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नई दिल्ली: सिंघु बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन के मंच के पास हुई शख्स की हत्या की जिम्मेदारी निहंग समूह निर्वेर खालसा-उड़ना दल (Nirvair Khalsa -Udna Dal) ने ली है. निहंग समूह ने कैमरे पर स्वीकार किया है कि उन्होंने ही 35 साल के दलित शख्स की हत्या कर दी.क्योंकि उसने धार्मिक ग्रंथ का अपमान किया था. हालांकि ऐसा पहली बार नहीं है. इस आंदोलन के दौरान पहले भी निहंग अपनी तलवार से पुलिस पर हमला कर चुके हैं.
21 जनवरी को सिंघु बॉर्डर के पास अलीपुर इलाके में प्रदर्शन के दौरान अलीपुर के पूर्व एसएचओ प्रदीप पालीवाल पर निहंगों के साथ रहने वाले युवक रंजीत सिंह (25) ने तलवार से हमला कर दिया था. तलवार उनकी गर्दन पर लगने से बाल-बाल बची थी. हालांकि बचाव के दौरान उनके हाथ पर गहरा जख्म हुआ था, लेकिन फिर भी उन्होंने रंजीत को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने इस मामले में IPC की धारा 323, 353, 307, 147, 148, 149, 152 और 186 के तहत अलीपुर थाने में केस दर्ज किया था. लेकिन कुछ समय बाद कोर्ट ने उसे बेल पर रिहा कर दिया. जिस वक्त ये हमला हुआ था उस समय प्रदीप पालीवाल अलीपुर थाने के SHO थे.
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16 फरवरी को सिंघु बॉर्डर के पास अलीपुर इलाके से एक निहंग हरप्रीत सिंह पुलिस स्टाफ की कार छीनकर भागने लगा था. उस वक्त समयपुर बादली थाने के पूर्व एचएचओ आशीष दुबे ने करीब 7 किलोमीटर पीछा करने के बाद जब उसे पकड़ा तो उसने तलवार से आशीष दुबे पर हमला कर दिया. इस दौरान आशीष की गर्दन पर मामूली चोट आई, लेकिन निहंग हरप्रीत सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया. बाद में निहंग पर IPC की धारा 392, 394 और 397 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था, हालांकि उसे कोर्ट से बेल मिल गई.
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गौरतलब है कि शुक्रवार को कुंडली में निहंगों ने धरना स्थल के पास एक व्यक्ति का हाथ काट दिया था और फिर उसे बैरिकेड्स पर लटका दिया था. ऐसा आरोप लगाया जा रहा है कि उस व्यक्ति को सिख धर्म के पवित्र ग्रंथ का अपमान करते हुए पकड़ा गया था. हालांकि जब तक पुलिस वहां पहुंची तब तक उस शख्स की मौत हो चुकी थी. उसके शव को पोस्टमार्टम के लिए सिविल हॉस्पिटल ले जाया गया. इस दौरान पुलिस को पता चला कि मरने वाला शख्स तरनतारन जिले का चीमाखुर्द गांव निवासी लखबीर सिंह पुत्र हरनाम सिंह है. इसके बाद पुलिस ने IPC की धारा 302 और 34 के तहत एफआईआर दर्ज की. हालांकि शुक्रवार शाम इस मामले में निहंग सरवजीत सिंह को हरियाणा पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.
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