Leh-Manali Highway: BRO ने समय से पहले शुरू किया लेह-मनाली हाईवे को खोलने का काम, यूं मिली कामयाबी
Advertisement

Leh-Manali Highway: BRO ने समय से पहले शुरू किया लेह-मनाली हाईवे को खोलने का काम, यूं मिली कामयाबी

BRO ने बारालाच ला को खोलने के लिए दो तरफ से काम करने की योजना बनाई है. एक तरफ सर्चू से होकर रास्ता बनाया जाएगा वहीं दूसरी ओर पेट्सियो होकर. इसी महीने की 3 मार्च को हवाई सर्वेक्षण के बाद BRO की टीम ने मुश्किलों से भरी मुहिम शुरू की थी.

BRO की टीम ने बड़ी मुश्किलों को पार करते हुए समय से पहले काम शुरू कर दिया है...

नई दिल्ली: लद्दाख (Ladakh) को बाकी देश से जोड़ने वाले लेह-मनाली हाईवे (Leh-Manali Highway) को खोलने का काम इस साल समय से पहले शुरू कर दिया गया है. आमतौर पर ये हाईवे अप्रैल-मई में खोला जाता है लेकिन इस बार बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (BRO) ने इसे खोलने के लिए बेहद ठंड और बर्फ के तूफानों के बीच 16,040 फीट ऊंचे बारालाच ला पास को 14 मार्च को पार किया और काम की शुरूआत कर दी है. अभी तक के इतिहास में पहली बार BRO की टीम ने समय से पहले इतनी सर्दी और बर्फबारी के बीच से गुजरकर रास्ता खोलने का काम शुरू किया है.

  1. रंग लाई बीआरओ की मुहिम
  2. समय से पहले शुरू हुआ काम
  3. पहले अप्रैल-मई में होती थी शुरुआत

रणनीतिक अहमियत

भारत और चीन के बीच लद्दाख में पिछले साल मई से ही तनाव चल रहा है. हालांकि पेंगांग झील और चुशूल के इलाकों से सेनाओं की वापसी हो गई है लेकिन अभी भी कई जगह दोनों देशों के सैनिक आमने-सामने हैं. लद्दाख को जोड़े रखने के लिए एक रास्ता श्रीनगर से जोजिला दर्रे को पारकर है और दूसरा रास्ता मनाली से रोहतांग, बारालाच ला और तंगलांग ला होते हुए हैं.

ये भी पढ़ें- गृह मंत्रालय का प्रोजेक्ट 'Future Cop', अब ज्यादा अलर्ट-एडवांस होगी देश की पुलिस

दो बार नाकाम हुई कोशिश

BRO ने बारालाच ला को खोलने के लिए दो तरफ से काम करने की योजना बनाई है. एक तरफ सर्चू से होकर रास्ता बनाया जाएगा वहीं दूसरी ओर पेट्सियो होकर. इसी महीने की 3 मार्च को हवाई सर्वेक्षण के बाद BRO की टीम ने पैदल 20 किमी चलकर सर्चू पहुंचने की कोशिश शुरू की और 11 मार्च को एक जूनियर इंजिनियर और 5 सदस्यों ने साजोसामान के साथ बारालाच ला पार करने की तैयारी की लेकिन भारी बर्फबारी के कारण कामयाब नहीं हुए. 12 मार्च को भी दल को भारी  बर्फबारी की वजह से वापस लौटना पड़ा. 

fallback

रंग लाई मुहिम

इरादे मजबूत हों तो कोई भी काम असंभव नहीं होता. 13 मार्च को इस टीम ने भारी बर्फबारी के बीच बारालाच ला पार करने में कामयाबी हासिल की. हालांकि अंधेरा होने की वजह से उन्हें सर्चू से 7 किमी पहले ही बर्फ में रात काटनी पड़ी. 14 तारीख को 15-20 फीट ऊंची बर्फ को पार करते हुए बीआरओ की टीम सर्चू पहुंच गई और रास्ता खोलने का काम शुरू हो गया है.

LIVE TV

 

Trending news