मुख्यमंत्री सर्वानन्द सोनोवाल ने मुस्लिम समाज से फिर से कहा, 1971 से पहले असम में निवास कर रहे किसी भी वैध भारतीय नागरिक को एनआरसी को लेकर डरने या घबराने की जरुरत नहीं है.
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गुवाहाटी: असम के मुख्यमंत्री ने इफ्तार पार्टी में शिरकत कर अल्पसंख्यों को असम सरकार और मोदी सरकार पर भरोसा रखने का आव्हान किया. उन्होंने कहा, एनआरसी के सम्पूर्ण ड्राफ्ट में सभी वैध भारतीय नागरिक शामिल होंगे. संभावित काटे गए लोगों को भी विदेशी न्याधिकरण में नागरिकता के दावे के उचित मौके मिलेंगे.
सोमवार को असम के मुख्यमंत्री सर्वानन्द सोनोवाल ने प्रदेश की राजधानी गुवाहाटी के उल्लूबारी स्थित हाज़ी मुसाफिरखाने में बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के इफ्तार न्योते में शिरकत कर मुसलमान समाज के लोगों से असम की बीजेपी,एजीपी, बीपीएफ गठबंधन सरकार और देश की मोदी सरकार पर भरोसा बनाये रखने का आह्वान किया.
इस कार्यक्रम में असम बीजेपी के राज्य अध्यक्ष रंजीत दास, गुवाहाटी से नवनिर्वाचित बीजेपी से लोकसभा सांसद कुवींन ओझा, मंत्री रंजीत दत्ता के अलावा राज्य अल्पसंख्यक हज़ कमिटी के प्रमुख नेकीबुर ज़मान के साथ मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार हृषिकेष गोस्वामी भी शामिल हुए.
गौरतलब है कि राज्य में हो रहे एनआरसी की प्रक्रिया अंतिम पड़ाव में है. सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार 31 जुलाई के अंदर सम्पूर्ण ड्राफ्ट प्रकाशित होने जा रहा है. असम के लाखों बांग्ला भाषी मुसलामानों पर संदेह की तलवार लटकी है. बताया जा रहा है कि असम की कुल आबादी 3.29 करोड़ में से 40 लाख लोग जिन्हें एनआरसी के फाइनल ड्राफ्ट में जगह नहीं मिली थी, उन्हें दोबारा आपत्ति और दावे के जरिए एनआरसी में 1971 के 25 मार्च से पहले के कोई भी निवासी प्रमाण पत्र के साथ नाम दर्ज करवाने का मौका दिया गया है.
सूत्रों के अनुसार एनआरसी के जुलाई में प्रकाशित होने जा रहे सम्पूर्ण ड्राफ्ट में तक़रीबन 10 से 15 लाख लोगों को जगह नहीं मिलने के आसार हैं. इसे लेकर असम में डर और शंका का माहौल है. असम के मुख्यमंत्री सर्वानन्द सोनोवाल ने हाल में दिए एक भाषण में विपक्षी दलों पर आरोप भी लगाया था कि असम में एनआरसी के सम्पूर्ण प्रक्रिया को बाधित करने की कोशिश की जा रही है. राज्य में भय और शंका का माहौल तैयार किया जा रहा है.
मुख्यमंत्री सर्वानन्द सोनोवाल ने मुस्लिम समाज से फिर से कहा, 1971 से पहले असम में निवास कर रहे किसी भी वैध भारतीय नागरिक को एनआरसी को लेकर डरने या घबराने की जरुरत नहीं है. सभी को अपनी भारतीय नागरिकता प्रमाणिकता के लिए बराबर मौका मिलेगा. इफ्तार के इस मौके पर राज्य में सभी लोगों के बीच भाईचारे और अमन के लिए मुख्यमंत्री ने दुआ भी की.
बता दें की असम सरकार केंद्र के सहयोग से 31 जुलाई के भीतर प्रकाशित होने जा रहे एनआरसी के सम्पूर्ण ड्राफ्ट के मद्देनज़र ड्राफ्ट से काटे गए सभी विदेशी नागरिकों के भारतीय नागरिकता दावे के लिए 1000 विदेशी न्याधिकरण की स्थापना करने की कयावद शुरू करने जा रही है.