उन्होंने विपक्षी दलों के ‘महागठबंधन’ को ‘महामिलावट’ करार देते हुए कहा कि हमने जो काम किया है, उसे देखकर लगता है कि मोदी जी के नेतृत्व में हमें पिछली बार से अधिक सीटें मिलेंगी.
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नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने रविवार को कहा कि प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनने की उनकी न तो कोई महत्वाकांक्षा है और न ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की उन्हें उम्मीदवार के रूप में पेश करने की कोई मंशा है. आगामी लोकसभा चुनाव में खंडित जनादेश आने की स्थिति में भाजपा द्वारा गडकरी को प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर पेश करने को लेकर लग रहीं अटकलों के बीच पार्टी के वरिष्ठ नेता ने कहा कि वह दौड़ में नहीं हैं और उन्होंने जोर देकर कहा कि उनका मंत्र ‘‘अथक काम’’ करना है.
गडकरी ने एक साक्षात्कार में कहा कि मैंने न तो राजनीति और न ही काम में कोई हिसाब-किताब किया, कभी कोई लक्ष्य तय नहीं किया. मैं तो चला, जिधर चले रास्ता. जो काम दिखा, करता गया. मैं अपने देश के लिए सर्वश्रेष्ठ काम करने में भरोसा करता हूं.
भाजपा की ओर से उन्हें प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने संबंधी अटकलों को खारिज करते हुए गडकरी ने स्पष्ट किया कि न तो मेरे दिमाग में ऐसा कुछ है और न ही संघ की ऐसी कोई मंशा है. हमारे लिए देश सबसे ऊपर है. उन्होंने कहा कि मैं सपने नहीं देखता, न तो मैं किसी के पास जाता हूं और न ही लॉबिंग करता हूं. मैं इस दौड़ में नहीं हूं... मैं अपने दिल से आपको यह बात बता रहा हूं.
पूर्व भाजपा प्रमुख ने इन अटकलों के बारे में आगे कहा कि वह यह नहीं जानते कि लोग क्या सोच रहे हैं, लेकिन उनका इससे दूर-दूर तक कोई वास्ता नहीं है. गडकरी ने कहा कि वह और उनकी पार्टी मोदीजी के पीछे मजबूती से खड़ी है और वह बहुत अच्छा काम कर रहे हैं.
उन्होंने विपक्षी दलों के ‘महागठबंधन’ को ‘महामिलावट’ करार देते हुए कहा कि हमने जो काम किया है, उसे देखकर लगता है कि मोदी जी के नेतृत्व में हमें पिछली बार से अधिक सीटें मिलेंगी. गडकरी ने इस माह की शुरुआत में प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनने की होड़ में होने संबंधी अटकलों को ‘‘मुंगेरी लाल के हसीन सपने’’ करार दिया था.
विपक्षी दलों के सदस्यों के भी प्रिय होने के बारे में गडकरी ने कहा कि उनके पास जो कोई भी आता है, वह सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ उसकी मदद करने में यकीन रखते हैं. संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस के अन्य सदस्यों ने लोकसभा में पिछले महीने गडकरी के ‘‘शानदार’’ काम के लिए उनकी प्रशंसा की थी. गडकरी ने स्वयं को ‘‘अत्यधिक काम करने वाला’’ व्यक्ति बताया और कहा कि केंद्र सरकार ने ढांचागत सुविधाओं समेत विभिन्न क्षेत्रों में व्यापक स्तर पर काम किया है.
यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें लगता है कि मौजूदा कार्यकाल में कुछ कार्य पूरे नहीं हो पाए, गडकरी ने कहा कि उन्हें कोई खेद नहीं है क्योंकि, ‘‘जो भी काम किया जाना चाहिए था, मैंने किया... कोई भी परिपूर्ण नहीं हो सकता और किसी को यह नहीं सोचना चाहिए कि वह परिपूर्ण है. हर किसी को लगातार काम करना चाहिए.’’
गडकरी सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, जहाजरानी और जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्रालयों के प्रभारी हैं. उन्होंने राजनीति को ‘‘अनिवार्यताओं, सीमाओं और विरोधाभासों का खेल’’ बताते हुए कहा कि राजनीति और क्रिकेट में कुछ भी हो सकता है. गडकरी ने भरोसा जताया कि भाजपा को आगामी आम चुनाव में जबरदस्त जीत मिलेगी और उसकी सीटों की संख्या बढ़ेगी.
उन्होंने सरकार की विभिन्न पहलों का जिक्र करते हुए कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना से 10 करोड़ परिवारों को लाभ पहुंचा है, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 1.5 करोड़ मकान बनाए गए हैं और छह करोड़ लोगों को गैस सिलेंडर मिले हैं तथा यह संख्या 12 करोड़ तक जा सकती है.
गडकरी ने कहा कि गरीब को चूल्हे और कोयले से निजात मिल गई है. उज्ज्वला योजना के तहत (लोगों तक) बिजली पहुंची है और कई ऐसे कानूनों को समाप्त कर दिया गया है या उनमें संशोधन किया गया है, जो समय के साथ औचित्य खो चुके थे. गंगा को स्वच्छ बनाने की दिशा में किए गए कार्यों का जिक्र करते हुए गडकरी ने कहा कि हाल में ‘कुम्भ स्नान’ के लिए उनके दौरे के दौरान लोगों ने उन्हें बताया कि उन्होंने 50 साल में पहली बार नदी को ‘‘निर्मल और अविरल’’ पाया है.