Hyperloop Train In India: भारत में कब चलेगी ‘हाइपरलूप’ ट्रेन? नीति आयोग की तरफ से आया जवाब
Advertisement
trendingNow11945741

Hyperloop Train In India: भारत में कब चलेगी ‘हाइपरलूप’ ट्रेन? नीति आयोग की तरफ से आया जवाब

Hyperloop Future In India: हाइपरलूप (Hyperloop) ट्रेन में भारत ज्यादा इंटरेस्ट नहीं दिखा रहा है. नीति आयोग के मेंबर ने इस सवाल का जवाब दिया है.

Hyperloop Train In India: भारत में कब चलेगी ‘हाइपरलूप’ ट्रेन? नीति आयोग की तरफ से आया जवाब

Hyperloop Train Speed: भारत में हाइपरलूप (Hyperloop) कब चलेगी? इसके लिए और कितना इंजतार करना पड़ेगा, इसपर नीति आयोग के मेंबर ने जवाब दिया है. नीति आयोग के मेंबर ने कहा कि भारत में निकट भविष्य में हाइपरलूप ट्रेन चलने की संभावना नहीं है. नीति आयोग के सदस्य वी के सारस्वत ने कहा कि हाइपरलूप टेक्नोलॉजी को अपनाने की संभावना फिलहाल नहीं है. वी के सारस्वत ने कहा कि अभी यह प्रौद्योगिकी परिपक्वता के ‘बहुत निचले स्तर’ पर है और फिलहाल यह आर्थिक रूप से व्यवहार्य भी नहीं है.

क्या भारत में चलेगी हाइपरलूप?

बता दें कि वी के सारस्वत वर्जिन हाइपरलूप टेक्नोलॉजी और कमर्शियल फीजेबिलिटी का पता लगाने के लिए गठित हुई एक कमेटी की अगुवाई कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि कुछ विदेशी कंपनियों ने भारत में ये टेक्नोलॉजी लाने में इंटरेस्ट दिखाया है.

टेक्नोलॉजी में नहीं है मैच्योरिटी

सारस्वत ने कहा कि जहां तक ​​हमारा सवाल है, हाइपरलूप टेक्नोलॉजी के बारे में हमने पाया कि विदेशों से जो प्रपोजल आए थे, वे बहुत प्रैक्टिकल ऑप्शन नहीं हैं. वे टेक्नोलॉजी की मैच्योरिटी के मामले में बहुत निचले लेवल पर हैं. हाइपरलूप एक ‘हाई-स्पीड’ ट्रेन है, जो ट्यूब में वैक्यूम में चलती है. इसका प्रपोजल टेक्नोलॉजी इलेक्ट्रिक कार कंपनी टेस्ला और स्पेसएक्स के मालिक एलन मस्क की तरफ से है.

भारत ने क्यों नहीं दिया भाव?

नीति आयोग के मेंबर सारस्वत ने आगे कहा कि इसीलिए हमने अभी तक इसे ज्यादा इंपॉरटेंस नहीं दिया गया है. मुझे नहीं लगता कि नजदीकी भविष्य में हाइपरलूप टेक्नोलॉजी हमारे ट्रांसपोर्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर में शामिल होगी.

वर्जिन हाइपरलूप की टेस्टिंग 9 नवंबर, 2020 को अमेरिका के लास वेगास में हुई थी. 500 मीटर के ट्रैक पर एक पॉड के साथ इसे दौड़ाया गया था. इसमें एक भारतीय और अन्य यात्री सवार थे. इसकी रफ्तार 161 किलोमीटर प्रति घंटा से ज्यादा थी. सारस्वत का मानना है कि इस टेक्नोलॉजी की परिपक्वता का लेवल काफी कम है.

(इनपुट- भाषा)

Trending news