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नई दिल्ली: दिल्ली के स्कूलों से जुड़े सरकारी अफसर (Government Official) दिमाग से ये सोच निकाल दें कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे गंदगी में भी पढ़ाई कर लेंगे. अगर सरकारी स्कूल साफ-सुथरे नहीं हुए और यहां पढ़ने वाले गरीब बच्चों को गंदगी के बीच पढ़ाई करनी पड़ी तो इसकी सख्त सजा (Punishment) संबंधित अधिकारियों को दी जाएगी. मंगलवार को सरकारी स्कूलों में औचक निरीक्षण के दौरान दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने यह बात कही.
सरकारी स्कूल का निरीक्षण (Inspection) कर रहे दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया को मंगलवार को एक स्कूल में साफ-सफाई में खामी दिखाई दी. स्कूल में गंदगी देखकर उन्होंने स्कूल के एस्टेट मैनेजर को इसके लिए कड़ी फटकार लगाई. उप मुख्यमंत्री सिसोदिया (Deputy Chief Minister Sisodia) ने एस्टेट मैनेजर को फटकार लगाते हुए कहा कि स्कूल का कोना-कोना साफ होना चाहिए और एस्टेट मैनेजर दिमाग से ये सोच निकाल दें कि सरकारी स्कूल के बच्चे हैं तो गंदगी में पढ़ लेंगे, अगर स्कूल में सफाई नहीं हुई तो संबंधित लोगों को बख्शा नहीं जाएगा.
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यह लगातार दूसरा दिन है जब शिक्षा मंत्री का सरकारी स्कूलों (Government Schools) में औचक निरीक्षण जारी है. इससे पहले वह सोमवार को भी दिल्ली के स्कूलों में औचक निरीक्षण (Surprise Check) के लिए पहुंचे थे. मंगलवार को उन्होंने आरएसकेवी डी-ब्लाक जहांगीरपुरी का औचक निरीक्षण किया और स्कूल में चल रही विभिन्न शैक्षणिक गतिविधियों जैसे ईएमसी, हैप्पीनेस करिकुलम, देशभक्ति करिकुलम, रीडिंग कैंपेन आदि की प्रगति की जांच की और बच्चों से उनकी पढ़ाई को लेकर भी चर्चा की. सिसोदिया ने स्कूल में सफाई व्यवस्था में ढिलाई बरतने पर सख्त एतराज जताया.
इस दौरान सिसोदिया ने 11वीं क्लास में छात्राओं से ईएमसी क्लासेज (EMC Classes) के फायदे के बारे में पूछा तो बच्चों ने बताया कि ईएमसी और बिजनेस ब्लास्टर्स ने हमें ये सोच दी है कि नौकरी (Job) के पीछे नहीं भागना है बल्कि नौकरी देने वाला बनना है. साथ ही ईएमसी ने हमें जोखिम उठाते हुए कुछ नया करने-सीखने की प्रेरणा दी है. सिसोदिया ने स्कूल में 7वीं क्लास में चल रहे रीडिंग कैंपेन (Reading Campaign) का भी निरीक्षण किया, जहां बच्चे रोल-प्ले के माध्यम से लैंग्वेज सीख रहे थे.
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बच्चों ने हैप्पीनेस करिकुलम (Happiness Curriculum) और माइंडफुलनेस (Mindfulness) पर उपमुख्यमंत्री द्वारा किए गए सवालों का जवाब देते हुए कहा कि रोजाना पहले ही पीरियड में माइंडफुलनेस करने से मन शांत हो जाता है. साथ ही दिनभर पढ़ाई और दूसरी एक्टिविटीज में मन लगा रहता है. कुछ बच्चों ने बताया कि वो स्कूल के अलावा अवकाश वाले दिन घर पर माइंडफुलनेस का अभ्यास करते हैं. साथ ही बच्चों ने बताया कि देशभक्ति करिकुलम (Patriotic Curriculum) के माध्यम से हम सीख रहे हैं कि हमारे हर छोटे-बड़े एक्शन से किसी न किसी तरह हमारा देश प्रभावित होता है.
(इनपुट - आईएएनएस)
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