अफगानिस्तान पर क्या होगी आगे की रणनीति? इन देशों के NSA के साथ आज Ajit Doval करेंगे अहम चर्चा
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अफगानिस्तान पर क्या होगी आगे की रणनीति? इन देशों के NSA के साथ आज Ajit Doval करेंगे अहम चर्चा

ईरान, रूस, उज्बेकिस्तान, कजाकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, ताजिकिस्तान और किर्गिस्तान के एनएसए ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार स्तरीय बैठक (NSA Level Regional Conference on Afghanistan) में भाग लेने की पुष्टि कर दी है.

अफगानिस्तान पर क्या होगी आगे की रणनीति? इन देशों के NSA के साथ आज Ajit Doval करेंगे अहम चर्चा

नई दिल्ली: अफगानिस्तान (Afghanistan) पर तालिबान (Taliban) के कब्जे के बाद पहली बार भारत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक सम्मेलन करने जा रहा है, जिसमें भारत समेत 8 देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) शामिल होंगे. अफगानिस्तान को लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार स्तरीय बैठक (NSA Level Regional Conference on Afghanistan) की अध्यक्षता भारत के एनएसए अजीत डोभाल करेंगे.

  1. बैठक में शामिल नहीं होंगे चीन और पाकिस्तान
  2. बैठक में अफगानिस्तान संबंधित मुद्दों पर होगी चर्चा
  3. सभी अहम पड़ोसी देश सम्मेलन में आमंत्रित

बैठक में शामिल नहीं होंगे चीन और पाकिस्तान

दिल्ली में आज आयोजित होने वाली बैठक में पाकिस्तान और चीन शामिल नहीं होंगे. चीन ने कहा है कि वह अफगानिस्तान पर क्षेत्रीय सुरक्षा वार्ता (Regional Conference on Afghanistan) में शामिल नहीं होगा. चीन ने भारत के निमंत्रण का जवाब देते हुए बैठक में शामिल ना होने की वजह इस मीटिंग का समय बताया है. हालांकि वह अफगानिस्तान पर भारत के साथ बहुपक्षीय और द्विपक्षीय रूप से बातचीत के लिए तैयार है. वहीं चीन के सहयोगी पाकिस्तान ने पहले ही बातचीत के आमंत्रण को ठुकरा दिया था.

सम्मेलन में शामिल होंगे ये देश

ईरान, रूस, उज्बेकिस्तान, कजाकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, ताजिकिस्तान और किर्गिस्तान के एनएसए ने इस सम्मेलन (NSA Level Regional Conference on Afghanistan) में भाग लेने की पुष्टि कर दी है. बातचीत में अफगानिस्तान की भागीदारी न होने पर सूत्रों ने कहा कि आठ में से कोई भी देश तालिबान सरकार को मान्यता नहीं देता है. उन्होंने कहा कि भारत ने भी तालिबान सरकार को मान्यता नहीं दिया है और इसलिए इसलिए उसने अफगानिस्तान को आमंत्रित नहीं किया है.

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बैठक में इन मुद्दों पर होगी चर्चा

सुरक्षा अधिकारियों की इस बैठक में सभी देश अफगान संकट के बाद आतंकवाद, कट्टरपंथ और मादक पदार्थों के बढ़ते खतरों से निपटने में व्यावहारिक सहयोग के लिए साझा दृष्टिकोण तलाशेंगे. सूत्रों ने कहा कि बैठक में शामिल हो रहे आठ देशों के बीच अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद की सुरक्षा जटिलताओं पर चर्चा होगी और बातचीत मुख्यत: चुनौतियों से निपटने के लिए व्यावहारिक चीजों पर सहयोग करने पर केंद्रित रहेगी. उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान से लोगों की सीमा पार आवाजाही के साथ-साथ वहां अमेरिकी बलों द्वारा छोड़े गए सैन्य उपकरणों और हथियारों से उत्पन्न खतरे पर भी सुरक्षा अधिकारियों द्वारा विचार-विमर्श किए जाने की उम्मीद है.

सभी अहम पड़ोसी देश सम्मेलन में आमंत्रित

NSA लेवल के इस सम्मेलन (NSA Level Regional Conference on Afghanistan) में केवल अफगानिस्तान से सटे हुए देश ही नहीं, बल्कि उसके आसपास के एशियाई देशों को भी आमंत्रित किया गया है. इस सम्मेलन की अध्यक्षता भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार NSA अजीत डोभाल (Ajit Doval) करेंगे और सम्मेलन का आयोजन 10 नवंबर को नई दिल्ली में होगा.

पीएम मोदी से भी मिलेंगे सभी देशों के एनएसए

इससे पहले ईरान ने 2018 और 2019 में इसी तरह के सम्मेलन की मेजबानी की थी. पाकिस्तान ने उनमें से किसी में भी भाग नहीं लिया था, हालांकि चीन उन सम्मेलनों में शामिल हुआ था. भाग लेने वाले देशों के एनएसए संयुक्त रूप से भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात करेंगे. अफगान वार्ता से पहले अजीत डोभाल मंगलवार को अपने समकक्ष उज्बेकिस्तान और ताजिकिस्तान के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे.
(न्यूज एजेंसी भाषा से इनपुट)

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