उम्मीद से भी शानदार होगा देश का नया संसद भवन, जानिए इसकी खासियत और खूबियां
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उम्मीद से भी शानदार होगा देश का नया संसद भवन, जानिए इसकी खासियत और खूबियां

New Parliament House: नए संसद भवन के गौरवशाली निर्माण की अहमियत इस बात से भी समझी जा सकती है कि खुद पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi), अमेरिका (US) के दौरे से लौटने के बाद नये संसद भवन के निर्माण कार्य की प्रगति का जायजा लेने पहुंच गए. 

देश का नया संसद भवन ऐसा होगा...

नई दिल्ली: हिंदुस्तान की आजादी के 75 साल पूरा होने पर देशवासियों को अपना संसद भवन मिलेगा. नये संसद भवन की क्या खसियत होगी? ये कैसा दिखेगा और इसका निर्माण किस तरह से हो रहा है? संसद भवन के निर्माण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की क्या सोच है? आपको इसके बारे में जरूर जानना चाहिये. 

  1. नई संसद का निर्माण अगले साल होगा पूरा
  2. 2022 का शीतकालीन सत्र नए संसद भवन से
  3. कौशल और रफ्तार की मिसाल होगा नया संसद भवन

कहा जाता है कि हमें अपनी परंपराओं को सहेज कर रखना चाहिये. हमें अपनी संस्कृति और सभ्यता का अवलोकन करने के साथ उस पर गर्व करना चाहिये. ऐसे में अगर किसी काम में आधुनिकता का पुट मिल जाये वो भी बिना हिंदुस्तानियत को किसी तरह का नुकसान पहुंचाये तो फिर इसे चमत्कार ही कहा जाएगा. यानी ऐसी ही खासियतों से भरा होगा भारत का नया संसद भवन. भारतीयों के इस जुनून का ही परिणाम है कि रिकॉर्ड समय में देश का अपना संसद भवन आपको जल्द तैयार मिलेगा. 

तय सीमा में होगा काम 

नए संसद भवन के गौरवशाली निर्माण की अहमियत इसी बात से समझी जा सकती है कि खुद पीएम मोदी, अमेरिका (US) दौरे से लौटने के बाद नये संसद भवन के निर्माण कार्य की प्रगति का जायजा लेने पहुंच गये. वैसे भी मोदी सरकार ने आजादी के 75 साल पूरे होने के अवसर पर संसद की कार्यवाही, नये संसद भवन में शुरू करने का लक्ष्य तय किया था. जिसका जिक्र पीएम मोदी लगातार करते आ रहे हैं. इसलिये सबसे पहले ये जानना जरूरी है कि हिंदुस्तान का, हिंदुस्तानियों द्वारा, आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत बनने वाला नया संसद भवन, अगले साल यानी अक्टूबर, 2022 तक तैयार हो जायेगा.

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500 साल तक का इंतजाम!

आपको बता दें कि अगले साल 2022 में संसद के शीतकालीन सत्र ( Winter Session) की शुरुआत उसी नये संसद भवन में होगी. नए संसद भवन की बनावट कुछ ऐसी है जिसमें अगले 250 साल तक संसद की कार्यवाही सुचारू रूप से चल सकेगी. संसद भवन के निर्माण में लगे अधिकारियों और इंजीनियरों का मानना है कि नई बिल्डिंग की सही देखभाल होती रहेगी तो 500 साल तक आराम से यहां का काम चल जायेगा. आपके लिए ये जानना भी जरूरी है कि अंग्रेजों द्वारा बना मौजूदा संसद भवन काउंसिल हाउस (COUNCIL HOUSE) के तौर पर बना जो साल 1927 में तैयार हुआ. 

नए संसद भवन के फीचर्स

जब देश आजाद हुआ तो इसको संसद भवन बना दिया गया. हालांकि वर्तमान संसद भवन पूर्ण लोकतंत्र की द्विसदनीय रूपरेखा को ध्यान में रखकर नही बनाया गया था. जब इस भवन की उम्र करीब 100 साल होने को है, तो इसमे तमाम तरह की दिक्कतें महसूस होने लगी हैं. दरअसल मौजूदा संसद भवन भूकंप रोधी नहीं है. 100 साल पहले जब ये बना तब ये इलाका सिसमिक जोन 2 था. दिल्ली अब सीस्मिक जोन 4 में है. ऐसे में नये भवन का निर्माण सिसमिक जोन 5 के हिसाब से हो रहा है. 

