विपक्ष की बैठक में नहीं बुलाने पर खफा ओवैसी की पार्टी, कहा- हम राजनीति के अछूत, इसलिए...
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विपक्ष की बैठक में नहीं बुलाने पर खफा ओवैसी की पार्टी, कहा- हम राजनीति के अछूत, इसलिए...

पठान ने कहा कि गुजरात चुनावों के दौरान कांग्रेस को गाली देने वाले अरविंद केजरीवाल को भी इस बैठक में शामिल किया गया. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी बीजेपी को आगामी लोकसभा चुनाव में हराने के लिए कोशिश कर रही है, लेकिन विपक्ष उन्हें किनारे करने में लगा है.

विपक्ष की बैठक में नहीं बुलाने पर खफा ओवैसी की पार्टी, कहा- हम राजनीति के अछूत, इसलिए...

बेंगलुरु में हुई विपक्षी दलों की बैठक में कुल 26 पार्टियां शामिल हुईं. हालांकि, इसके बावजूद कई ऐसी विपक्षी पार्टियां रह गईं जिन्हें इस बैठक में शामिल होने का निमंत्रण नहीं मिला. इन्हीं में से एक है असदुद्दीन ओवैसी की ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) पार्टी. विपक्षी एकता के लिए सजे मंच से दरकिनार किए जाने के बाद एआईएमआईएम ने विपक्ष की बैठक पर निशाना साधा. 

एआईएमआईएम ने कहा कि उनके साथ राजनीतिक अछूत जैसा व्यवहार किया जा रहा है. पार्टी के नेशनल स्पोक्सपर्सन वारिस पठान ने कहा कि जो पार्टियां खुद को धर्मनिरपेक्ष बताती थीं, उन्होंने अपनी बैठक में एआईएमआईएम को नहीं बुलाया, हम उनके लिए राजनीतिक अछूत हो गए हैं. उन्होंने कहा कि इस बैठक में उन नेताओं को भी बुलाया गया और साथ बैठाया गया जो कभी भारतीय जनता पार्टी के साथ हुआ करते थे.

एआईएमआईएम के राष्ट्रीय प्रवक्ता वारिस पठान का इशारा जेडीयू नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे और जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री व पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती की तरफ था.

पठान ने कहा कि यही नहीं, गुजरात चुनावों के दौरान कांग्रेस को गाली देने वाले अरविंद केजरीवाल को भी इस बैठक में शामिल किया गया. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी बीजेपी को आगामी लोकसभा चुनाव में हराने के लिए कोशिश कर रही है, लेकिन विपक्ष उन्हें किनारे करने में लगा है.

विपक्ष के 26 दलों ने मंगलवार को बेंगलुरू में हुई अपनी बैठक में, अगले लोकसभा चुनाव के लिए अपनी चुनावी बिसात बिछाने का आगाज करते हुए ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव एलायंस (इंडिया)’ नाम से नए गठबंधन की घोषणा की थी.

पहले इस गठबंधन का नाम ‘‘इंडियन नेशनल डेमोक्रेटिक इन्क्लूसिव एलायंस’’ (इंडिया) रखने का विचार था, लेकिन कुछ नेताओं का तर्क था कि ‘डेमोक्रेटिक’ शब्द रखने से भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले ‘नेशनल डेमोक्रेटिक एलायंस’ (राजग) का भाव आता है. इसके बाद ‘डेमोक्रेटिक’ के स्थान पर ‘डेवलपमेंटल’ किया गया.

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