Telangana News: निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) तेलंगाना के दौरे पर थीं. उसी दौरान वे एक राशन की दुकान पर गईं. जहां उन्होंने जिला कलेक्टर (Kamareddy Collector) से कुछ सवाल पुछे. सवाल का जवाब नहीं मिलने पर मंत्री गुस्सा हो गईं और उन्होंने जिलाधिकारी को जवाब देने के लिए आधे घंटे का समय दे दिया. जाने क्या है पूरा मामला?
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PM Modi Photo Missing: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) 02 सितंबर को तेलंगाना के दौरे पर थीं. उसी समय वो एक राशन दुकान पर कलेक्टर के साथ दौरे पर गईं. उस समय उन्होंने कामारेड्डी जिले के कलेक्टर से केंद्र सरकार की योजना के बारे में सवाल किए, जब वह इस बात का जवाब नहीं दे सके तो वित्त मंत्री कलेक्टर पर भड़क गईं. दरअसल हुआ यूं कि सीतारमण ने कलेक्टर से पूछा कि योजना के तहत बांटे जा रहे फ्री चावल के लिए राज्य सरकार से कितना पैसा मिलता है? इसके अलावा मंत्री ने यह भी पूछा कि राशन की दुकान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर क्यों नहीं हैं. इस घटना के बाद तेलंगाना सरकार के मंत्री ने सीतारमण को निशाने पर ले लिया है.
सीतारमण ने 30 मिनट का दिया अल्टीमेटम
सीतारमण ने कलेक्टर से पूछा, 'जो चावल बाजार में 35 रुपये में बिक रहा है, वह यहां एक रुपये में लोगों को बांटा जा रहा है. बाकि 34 रुपये में से राज्य सरकार का कितना हिस्सा है? इसका जवाब कलेक्टर नहीं दे पाए. निर्मला सीतारमण ने इसके बाद कलेक्टर को आधे घंटे का समय दिया. अब आपको बताते हैं कि फ्री राशन के लिए केंद्र और राज्य सरकार कितने रुपये मुहैया कराती है?
फ्री राशन (Free Ration Scheme) पर कितना पैसा देती है केंद्र और राज्य सरकार?
वित्त मंत्री सीतारमण ने बताया कि मोदी सरकार लगभग 30 रुपये देती है और राज्य सरकार चार रुपये देती है, जबकि राशन कार्ड धारक से एक रुपया वसूला जाता है. उन्होंने यह भी बताया कि मार्च-अप्रैल 2020 से ना ही राज्य सरकार से पैसा मांगा जा रहा है और ना ही लाभार्थियों से, यानी कि केंद्र सरकार स्वयं ही बिना किसी योगदान के जनता को मुफ्त चावल उपलब्ध करा रही है.
तेलंगाना सरकार ने की निंदा
वित्त मंत्री के बयान पर तेलंगाना सरकार के स्वास्थ्य मंत्री टी हरीश राव ने कहा कि केंद्रीय मंत्री द्वारा राशन की दुकान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर रखने के लिए कहना असंगत है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत सिर्फ 50 से 55 फीसदी कार्डधारकों को प्रति माह तीन रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से 10 किलोग्राम चावल की आपूर्ति करता है और बाकि 45-50 फीसदी कार्डधारकों को तेलंगाना सरकार अपने खर्च से राशन मुहैया कराती है.
इनपुट: एजेंसी, ये ख़बर आपने पढ़ी देश की नंबर 1 हिंदी वेबसाइट Zeenews.com/Hindi पर