..तो आपको भी Nestle Cerelac में मिले मीठे जहर की खबर ने डरा दिया होगा. और यहां डरना जरूरी भी है क्योंकि ये आपके बच्चे की सेहत का मामला है. जिससे कोई समझौता नहीं किया जा सकता. लेकिन स्विट्जरलैंड की कंपनी..Nestle इकलौती विदेशी कंपनी नहीं है..जो भारत के बच्चों की सेहत से खिलवाड़ कर रही है. और बच्चों को Cerelac में मीठा जहर घोलकर खिला रही हैं.
ब्रिटेन की कंपनी Cadbury भी अपने Product...Bournvita में बच्चों को बहुत ज्यादा चीनी खिला रही हैं. भारत में बिकने वाले Bournvita में चीनी की मात्रा..तय सीमा से ज्यादा पाई गई है. लेकिन बेशर्मी की हद देखिये कि Nestle और Cadbury जैसी कंपनियां..भारत में अपने Products का प्रचार ऐसा करती हैं जैसे उनके Products से ज्यादा Healthy Products पूरी दुनिया में कोई हो ही नहीं सकता. लोगों को लुभाने के लिए मनगढ़ंत और झूठ दावे किये जाते हैं...जिनका सच्चाई से दूर-दूर तक कोई लेना-देना नहीं होता.
Marketing के दम पर ये विदेशी कंपनियां..अपना बाजार बढ़ाती जाती हैं..और उपभोक्ताओं को धोखा देती हैं. यही Nestle इतने वक्त से Cerelac के जरिये कर रही थी. जिसका अब खुलासा हुआ है. उम्मीद है कि अब Parents अपने छोटे बच्चों को कोई भी Food Products खिलाने से पहले आकर्षक विज्ञापनों पर नहीं बल्कि Products की Quality पर ध्यान देंगे.