तृणमूल कांग्रेस, कांग्रेस और वाम सहित विभिन्न दलों के सदस्यों ने उस समय हंगामा किया जब उप-सभापति हरिवंश ने दोनों विधेयकों को प्रवर समिति में भेजे जाने के प्रस्ताव पर मतविभाजन की उनकी मांग पर गौर नहीं किया.
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नई दिल्ली: राज्य सभा (Rajya Sabha) में रविवार को विपक्ष ने उस समय हंगामा किया जब सरकार ने कृषि से संबंधित दो विधेयकों को पारित कराने पर जोर दिया. तृणमूल कांग्रेस सदस्यों के नेतृत्व में कुछ विपक्षी सदस्य आसन के बिल्कुल पास आ गए. हंगामे के कारण बैठक को कुछ देर के लिए स्थगित कर दिया गया.
तृणमूल कांग्रेस, कांग्रेस और वाम सहित विभिन्न दलों के सदस्यों ने उस समय हंगामा किया जब उप-सभापति हरिवंश ने दोनों विधेयकों को प्रवर समिति में भेजे जाने के प्रस्ताव पर मतविभाजन की उनकी मांग पर गौर नहीं किया. इससे पहले नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने मांग की कि दोनों विधेयकों पर हुई चर्चा का जवाब कल के लिए स्थगित कर दिया जाए, क्योंकि रविवार को बैठक का निर्धारित समय समाप्त हो गया है.
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एक बार के स्थगन के बाद बैठक पुन: शुरू होने पर सदन ने कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सरलीकरण) विधेयक-2020 और कृषक (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा पर करार विधेयक-2020 को ध्वनिमत से मंजूरी दे दी. उस समय भी सदन में विपक्ष का हंगामा जारी था.
इस तरह सदन में शुरू हुई नोंकझोक
दोनों दलों के बीच यह नोंकझोंक उस समय हुई जब कृषि संबंधी दो विधेयकों पर चर्चा में वाईएसआर कांग्रेस के विजय साई रेड्डी ने कांग्रेस के बारे में एक टिप्पणी की. रेड्डी ने विधेयकों का समर्थन करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में ऐसे ही प्रावधानों का समर्थन किया था लेकिन वह अब विधेयकों का विरोध कर रही है. इस क्रम में उन्होंने कहा, ‘यह कांग्रेस का दोहरा मापदंड है.’
राज्य सभा की भूले मर्यादा
कांग्रेस के आनंद शर्मा ने रेड्डी की टिप्पणी पर आपत्ति जताते हुए कहा कि सदस्य का आचरण सदन की परंपराओं के अनुसार नहीं है और उन्हें अपने बयान को वापस लेकर माफी मांगनी चाहिए. उस समय पीठासीन उपसभापति एल हनुमंथैया ने कहा कि वह रिकॉर्ड पर गौर करेंगे और अगर कोई आपत्तिजनक टिप्पणी होगी तो उसे रिकॉर्ड से हटा दिया जाएगा. इसके बाद सदन का कामकाज सुचारू रूप से चलने लगा.
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