जम्मू कश्मीर पर पाकिस्तान-चीन की चाल एक बार फिर फेल, अमेरिका ने खुलकर विरोध किया
Advertisement
trendingNow1724051

जम्मू कश्मीर पर पाकिस्तान-चीन की चाल एक बार फिर फेल, अमेरिका ने खुलकर विरोध किया

अपने आयरन फ्रेंड चीन (China), के जरिए जम्मू कश्मीर (jammu kashmir)को 'अंतरराष्ट्रीय मसला' में जुटे पाकिस्तान को एक बार मुंह की खानी पड़ी है.

इमरान और जिनपिंग (फाइल फोटो)

न्यूयार्क: अपने आयरन फ्रेंड चीन (China), के जरिए जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) को 'अंतरराष्ट्रीय मसला' बनाने  में जुटे पाकिस्तान को एक बार मुंह की खानी पड़ी है. चीन की मांग पर गुरुवार को बुलाई गई संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UN Security Council)  की बैठक बिना किसी निष्कर्ष के खत्म हो गई. बंद कमरे में हुई अनौपचारिक बैठक में न तो चर्चा का कोई रिकॉर्ड मेनटेन किया गया और न ही अपना कोई निर्णय जाहिर किया गया. 

  1. पाकिस्तान के कहने पर चीन ने सुरक्षा परिषद में उठाया जम्मू कश्मीर का मसला
  2. अमेरिका समेत बाकी देशों ने चीन का विरोध किया
  3. बिना किसी रिकॉर्ड और निष्कर्ष के खत्म हो गई सुरक्षा परिषद की बैठक
  4.  

संयुक्‍त राष्‍ट्र (UN) में भारत (India) के स्‍थायी प्रतिनिधि राजदूत त्रिमूर्ति ने एक ट्वीट करके कहा, 'पाकिस्‍तान का एक और प्रयास विफल रहा। संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद की आज की बैठक बंद कमरे में हुई थी, अनौपचारिक थी, इसका कोई रेकॉर्ड नहीं रखा गया और यह इसका कोई परिणाम नहीं निकला। लगभग सभी देशों ने माना कि जम्‍मू-कश्‍मीर एक द्विपक्षीय मसला है और सुरक्षा परिषद के समय और ध्‍यान का हकदार नहीं है।'

 

सूत्रों के मुताबिक जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने पहली वर्षगांठ पर पाकिस्तान ने इस मसले को सुरक्षा परिषद में उठाने की चाल चली थी. लद्दाख को केंद्र प्रशासित रूख बनाने के फैसले और एलएसी पर भारत के कड़क रूख से बौखलाया चीन भी अपने सदाबहार दोस्त की चाल में शामिल हो गया. 

बुधवार को सुरक्षा परिषद की बंद कमरे में अनौपचारिक बैठक हुई. इस बैठक में अमेरिका के नेतृत्व में कई सदस्य देशों ने चीन के प्रस्ताव का विरोध किया और साफ कर दिया कि जम्मू- कश्मीर भारत पाकिस्तान के बीच का द्विपक्षीय मामला है. जिसे इस फोरम पर नहीं उठाया जा सकता. इसके बाद चर्चा बिना बगैर किसी निष्कर्ष के खत्म कर दी गई. चीन इससे पहले जनवरी में भी इसी प्रकार का एक प्रस्ताव सुरक्षा परिषद में लाने की कोशिश कर चुका है. जिसमें उसे मुंह की खानी पड़ी थी और प्रस्ताव बिना किसी निष्कर्ष के रद्द कर दिया गया था. 

यूएन में भारत के स्थाई दूत तिरुमूर्ति ने कहा कि पाकिस्तान चाहे कितनी भी कोशिश कर ले. वह जम्मू कश्मीर को अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बनाने में सफल नहीं हो सकेगा. किसी झूठ को 100 बार बोल देने से वह सच नहीं हो जाता. तिरुमूर्ति ने कहा कि यह चर्चा 'अन्य मुद्दों' की श्रेणी में हुई थी. इस श्रेणी में कोई भी सदस्य किसी भी मुद्दे को उठा सकता है. इस श्रेणी में होने वाली चर्चाओं की कोई गंभीरता नहीं होती. यहां तक कि स्थाई सदस्य देश होने के बावजूद चीन को इस साल मई में 'अन्य मुद्दों' की श्रेणी में हॉन्ग कॉन्ग पर हुई चर्चा में शामिल होना पड़ा था.

LIVE TV

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news