Parliament News: संसद की कार्यवाही के दौरान जो कुछ भी हुआ उसने पूरे देश को दंग करके रख दिया है. दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के मंदिर में जिस तरह सुरक्षा तार-तार हुई, उससे कई सवाल खड़े होते हैं.
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Parliament Security Breach Chronology: संसद भवन में हंगामा मचाने वाले चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. जबकि एक फरार आरोपी की तलाश जारी है. मामले की गंभीरता को देखते हुए सभी आरोपियों पर UAPA के तहत कार्रवाई होगी. यानी घटना की आतंकी साजिश के एंगल से जांच की जाएगी. वहीं संसद की सुरक्षा में चूक पर विपक्षी सांसदों ने गृहमंत्री अमित शाह से बयान की मांग की है. साथ ही आज I.N.D.I.A. के नेता राष्ट्रपति से भी मुलाकात कर सकते हैं. इस बीच, संसद भवन में हंगामा मचाने वालों ने इस घटना को कैसे अंजाम दिया, इसकी पूरी क्रोनोलॉजी समझ लीजिए.
संसद में सेंध की क्रोनोलॉजी
सभी आरोपी एक-दूसरे को जानते थे. वे 'भगत सिंह फैन क्लब' से जुड़े हुए थे. डेढ़ साल पहले ये सभी मैसूर में मिले थे. कुछ महीने पहले दूसरी मुलाकात हुई थी. चारों ने मिलकर प्लान तैयार किया था. फिर जुलाई में सागर लखनऊ आया था. 10 दिसंबर को सभी दिल्ली पहुंचे थे. ये लोग गुरुग्राम में विक्की के घर रुके थे. इसके बाद ललित झा भी गुरुग्राम पहुंचा था. अमोल महाराष्ट्र से कलर पटाखे लाया था. इंडिया गेट पर सभी एक साथ मिले थे. एक-दूसरे को कलर पटाखा बांटा था. दोपहर 12 बजे संसद भवन में ये लोग दाखिल हुए थे. ललित बाहर से वीडियो बना रहा था. हंगामे के बाद ललित फोन लेकर भागा. इन लोगों ने बातचीत के लिए सिग्नल ऐप का इस्तेमाल किया.
देश की सबसे सुरक्षित बिल्डिंग में कैसे पहुंचे?
हैरानी होती है कि 140 करोड़ की आबादी वाले मुल्क में 4 लोग देश की सबसे सुरक्षित इमारत के अंदर और बाहर हंगामा मचाते हैं. दर्जनों सांसदों के बीच पहुंच जाते हैं. स्मोक क्रैकर के जरिए धुआं उड़ाते हैं. ये वो हैरान और परेशान करने वाली घटना है, जो आजाद भारत के इतिहास में आज तक कभी नहीं हुई थी. करीब 28 मिनट तक 4 घुसपैठिए, संसद के अंदर और बाहर ना सिर्फ हंगामा करते रहे. बल्कि देश की गरिमा का मजाक भी बनाते रहे. पूरा तमाशा दोपहर साढ़े 12 बजे के बाद शुरू हुआ जब संसद भवन के परिसर में नीलम नाम की महिला और आमोल शिंदे नाम का युवक स्मोक क्रैकर से धुआं उड़ाते हुए नारे लगाने लगे.
संसद में अंदर हंगामा क्यों?
हालांकि, वहां सिक्योरिटी में तैनात जवानों ने दोनों को फौरन ही पकड़ लिया. मगर उनकी नारेबाजी जारी रही. खासकर मीडिया के कैमरे देखते ही नीलम ने सरकार के खिलाफ आरोपों की झड़ी लगा दी. अभी संसद भवन के बाहर का शोर थमा ही था कि एक बजे के करीब सांसदों के बीच आवाज गूंजी कि गलियारे से कोई गिर गया है. मगर फिर तुरंत समझ आ गया कि ये हादसा नहीं बल्कि सोची-समझी साजिश थी. संसद टीवी के कैमरे में दो लोग टेबल पर उछल-कूद मचाते नजर आए और फिर उनमें से एक ने अपने जूते से स्मोक क्रैकर निकाल कर नारेबाजी शुरू कर दी.
संसद पर हमले की 22वीं बरसी का दिन क्यों चुना?
अगले एक मिनट तक संसद के अंदर भागमभाग मची रही. लेकिन सिक्योरिटी गार्ड्स जब तक पहुंचते उससे पहले ही कुछ सांसदों ने मिलकर एक उपद्रवी को पकड़ लिया और उसकी मरम्मत शुरू कर दी. तब तक सुरक्षाकर्मी भी पहुंच गए और दोनों आरोपियों को फौरन गिरफ्त में ले लिया गया. जिस वक्त लोकसभा में दोनों आरोपियों ने घुसपैठ कर हंगामा मचाया, उस वक्त लोकसभा की कार्यवाही का संचालन बीजेपी सांसद राजेंद्र अग्रवाल कर रहे थे. बड़ा सवाल ये है कि संसद पर हमले की 22वीं बरसी के दिन इस हंगामे की असली वजह क्या है और अलग-अलग राज्यों से आए इन आरोपियों का सूत्रधार कौन है.
ये वो सवाल हैं, जिनका जवाब ढूंढने के लिए सुरक्षा एजेंसियां लगातार जुटी हुई हैं. अब तक मिली जानकारी के मुताबिक, संसद भवन में हंगामे को लेकर, दिल्ली पुलिस ने UAPA के तहत FIR दर्ज की है. सभी आरोपियों के खिलाफ टेरर एंगल से जांच होगी. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल मामले की जांच करेगी. दिल्ली पुलिस की एंटी टेरर यूनिट घटना की जांच में जुटी है. सभी आरोपियों से जुड़े ठिकानों पर लगातार छापेमारी जारी है.