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AAP vs BJP: एमसीडी के एकीकरण को लेकर दिल्ली सरकार के मंत्री गोपाल राय ने केंद्र सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है. गोपाल राय के मुताबिक एमसीडी के एकीकरण के बाद दिल्ली के अंदर सभी विधानसभा क्षेत्रों और वार्डों में सफाई की व्यवस्था बुरी तरह से चरमरा गई है. केंद्र सरकार ने मनमानेपन से एकीकरण का फरमान सुनाया, जिसके बाद दिल्ली की व्यवस्था को ताक पर रख कर सो गई है. दिल्ली के पर्यावरण मंत्री का कहना है कि पहले सफाई से संबंधित शिकायतों को दर्ज कराना जनता के लिए मुमकिन था मगर अब दिल्लीवासियों का कोई माई-बाप नहीं है.
'दिल्ली में भ्रष्टाचार का बोल-बाला'
इतना ही नहीं, दिल्ली मंत्री के आरोपों के मुताबिक केंद्र सरकार ने एमसीडी एकीकरण से दिल्ली के कायाकल्प का दावा तो किया, मगर अब तक एक पैसे का फंड एमसीडी को नहीं दिया गया. 3 अधिकारी और 1 कमिश्नर बिठा कर उन्हें लगा कि दिल्ली की सभी समस्या सुलझ जाएगी. मगर व्यवस्था अब ध्वस्त है. गोपाल राय ने देश के गृहमंत्री और बीजेपी से मांग की कि दिल्ली में 15 साल एमसीडी में आपकी सत्ता रही, 10 साल की सत्ता के बाद पूरी दिल्ली में भ्रष्टाचार का बोल-बाला रहा. पूरी दिल्ली में गंदगी हुई.
गोपाल राय का भाजपा पर गंभीर आरोप
गोपाल राय ने आरोप लगाया कि बीजेपी ने स्वीकार किया कि अपने 272 पार्षदों पर चुनाव करवाएंगे तो इनकी जमानत जब्त हो जाएगी. इसलिए इन्होंने एक शॉर्टकट रास्ता अपनाया. सारे पार्षदों का टिकट काट दिल्ली के लोगों से दोबारा विश्वास मांगा. और 5 साल के लिए ऐसे लोगों को लेकर आए जिन्होंने भ्रष्टाचार में रही-सही कसर अंतिम पांच सालों में पूरी की. जो बीते 10 सालों में भ्रष्टाचार नहीं कर सके, उनका रिकॉर्ड अगले पांच सालों में तोड़ दिया. मंत्री ने आरोप लगाया कि पैसे की कमी के नाम पर एमसीडी के अंदर की संपत्तियां सरेआम बेची गई. जबकि पैसे की कमी भ्रष्टाचार के बढ़ने की वजह से हुई.
चुनाव हारने के डर से साजिश..
केंद्र सरकार पर साजिश का आरोप लगाते हुए कहा कि जब अगले चुनाव की बारी आई तो 9 मार्च को चुनाव कराने को लेकर चुनाव आयोग की पीसी रखी गई. जानबूझकर उसे कैंसल करा दी गई. आज दिल्ली की स्थिति बदतर है. केंद्र सरकार ने मनमाना निर्णय लिया. सवाल उठता है कि बीते 15 सालों में दिल्ली के कायाकल्प के लिए एकीकरण की याद क्यों नही आई! चुनाव हारने के डर से साजिश हुई. नफरत और बुलडोजर खूब चलाया गया. राजेंद्र नगर उप चुनाव का जिक्र करते हुए गोपाल राय ने कहा कि चुनावी वक्त में हमारे खिलाफ पोल खोल अभियान चलाया. मगर चुनाव परिणाम से साफ हो गया कि दिल्ली के लोग बीजेपी और एमसीडी के अंदर की भ्रष्ट राजनीति को नहीं चाहते.
'कर्मचारियों में जिम्मेदारी को लेकर भ्रम'
आपको बता दें कि दिल्ली सरकार ने केंद्र सरकार से मांग की है कि एमसीडी एकीकरण के बाद से दिल्ली के अंदर तीनों नगर निगम के अंदर का सेटप जस का तस है. फाइलें अपनी जगह पड़ी हुई हैं. कर्मचारियों में जिम्मेदारी को लेकर भ्रम है. मांग है कि एक टाइम बाउंड के तहत डीलिमिटेशन और चुनाव का वक्त तय किया जाए और दिल्ली के लोगों के सामने स्वरूप को स्पष्ट किया जाए. इस पर केंद्र सरकार से मीटिंग के सवाल पर गोपाल राय ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार मिलने का वक्त भी नहीं देती. अगर केंद्र सरकार ने त्वरित गति से सेल्फ नोटिस लेकर ये एक्शन लिया और दिल्ली के लोगों को मझधार में छोड़ा है तो अब दिल्ली की जनता को पार कराने की जिम्मेदारी भी उनकी ही है.
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