Omar Abdullah: 6 साल से राष्ट्रपति शासन के बाद अब जम्मू-कश्मीर को एक बार फिर से मुख्यमंत्री मिलने जा रहा है. उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने उमर अब्दुल्ला को सीएम पद की शपथ लेने के लिए बुधवार को बुलाया है.
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Jammu and Kashmir News: केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर को दो दिन बाद यानि 16 अक्टूबर को अपना पहला मुख्यमंत्री मिल जाएगा. उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने उमर अब्दुल्ला को बुधवार सुबह 11.30 बजे शपथ लेने के लिए बुलाया है. 10 साल बाद हुए चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस ने रिकॉर्ड जीत दर्ज की है.
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सोमवार को नेकां नेता उमर अब्दुल्ला को 16 अक्टूबर को केंद्र शासित प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के लिए आमंत्रित किया. यह आमंत्रण केंद्र द्वारा जम्मू-कश्मीर से राष्ट्रपति शासन हटाए जाने के एक दिन बाद दिया गया. अब्दुल्ला को लिखे पत्र में सिन्हा ने कहा कि मुझे जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला का 11 अक्टूबर, 2024 का पत्र मिला है, जिसमें बताया गया है कि आपको सर्वसम्मति से विधायक दल का नेता चुना गया है.
सिन्हा ने कहा कि उन्हें जम्मू-कश्मीर कांग्रेस प्रमुख तारिक हमीद कर्रा, माकपा सचिव जीएन मलिक, आप के राष्ट्रीय सचिव पंकज कुमार गुप्ता और निर्वाचित निर्दलीय विधायक प्यारे लाल शर्मा, सतीश शर्मा, मोहम्मद अकरम, रामेश्वर सिंह तथा मुजफ्फर इकबाल खान से भी नेशनल कॉन्फ्रेंस का समर्थन दिए जाने के बारे में पत्र मिला है. सिन्हा ने पत्र में लिखा कि मुझे आपको जम्मू-कश्मीर सरकार बनाने और उसका नेतृत्व करने के लिए आमंत्रित करते हुए खुशी हो रही है.
सिन्हा ने कहा कि मैं 16 अक्टूबर 2024 को 11:30 बजे एसकेआईसीसी, श्रीनगर में आपको और आपकी मंत्रिपरिषद के सदस्यों के रूप में शामिल करने के लिए आपके द्वारा अनुशंसित लोगों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाऊंगा. मैं इस अवसर पर आपके अत्यधिक सार्थक कार्यकाल और जम्मू-कश्मीर के लोगों के सर्वोत्तम हित में आपके प्रयासों में सफलता की कामना करता हूं. उपराज्यपाल के दूत ने अब्दुल्ला को पत्र सौंपा और उन्हें शपथग्रहण समारोह की तारीख और समय के बारे में सूचित किया. अब्दुल्ला ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा कि उपराज्यपाल के प्रधान सचिव का स्वागत करके खुशी हुई. उन्होंने उपराज्यपाल कार्यालय से एक पत्र मुझे सौंपा जिसमें मुझे जम्मू-कश्मीर में अगली सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया गया है.
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस गठबंधन ने जीत हासिल की है. चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस को 42 सीटों पर जीत मिली, जबकि कांग्रेस ने 6 सीटों पर जीत हासिल की. इसके बाद नेशनल कॉन्फ्रेंस ने बैठक में उमर अब्दुल्ला को अपना नेता चुना. अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद जम्मू-कश्मीर में पहली बार विधानसभा चुनाव हुए. इस चुनाव को लेकर लोग काफी उत्साहित थे. रविवार को जम्मू-कश्मीर से राष्ट्रपति शासन हटाया गया है. इसके बाद घाटी में नई सरकार के गठन का रास्ता साफ हुआ है.
इधर नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला पहले ही कह चुके हैं कि हम चुनाव जीत गए हैं तो इसका मतलब यह बिल्कुल भी नहीं हो जाता है कि अब हम अनुच्छेद 370 के मुद्दे को नहीं उठाएंगे. फारूक ने कहा कि यह मुद्दा हमारे लिए कल भी जिंदा था और आज भी जिंदा है. लेकिन, हमें इस बात का विशेष ध्यान रखना होगा कि हम उन लोगों से इसे वापस पाने की उम्मीद नहीं कर सकते हैं, जिन्होंने इसे हमसे छीना है, लेकिन यह लोकतंत्र है. एक दिन जब इस देश में नई सरकार बनेगी तो हम इस मुद्दे पर उनसे जरूर वार्ता करेंगे.
(एजेंसी इनपुट के साथ)