प्राकतिक रोशनी की कमी नहीं

मौजूदा भवन मे नेचुरल लाइट की पुख्ता व्यवस्था नहीं है. नये भवन को इस तरह बनाया जा रहा है जिसमें प्राकृतिक रोशनी की कोई कमी नहीं होगी. मौजूदा संसद भवन में फायर सिस्टम भी एक गंभीर मसला रहा है. आग से बचाव की समुचित व्यवस्था यहां ऐसी नहीं थी कि जो आधुनिक पैमाने पर खरा उतरे. नई बिल्डिंग में इसका पूरा ध्यान रखा गया है.

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क्यों थी तात्कालिक जरूरत?

नये भवन के निर्माण की जरूरत तात्कालिक भी है. संविधान में कई संसोधनों के बाद लोक सभा मे सदस्यों की संख्या को साल 1976 में अधिकतम 552 तय किया गया था. यानी करीब 25 लाख की आबादी पर एक सांसद का प्रावधान तय हुआ था. जबकि आजादी के समय ये आंकड़ा करीब 5 लाख की जनसंख्या पर एक सांसद के प्रतिनिधित्व से जुड़ा था. लेकिन तय साल (Freez year) यानी 2026 के बाद जब इस 552 सदस्यों कि संख्या की बंदिशों को हटाया जायेगा, तो सदस्यों की संख्या करीब डेढ़ गुना तक बढ़ सकती है. मौजूदा भवन में इतकी क्षमता नही है. इसलिये भी नये संसद भवन का निर्माण बेहद जरूरी था.

नई संसद में 1272 सीटों का इंतजाम

नये संसद भवन की लोकसभा में 1272 सीटों की व्यवस्था की जा रही है. जो जॉइंट सेशन की स्थिति में भी परिपूर्ण होगा. नये लोकसभा के इंटीरियल डिजाइन में राष्ट्रीय पक्षी यानी मोर और राज्य सभा के इंटीरियक में राष्ट्रीय फूल यानी कमल ( Lotus) का रेफरेंस रहेगा. यही नहीं 21 फुट ऊंचा और 10 फिट चौड़ा  राष्ट्रीय चिन्ह यानी अशोक चक्र भी नए संसद भवन की शोभा बढ़ाएगा.

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ये सबका मानना रहा है कि मौजूदा संसद भवन परिषर काफी हरा भरा था. बड़े-बड़े पेड़ और उन पर चहचहाती चिड़ियों की आवाज मनमोहक होती थी. वहीं जब नए भवन का निर्माण शुरू हुआ तो सैकड़ों पेड़ों को हटा दिया गया. इसकी आलोचना भी हुई लेकिन आपको बता दें कि नये संसद भवन में हरियाली की छटा अद्भुत होने वाली है. मौजूदा परिसर से जिन 404 पेड़ो को हटाया गया, उनका ट्रांसप्लांट किया गया है. यानी किसी की कटाई नहीं हुई है. उन पेड़ों को दूसरी जगह स्थानांतरित यानी रिलोकेट कर दिया गया है. उन 404 पेड़ो में से आज की तारीख में 80% सर्वाइव कर चुके हैं. 

नई संसद में इतनी हरियाली

अब आपको नये भवन की हरियाली की भी जानकारी दे दें. नए भवन में 4400 पेड़ लगाये जायेंगे. यहां तक नये भवन का डिजाइन ऐसा है कि एक सैकड़ों साल पुराना पीपल का पेड़, संसद भवन के अंदर में रहेगा. जानकारी के अनुसार सरकार ने इसके निर्माण में पर्यावरण के हर मानक और सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) के हर निर्देश का पालन किया है. 862 करोड़ रुपये में 65000 वर्ग मीटर में बन रहे नये संसद भवन के निर्माण में प्रधानमंत्री मोदी के 3 मंत्र का भी पूरा ध्यान रखा गया है. यानी स्केल, स्किल और स्पीड पर फोकस करते हुए निर्माण कार्य तेजी से पूरा किया जा रहा है.

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