लॉरेंस बिश्नोई और बंबीहा गैंग के खिलाफ NIA का एक्शन, 12 बदमाशों के खिलाफ दाखिल की चार्जशीट
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लॉरेंस बिश्नोई और बंबीहा गैंग के खिलाफ NIA का एक्शन, 12 बदमाशों के खिलाफ दाखिल की चार्जशीट

NIA action: NIA ने लारेंस बिश्नोई और बंबीहा गैंग के बदमाशों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है. एजेंसी ने दोनों गैंग के बदमाशों के खिलाफ दो सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की है, जिसमें तीन बदमाश लारेंस बिश्नोई गैंग के हैं और नौ बदमाश बंबीहा गैंग के, यानी कुल 12 बदमाशों के खिलाफ ये चार्जशीट दाखिल की गयी है.

लॉरेंस बिश्नोई और बंबीहा गैंग के खिलाफ NIA का एक्शन, 12 बदमाशों के खिलाफ दाखिल की चार्जशीट

NIA action: NIA ने लारेंस बिश्नोई और बंबीहा गैंग के बदमाशों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है. एजेंसी ने दोनों गैंग के बदमाशों के खिलाफ दो सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की है, जिसमें तीन बदमाश लारेंस बिश्नोई गैंग के हैं और नौ बदमाश बंबीहा गैंग के, यानी कुल 12 बदमाशों के खिलाफ ये चार्जशीट दाखिल की गयी है. इससे पहले भी NIA ने 21 मार्च और 24 मार्च को दोनों गैंग के बदमाशों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी. जिसमें 14 बदमाश लारेंस विश्नोई गैंग के थे और 12 बदमाश बंबीहा गैंग के. अब तक एजेंसी 38 आतंकी/बदमाशों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर चुकी है जिसमें खालिस्तानी आतंकी अर्शदीप सिंह उर्फ अर्श डाला भी शामिल है.

NIA ने लारेंस बिश्नोई गैंग के तीन बदमाश लखबीर सिंह उर्फ लांडा, दिलिप कुमार बिश्नोई उर्फ भोला और सुरेंद्र सिंह उर्फ चीकू है जबकि बंबीहा गैंग के नौ बदमाश के खिलाफ ये चार्जशीट दाखिल की है, जिसमें सुखडूल सिंह उर्फ सुखा दुनेके, छेनू पहलवान, दलेर कोटिया, दिनेश गांधी, सन्नी डागर उर्फ विक्रम शामिल हैं.

लखबीर सिंह लांडा फरार बदमाश है, जो गोल्डी बरार, लारेंस बिश्नोई के साथ पाकिस्तान में छिपे बैठे खालिस्तानी आतकी हरविंदर सिंह उर्फ रिंडा का भी काफी करीबी है. लांडा कनाडा में छिपा हुआ है और वहीं से बिश्नोई गैंग के लिये आतंक और बदमाशी के इस गठजोड़ को संभाल रहा है. कनाडा में ही बैठ कर लांडा भारत में अपने गैंग के जरिये राजनीतिक, खिलाड़ी और पंजाबी संगीत से जुड़े लोगों को धमकी देने और हत्या करवाने में शामिल है. इसके अलावा ये गैंग के लिये काम करने वाले बदमाशों को छिपने में भी मदद करता है. लांडा, पाकिस्तान में छिपे आतंकी रिंडा के साथ मिल कर पंजाब के तरन तारन के सरहाली पुलिस स्टेशन पर RPG हमले में शामिल था.

लांडा और रिंडा ने ही हमले के लिये हथियारों का इंतजाम किया था. इसके अलावा बाकी दो बदमाश दिलीप कुमार बिश्नोई और सुरेंद्र सिंह लारेंश बिश्नोई, अनमोल बिश्नोई, काला जठेड़ी, अनिल छिपी और नरेश सेठी के करीबी है. ये दोनों गैंग के लिये हथियारों की तस्करी, ड्रग तस्करी और गैंग के बदमाशों के लिये छिपने की जगह का इंतजाम करते है. दिलीप बिश्नोई और सुरेंद्र हथियार, ड्रग तस्करी और उगाही के जरिये आने वाली रकम को बिश्नोई और गोल्डी बरार के कहने पर बेनामी संपतियों को बनाने में इस्तेमाल करते है ताकी जरूरत पडड़ने पर इनका इस्तेमाल किया जा सके. इस अवैध कमाई के जिसे गिरोह ने पंजाब और हरियाणा में हथियार और बदमाशों को छिपाने की जगह तैयार कर रखी थी जिसके बारे में एजेंसी ने पता लगाया. 

तीनों बदमाशों के खिलाफ एजेंसी ने हत्या, उगाही के आरोप में चार्जशीट दाखिल की है क्योंकि ये तीनों व्यापारिय़ों, डॉक्टर, पॉलिटिशियन, पंजाबी सिंगर, पंजाबी खिलाड़ियों को धमका कर उगाही कर रहे थे और ना मानने पर हत्या तक कर दे रहे थे. इस गैंग के पाकिस्तान के अलावा नेपाल, कनाडा समेत दूसरे कई देशों में नेटवर्क फैला हुआ है.

बिश्नोई गैंग के अलावा एजेंसी ने उसके दुश्मन गैंग बंबीहा के भी नौ बदमाशों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है, जिसमें सुखडूल सिंह उर्फ सुखा दुनेके, छेनू पहलवान, दलेर कोटिया, दिनेश गांधी, सन्नी डागर उर्फ विक्रम शामिल है. सुखडुल और सन्नी खालिस्तानी आतंकी अर्शदीप सिंह उर्फ अर्श डाला के काफी करीबी है अर्श डाला KTF यानी खालिस्तान टाइगर फोर्स का आतंकी है जिसे भारत सरकार ने UAPA के तहत आतंकी घोषित कर रखा है. इसके अलावा बंबीहा गैंग के चार बदमाश नीरज पंडित, दिनेश गांधी, सुखडुल सिंह और दलेर कोतिया को PO यानी भगौड़ा दिखाया है और कोर्ट से इन चारों को भगौड़ा घाषित करने के लिये भी कहा है.

एजेंसी ने अपनी चार्जशीट में दोनों गैंग के बदमाशों के बारे में बताया कि इन्होनें विदेशों में अपना “Communication and Control Centers” खोल रखे हैं. जिसके जरिये ये भारत में अपने गैंग के बदमाशों से संपर्क में रहते हैं. ये बदमाश अमेरिका, मिडल ईस्ट, थाइलैंड, फिलिपिंस, और कनाडा में छिप कर अपना ये नेटवर्क चला रहे हैं. जिसमें ये अपने गैंग के लोगों के जरिये पंजाबी गायक, पंजाबी खिलाड़ी, व्यापारी, डॉक्टर, धार्मिक नेताओं को धमका कर वसूली करते हैं और हत्या भी कर रहे हैं. हत्या को अंजाम देने के बाद विदेश में बैठे लोग ही इनका छिपने का इंतजाम करते हैं ताकी पुलिस से बचे रहें. एजेंसी के मुताबिक उगाही गयी रकम को ये बदमाश आतंक के लिये हथियार खरीदने और आतंकी वारदातों के लिये इस्तेमाल करते हैं.

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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